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श्रीलंका: राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय के सभी प्रवेश द्वार बंद किए, 21 गिरफ्तार
20-Jun-2022 8:02 PM
श्रीलंका: राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय के सभी प्रवेश द्वार बंद किए, 21 गिरफ्तार

कोलंबो, 20 जून। श्रीलंका में अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन को लेकर राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने यहां राष्ट्रपति सचिवालय के सभी प्रवेश द्वार को बंद कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने सोमवार को एक बौद्ध भिक्षु, और चार महिलाओं सहित 21 लोगों को गिरफ्तार किया।

श्रीलंका में वर्तमान में लगभग 2.2 करोड़ लोगों का परिवार 70 से अधिक वर्षों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अत्यधिक ईंधन की कमी, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और दवाओं की कमी का सामना कर रही है। गाले फेस में प्रदर्शन स्थल गोटागोगामा में प्रदर्शन सोमवार को 73वें दिन में प्रवेश कर गया।

प्रदर्शनकारियों ने रविवार रात को राष्ट्रपति सचिवालय के प्रवेश द्वार के अलावा दो प्रवेश बिंदुओं को भी बंद कर दिया था, जिसे वे नौ अप्रैल से लगातार अवरुद्ध कर रहे हैं।

पुलिस ने एक बौद्ध भिक्षु और चार महिलाओं समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की वित्त मंत्रालय और सरकारी खजाने तक पहुंच प्रदान करने वाले दो गेट को अवरुद्ध करने की ये नयी कार्रवाई अनावश्यक थी। पुलिस दोनों गेट को खाली कराना चाहती है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की टीम वित्त मंत्रालय का दौरा करने वाली है।

आईएमएफ की टीम श्रीलंका की आर्थिक सुधार में सहयोग करने के लिए संभावित बेलआउट कार्यक्रम पर चर्चा जारी रखने के लिए कोलंबो का दौरा कर रही है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर गोटागोगामा पर विरोध नौ अप्रैल को शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारी अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के लिए सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं, जिससे वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं और देश का भंडार गिरकर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

व्यापक जन समर्थन के साथ कोलंबो में हुआ विरोध-प्रदर्शन देश के अन्य हिस्सों में फैल गया। श्रीलंका अपने इतिहास में पहली बार कर्ज को नहीं चुका पाया क्योंकि देश 70 से अधिक वर्षों में सबसे खराब वित्तीय संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका के विदेशी लेनदारों पर देय 50 बिलियन अमेरीकी डॉलर से अधिक के ऋणों के पुनर्गठन की मांग कर रहा है, ताकि इसे चुकाने के उद्देश्य से और अधिक प्रबंधनीय बनाया जा सके। विदेशी मुद्रा की कमी और बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण दवाओं, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है।

ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकारा ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका कर्ज के लिए एक नए क्रेडिट लाइन को लेकर भारत से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रहा है, जिससे नकदी की कमी वाले देश को अगले चार महीनों के लिए पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति करने की अनुमति मिलेगी।

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को कहा कि भारत से नया क्रेडिट लाइन मिलने पर जुलाई से अगले चार महीनों के लिए नकदी की कमी वाले राष्ट्र की ईंधन खरीद में सहयोग मिलेगा, यहां तक कि 3,500 मीट्रिक टन की एलपीजी शिपमेंट श्रीलंका पहुंच गई। (भाषा)

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