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सराफा एसोसिएशन की विद्यार्थियों से प्रवेश लेने अपील, अतिथि प्राध्यापकों संग शुरु होगी पढ़ाई
20-Jun-2022 12:01 PM
सराफा एसोसिएशन की विद्यार्थियों से प्रवेश लेने अपील, अतिथि प्राध्यापकों संग शुरु होगी पढ़ाई

रायपुर, 20 जून। रायपुर सराफा एसोसिएशन की मांग और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद राजधानी रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में जेम्स एंड ज्वेलरी पाठ्यक्रम में प्रवेश करने के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए जा रहे हैं। पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 12वीं के छात्र अपने रोल नंबर के आधार पर शनिवार से पीआरएसयू डॉट एसी डॉट इन में जाकर ऑनलाइन आवेदन कर प्रवेश के लिए फार्म भर सकते हैं।

रविवि में 5 अतिथि प्राध्यापकों के साथ अगस्त माह में पढ़ाई की शुरुआत होगी। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने 12वीं के छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि प्रवेश लेने के लिए जल्द से जल्द आवेदन करें क्योंकि पहले चरण में 10 छात्र-छात्राओं प्रवेश दिया जाएगा।

इस संबंध में आज पंडित रविशंकर शुक्ला विद्यालय के कुलपति डॉ. केशरीलाल वर्मा से रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू, उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण लाहोटी, प्रहलाद सोनी, सह सचिव अनिल कुचेरिया, रविकांत लुक्कड़, व प्रमित नियोगी मुलाकात किया।
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि रविवि में पाठ्यक्रम के शुरु हो जाने से जहां युवाओं को स्व:रोजगार के अवसर मिलेंगे वहीं जेम्स एंड ज्वेलरी (रत्न- आभूषण) की पढ़ाई करने वाले छात्रों को 1 साल में डिप्लोमा सर्टिफिकेट और 3 साल पढ़ाई करने के बाद डिग्री प्रदान किया जाएगा।

वैसे भी छत्तीसगढ़ अपार खनिज संपदा से परिपूर्ण है लेकिन जेम्स एंड ज्वेलरी पाठ्यक्रम की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब देवभोग से हीरा और कोरंडम का उत्खनन शुरू होगा। सूरत और मुंबई में जेम्स एंड ज्वेलरी का पाठ्यक्रम शुरू भी हो चुका है और वहां पर जापान से अनफिनिश्ड हीरा आता है जिसकी कटिंग, फिनिशिंग और पॉलिशिंग का काम पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं कर रहे हैं।

श्री मालू ने बताया कि रविशंकर शुक्ल विद्यालय में जेम्स एंड ज्वेलरी कोर्स प्रारंभ करने के लिए राज्य सरकार ने 50 लाख रुपये का अनुदान भी दे दिया हैं जिसके माध्यम से यहां लैब और पाठ्यक्रम से संबधित दूसरी चीजें खरीदी जा चुकी हैं और कुछ चीजें खरीदना बाकी हैं। वैसे भी राजधानी रायपुर में 1999 से छत्तीसगढ़ रत्न प्रशिक्षण प्रयोगशाला भी संचालित हो रही है जहां पर रत्न आभूषण प्रमाणीकरण प्रशिक्षण और रत्नों को तराशा जा रहा हैं।

श्री मालू ने छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि एक ज्वैलरी डिजाइनर का मुख्य काम ज्वैलरी के स्टाइल और पैटर्न को सेट करना होता है। आप कंप्यूटर की मदद से ऐसा कर सकते हैं। आपको अपने ग्राहक की मांग को ध्यान में रखते हुए गोल्ड, सिल्वर, पर्ल, प्लेटिनम, आदि धातुओं को तराशकर उनसे कुछ अलग तरह के गहने बनाना जेम्स एंड ज्वेलरी पाठ्यक्रम के माध्यम से सीखें और कम से कम 15 से 20 हजार रुपये महीना आसानी से कमाएंगे।

रविवि में 5 अतिथि प्राध्यापकों के साथ संभवत: अगस्त माह से पाठ्यक्रम भी शुरु हो जाएगा, जिसके लिए शनिवार से ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा। पहले चरण में 10 छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा और ऑनलाइन आवेदन की छटनी के बाद 25 छात्र-छात्राओं के साथ पढ़ाई शुरु हो जाएगी।

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