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रायपुर, 26 जून। हेरिटेज हॉस्पिटल(कचना, रायपुर), रायपुर आर्थोपेडिक सोसाइटी एवं छत्तीसगढ़ आर्थोपेडिक एसोसिएशन के तत्वावधान में इंडियन आर्थ्रोस्कोपी सोसाइटी की एक दिवसीय कार्यशाला होटल बेबीलॉन इंटरनेशनल में सम्पन्न हुई। कार्यशाला देश के ख्याति नाम आर्थ्रोस्कोपीक सर्जन डॉ. सचिन तपस्वी(पुणे), जो कि इंडियन आर्थ्रोस्कोपी सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (नेशनल प्रेसिडेंट) है, की देखरेख में की गई।
इस कार्यशाला में डॉ. तपस्वी के साथ लन्दन के डॉक्टर डॉ. बैजेन्द्र कुमार, मुंबई के डॉ. बिरारिस, नागपुर के डॉ. लड्ढा, इंदौर के डॉ. तन्तुये सहित देश एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश के कई प्रसिद्ध आर्थ्रोस्कोपी शल्य चिकित्सकों ने दूरबीन पद्धति से घुटने एवं कंधों के चोटों के इलाज के बारे में अपना अनुभव साझा किया।
इस कार्यशाला की विशेषता जोड़ों की चोट ग्रसित जटिल समस्याओं के निदान एवं उपचार के बारें में विचार विमर्श तो था ही, इसके साथ नए अस्थि रोग विशेषज्ञों को दूरबीन पद्धति से इलाज के बारे में अवगत कराने हेतु हेड्स ऑन वर्कशॉप, परीक्षण विधि का लाइव डेमांस्ट्रेशन एवं दूरबीन पद्धति से एक जटिल ऑपरेशन का भी लाइव डेमांस्ट्रेशन था। यह ऑपरेशन हेरिटेज हॉस्पिटल में पुणे के डॉ. तपस्वी एवं हेरिटेज हॉस्पिटल के आर्थ्रोस्कोपी एवं जोड प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. अंशु शेखर द्वारा किया गया। इस ऑपरेशन को बेबीलॉन होटल में लाइव प्रसारित किया गया।
इस कार्यशाला के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी हेरिटेज हॉस्पिटल के डॉ. अंशु शेखर ने बताया कि दूरबीन पद्धति से घुटने एवं कंधों की जटिल चोटों एवं अन्य विकारों का ऑपरेशन छोटे से चीरे से मरीज को कम से कम दर्द दिए हुए किया जाता है। ऑपरेशन में चीरा छोटा होने के कारण मरीज को कम दर्द एवं तकलीफ होती है एवं वो अपने कार्य पर (पारम्परिक ऑपरेशन की तुलना में ) जल्दी वापस जा सकता है। इस ऑपरेशन में होने वाला भी खर्च पारम्परिक ऑपरेशन से कम ही होता है। डॉ. शेखर ने बताया कि इस तरह के घुटने एवं कंधे के दूरबीन पद्धति के ऑपरेशन डॉ. शेखर द्वारा हेरिटेज हॉस्पिटल में सुचारु रूप से किये जा रहे है।