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रामकृष्ण केयर में फोर्थ जनरेशन रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी सिस्टम,छग के साथ मध्यभारत की भी पहली अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी होगी-डॉ. दवे
24-Jun-2022 12:18 PM
रामकृष्ण केयर में फोर्थ जनरेशन रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी सिस्टम,छग के साथ मध्यभारत की भी पहली अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी होगी-डॉ. दवे


रायपुर, 23 जून। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में छत्तीसगढ़ का पहला सर्जिकल रोबोट दा विंसी फोर्थ जनरेशन शुरु किया गया। चिकित्सा विज्ञान में अब तक इसे सबसे अत्याधुनिक सर्जरी माना गया है। ये तकनीक केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि सारे मध्यभारत में पहली ऐसी तकनीक होगी जहां एक्स्पर्ट किसी रोबोट के माध्यम से सर्जरी करेंगे। इसकी खासियत यह होगी कि पिसीजन के साथ-साथ इसमें मरीज को कम से कम चीरा लगेगा, घाव बहुत कम होगा, रक्त स्त्राव भी न के बराबर रहेगा, फलस्वरूप रिकवरी बहुत जल्द होगी।
 देश के जाने-माने लेपेरोस्कोपिक सर्जन, डॉ. संदीप दवे ने बताया कि मध्यभारत की अनेक प्रथम उपलब्धियों एवं नव प्रवर्तनों के अनन्तर अब एक नये अध्याय, रोबोटिक सर्जरी का प्रारंभ करने के साथ प्रदेश में एक नई क्रांति लाने का प्रयास किया है। इसके श्रेय के पीछे उनका विगत 30 वर्षों का गहन अनुभव एवं शल्यक्रिया की परिष्कृत दक्षता को जाता है।  

रोबोटिक सर्जरी, मिनीमली इन्वेसिव सर्जरी जिसमें बिना किसी चीर-फाड़ के दूरबीन के माध्यम ऑपरेशन किया जाता है का ही एक उन्नत एवं परिष्कृत प्रकार है जिसमें ऑपरेशन किये जाने वाले भाग का एक त्रियामी तथा अवर्धित प्रतिबिम्ब कैमरे के माध्यम से मॉनीटर पर दिखाई देता है।

रोबोटिक सर्जरी का प्रमुख लाभ यह है कि सर्जन जब अपने हाथों से ओपन सर्जरी अथवा लेपेरोस्कोपिक सर्जरी करता है तो सर्जरी के औजार शरीर के कुछ विशेष स्थानों एवं गहराई तक पहुंचाने में अनेक कठिनाईयां तथा जटिलताएं उत्पन्न होने को आशंका रहती है जबकि रोबोटिक सर्जरी सर्जन बिना किसी थकान के अधिक परिशुद्धता के साथ सर्जरी की संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न कर लेते हैं।

डॉ. दवे ने बताया कि दो वर्ष पूर्व के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 2500, यूरोप में 500, जापान में 200, दक्षिण कोरिया में 100 और भारत में मात्र 50 रोबोटिक सर्जरी की मशीने कार्यरत थीं। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ग्रुप सीईओ  जसदीप सिंह ने बताया कि सर्जिकल रोबोट एक सेल्फ पॉवर्ड, स्वत: संचालित तथा कम्प्यूटर द्वारा नियंत्रित एक मशीन होती है।

श्री सिंह ने बताया कि इसकी चार भुजाएं होती है जिसमें सर्जरी के औजार एवं कैमरा फिट रहते हैं। कम्प्यूटर में सर्जन स्वयं अपने द्वारा की जाने वाली विशिष्ट सर्जरी का संपूर्ण प्रोग्रामिंग बनाकर लगा देते हैं तथा रोबोट सर्जन के आदेशों का पालन ठीक उसी प्रकार करता रहता है जैसे एक सेवक मालिक का इसलिए सर्जन और रोबोट के संबंध को मास्टर स्लेव रिलेशनशीप कहा जाता है।

स्मरण रहे कि रोबोट स्वय कोई निर्णय नहीं लेता बल्कि वह सर्जन द्वारा दिये जाने वाले आदेशों का पालन ही करता है। रोबोटिक सर्जरी, अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी की 4 जरनेशन सर्जरी की छत्तीसगढ़ व मध्य भारत में शुरूआत हमारे लिये गौरव की बात है कि इसका फायदा पूर अंचल के मरीजों को मिलेगा जो पहले-इसके लिए महानगरों में जाते थे।

रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी के माध्यम से मरीजों को अत्याधुनिक टेक्नालॉजी के साथ ही स्पेशलिस्ट लेप्रोस्कोपिक सर्जन्स डॉ. संदीप दवे, डॉ. जव्वाद नकवी, डॉ. सिद्धार्थ तामस्कर एवं डॉ. विक्रम शर्मा की टीम के अनुभव द्वारा और भी बेहतर केयर मिलेगी। रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी सिस्टम की शुरूआत पर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मैनेजिंग एवं मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे के साथ निलेश गुप्ता, एवीपी ऑपरेशन भी उपस्थित थे।

डॉ. दवे ने यह भी बताया कि मरीजों को होने वाले फायदों में कम समय का हॉस्पिटलाइजेशन रहता है। लेजर गाइडेंस के कारण ऑपरेशन सटीक और सुरक्षित होता है। संक्रमण का न्यूनतम खतरा होता है।  रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी की खासियत यह है कि, यह सर्जन को, ऑपरेशन किये जाते समय, 3डी एच.डी. विजन के द्वारा शरीर के अंदर के ऑर्गन्स की स्पष्ट स्थिति बतलाती है, जिससे सर्जरी में आसानी होती है।

 

 

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