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महासमुंद नगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू, हार-जीत पर संशय बरकरार
04-Jul-2022 11:49 AM
महासमुंद नगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू, हार-जीत पर संशय बरकरार

नपाध्यक्ष अपनी कुर्सी पर बने रहेंगे या बागडोर किसी और हाथ में जाएगी, यह आज तय होगा

'छत्तीसगढ़' संवाददाता

महासमुंद, 4 जुलाई। आज महासमुंद नगर सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज सम्मिलन और चुनाव की प्रक्रिया पालिका परिसर में आज सुबह से शुरू हो चुका है। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक पार्टी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। हालांकि परिणाम आज ही दोपहर तक आ जाएगा। वर्तमान नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर अपनी कुर्सी पर बने रहेंगे या फिर पालिका की बागडोर किसी और हाथ में जाएगी, यह आज के इस सम्मिलन से तय हो जाएगा। सत्ता पक्ष व विपक्ष के कद्दावर और प्रदेश स्तरीय नेताओं का ध्यान इस पूरे घटनाक्रम पर है।

प्रशासन ने कल ही इस सम्मिलन और चुनाव की तैयारी पूरी कर ली थी। नगर पालिका कार्यालय के सभाकक्ष में 11 बजे से सम्मिलन शुरू होगा जहां सिर्फ  चुनाव अधिकारी और पार्षदों को प्रवेश दिया जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल हैं।

मालूम हो कि महासमुंद नगर पालिका के इतिहास में इस तरह के अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति दूसरी बार आई है। इससे पूर्व पिछले कार्यकाल में कांग्रेस व राकांपा के आठ पार्षदों ने तात्कालीन नपाउपाध्यक्ष भाजपा की कौशल्या बंसल के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तब श्रीमती बंसल अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल हो गई थीं।

इस बार कांग्रेस के 10 पार्षदों ने बीते 20 जून को जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर निलेशकुमार को नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आवेदन सौंपा था। जिस पर कलेक्टर ने चार जुलाई को सम्मिलन कराने के लिए एसडीएम भागवत जायसवाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है।

लगभग ढाई वर्ष पूर्व हुए नगर पालिका परिषद चुनाव में कांग्रेस समर्थित आठ, भाजपा के 14, आम आदमी पार्टी से एक, जोगी कांग्रेस से दो और पांच निर्दलीय पार्षद चुनाव जीतकर पालिका पहुंचे थे। पश्चात जोगी कांग्रेस की राशि त्रिभुवन महिलांग और निर्दलीय डमरूधर मांझी ने कांग्रेस प्रवेश कर लिया। इसके बाद कांग्रेस समर्थित पार्षदों की संख्या 10 हो गई। जनवरी 2020 में पार्षदों ने भाजपा के प्रकाश चंद्राकर को अध्यक्ष और कांग्रेस के कृष्णकुमार चंद्राकर को उपाध्यक्ष चुना।

लगभग छह माह बाद ही निर्दलीय पार्षद व पीआइसी के सभापति बबलू हरपाल, जकांछ पार्षद व सभापति राजेंद्र चंद्राकर ने सभापति पद से इस्तीफा देकर निर्दलीय जगत महानंद के साथ कांग्रेस प्रवेश कर लिया। निर्दलीय बड़े मुन्ना देवार और राहुल चंद्राकर ने भाजपा से हाथ मिला लिया। अब कांग्रेस के पास 13, भाजपा के 16 और आप से एक पार्षद परिषद में थे। अविश्वास प्रस्ताव आवेदन के बाद 25 जून को भाजपा के दो पार्षद सरला गोलू मदनकार व कमला बरिहा ने कांग्रेस प्रवेश किया तो कांग्रेस समर्थित कुल 15 पार्षद हो गए। वहीं भाजपा के पार्षदों की संख्या घटकर 14 हो गई है।

समाचार लिखते वक्त सुबह के साढ़े 10 बजे हैं। नगरपालिका में चहल पहल बढ़ गई है। शहर से बाहर अज्ञातवास पर गए भाजपा के आठ पार्षद और एक आम आदमी पार्टी की पार्षद अभी तक शहर में नहीं लौटे हैं। कहा जा रहा है कि ये सभी कांग्रेस के संपर्क में हैं और ऐन वक्त पर इन्हें पालिका में वोट देने के लिए बुलाया जाएगा। वाहन से उतरकर सभी सीधे वोटिंग के लिए जाएंगे। ऐसे में नगर पालिका की सरकार किसकी होगी इस पर संशय है।

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