विचार / लेख

प्रथम नागरिक
28-Jun-2022 1:06 PM
प्रथम नागरिक

-प्रकाश दुबे
औषधि और सौंदर्य प्रसाधन उत्पादन के साथ योग का योग साधने वाले रामदेव भी योग की शक्ति के बारे में प्रधानमंत्री से अधिक जानकारी का दावा करने में  सकपका जाएंगे। चाहें तो, प्रधानमंत्री के परम विश्वासपात्रों में शामिल येदियुरप्पा से पूछ सकते हैं। जिनके आगे नीति, नियम, कानून झुककर लचीले हो जाते हैं। बेटे को कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी या केन्द्र सरकार में अब तक जगह दिलाने में भले येदियुरप्पा सफल नहीं रहे। योग दिवस महोत्सव में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री ने मैसुरु शहर को पसंद किया। बंगलूरु की धरती पर कदम रखते ही चेहरे की मुस्कान ने सब कह दिया। प्रधानमंत्री के प्रथम विश्वासपात्र कन्नड़ नागरिक और उनके भक्तजनों के चेहरे दमक रहे थे। अकूत संपत्ति के आरोपों की जांच करने वाली विशेष अदालत ने येदियुरप्पा को तुरंत जमानत दी। बरसों से घिसट रहे आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे से येदियुरप्पा के चेहरे पर वैसे भी शिकन नहीं थी।  मुख्यमंत्री ने भी राहत की सांस ली। योग का ऐसा संयोग दुर्लभ होता है।   

सर्वोच्च सेनापति
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को विदेश यात्रा के साथ रोम में पोप और खाड़ी देश में भारतीयों से मिलने की अनुमति भी है। वेटिकन जाकर पोप को नमस्कार करने का अब तक एकाधिकार प्रधानमंत्री के पास था। प्रधानमंत्री और नवीन बाबू की उदारता का रिश्ता बहुत गहरा है। प्रधानमंत्री ने कहा-अश्विन वैष्णव अच्छा बाबू है। हमें चाहिए। नवीन बाबू ने वरिष्ठ नौकरशाह सौंपा। भाजपा में शामिल होकर वैष्णव मंत्री हैं। जबकि प्रधानमंत्री के भेजे अधिकारी शर्मा को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में हाशिए पर बिठा रखा था। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने की घोषणा भले अब की गई। नवीन पटनायक का समर्थन बहुत पहले हासिल हो चुका था। पटनायक ने विदेश से मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की। मुर्मू उनकी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा की फाइल उपराज्यपाल के पास अटकी है। ममता बनर्जी को विदेश जाने से रोका जा चुका है। क्षेत्रीय सेनाओं के असली कमांडर नवीन हैं। और उद्धव ठाकरे? उनकी सेना का हाल देखकर मुंह से निकलता है-शिव शिव।

नियुक्ति का अधिकार
राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होना छोटी बात नहीं है। अनुसूया उईके ने इसके लिए प्रचार का सहारा नहीं लिया। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसई सुंदरराजन ने हैदराबाद के राजभवन में देह शोषण और अत्याचार की शिकार महिलाओं की बैठक बुलाई। जमकर ढिंढोरा पीटा गया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव इन दिनों केन्द्र सरकार से नाराज़ हैं। लड़ाकू छवि से दिल्ली दरबार को प्रभावित करने का तरीका हमेशा कामयाब नहीं होता। तमिलसई का पूरा परिवार कांग्रेस और जनता पार्टी में रहा है। मोदी की चाय पर चर्चा की नकल पर तमिलसई ने चेन्नई में चिकन बेचा। चुनाव में तब लाभ नहीं मिला। पुदुचेरी में भाजपा को सत्ता में लाने में तमिलसई का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बहरहाल दिल्ली वालों की  राज्यपाल तमिलसई के बजाय मैदानी खुराफाती की  तलाश पूरी होती दिखाई दे रही है। आंध्र प्रदेश में जगन्मोहन रेड्डी दिल्ली के सहयोग से राज्य करें।  बहन शर्मिला वायएसआर तेलंगाना के परचम पर अल्पसंख्यक मतों को ललचाती विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। राव को बाहर से चुनौती देने का प्रेम पड़ा अलिखित नियुक्ति पत्र।

आपातकाल में दिया जलाओ
पीयूष गोयल को राज्यसभा में नेता पद तो मेडल की तरह है। उनका असली काम पार्टी और सरकार की माली हालत का ध्यान रखना है। गृहराज्य महाराष्ट्र में उठापटक, राज्यसभा चुनाव आदि के झमेलों से कई महकमों के मंत्री पीयूष किंचित मात्र परेशान नहीं हुए। उनका ध्यान अन्यत्र केन्द्रित था। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चुनाव या महाराष्ट्र, राजस्थान में विधायकों की मेंढक दौड़ कराने के लिए विशेषज्ञ मौजूद हैं। अपना पीयूष भाई एक ही बात पर ध्यान दे रहा है। इस मर्तबा दीपावली मनाते समय भारत के कारोबारी इंग्लैंड से मनचाहे तरीके से कारोबार कर सकें। सरकारी भाषा में कहा जाए तो भारत मुक्त व्यापार का करार हो जाए। प्रधानमंत्री मोदी और इंग्लैंड के बोरिस जान्सन की बात हो चुकी है। वाणिज्य मंत्री की सूची में कई देश दर्ज हैं। उनका वश चले तो अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे कई देशों से मुक्त व्यापार का करार करा दें। ताकि आजादी का असली अमृत महोत्सव मनाया जा सके।
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)

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