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अफगानिस्तान में भूकंप के बाद हर ओर तबाही का मंजर, लोगों को मदद का इंतजार
26-Jun-2022 9:24 PM
अफगानिस्तान में भूकंप के बाद हर ओर तबाही का मंजर, लोगों को मदद का इंतजार

गेयान (अफगानिस्तान), 26 जून। अफगानिस्तान में जब पिछले हफ्ते भूकंप आया तो नहीम गुल अपने पत्थर और मिट्टी के घर के नीचे दब गए।

मलबे में उनके पिता और दो बहनें भी दब गई जिससे उनकी मौत हो गई। गुल को यह नहीं पता कि कितने घंटे तक मलबे को हटाने के बाद उन्हें अपने पिता और बहनों के शव नज़र आए।

दक्षिण पूर्व अफगानिस्तान में बुधवार को आए छह तीव्रता के भूकंप ने दूरदराज़ के क्षेत्र में भंयकर तबाही मचाई है। इस वजह से कम से कम 1150 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों जख्मी हैं।

गुल के हर ओर तबाही है और मदद उन जैसे लोगों तक पहुंच नहीं पा रही है। भूकंप के दौरान घर की दीवार गिरने से उनके भांजे और भतीजे की भी मौत हुई है।

गुल ने अमेरिकी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटिड प्रेस’ से रविवार को कहा, “ मुझे नहीं पता कि हमारे साथ क्या होगा या हम कैसे फिर से अपनी जिंदगी शुरू करेंगे। हमारे पास फिर से शुरुआत करने के लिए धन भी नहीं है।”उनका हाथ और कंधा जख्मी हुआ है।

यह बात पक्तिका और खोस्त प्रांत के उन गांवों के हजारों लोगों ने कही जहां भूकंप ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है।

जो लोग बमुश्किल अपना गुज़र-बसर कर रहे थे, उन्होंने सबकुछ गंवा दिया है। अनेक लोगों तक तो अब तक राहत समूह एवं अधिकारी भी नहीं पहुंचे हैं। वे प्रभावित इलाकों तक पहुंचने की कोशश कर रहे हैं लेकिन रास्ते में भूस्खलन की वजह से पहुंच नहीं पा रहे हैं।

आर्थिक तंगी से जूझ कर रहे तालिबान को हालात का इल्म है और उसने विदेशी सहायता का आग्रह किया है और वाशिंगटन से अफगानिस्तान के अरबों डॉलर के भंडार को निकालने पर लगी रोक को हटाने की शनिवार को फिर से अपील की। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों और देशों ने मदद भेजी है।

चीन ने करीब 75 लाख डॉलर की आपात मानवीय सहायता भेजने का शनिवार को संकल्प लिया। वह ईरान पाकिस्तान, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात और कतर के साथ शामिल हो गया है जिन्होंने टेंट, तौलिए, बिस्तर और अन्य जरूरत का सामान भूकंप प्रभावित इलाकों में भेजा है।

संयुक्त राष्ट्र के उप विशेष प्रतिनिधि रमिज़ अलकबरोव ने शनिवार को प्रभावित पक्तिका प्रांत का दौरा किया और नुकसान का आकलन किया तथा खाद्य सामान, दवा और टेंट वितरित किए। संयुक्त राष्ट्र के हेलीकॉप्टर और ट्रक ब्रेड, आटा, चावल और कंबल लेकर प्रभावित इलाकों में पहुंचे।

ग्रामीणों ने लोगों के शव हाथों से मलबा खोदकर निकाले हैं और उन्हें सामूहिक कब्रों में दफनाया है। वे बारिश के बावजूद लकड़ी के पट्टों पर सो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक संगठन ओसीएचओ ने बताया कि करीब 800 परिवार खुले में रह रहे हैं।

गुल को गेयान जिले में एक स्थानीय परोपकारी संस्था की ओर से टेंट और कंबल मिला है, लेकिन उन्हें और उनके रिश्तेदारों को बुनियादी चीज़ों का भी खुद ही इंतजाम करना पड़ रहा है।

शुक्रवार को भूकंप बाद का ज़ोरदार झटका आया था जिसमें पांच और लोगों की मौत हो गई थी।

सरकार के आर्थिक हालात खराब होने के बीच ‘अफगानिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इनवेस्टमेंट’ ने रविवार को कहा कि उसने पक्तिका और खोस्त प्रांतों के लिए 15 लाख डॉलर जुटाए हैं।  (एपी)

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