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भिलाई के शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल का आज होगा अंतिम संस्कार
04-Jul-2022 1:57 PM
भिलाई के शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल का आज होगा अंतिम संस्कार

  पार्थिव शरीर और परिजन पहुंचे दिल्ली  
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 4 जुलाई।
दुर्ग जिले के नेहरू नगर निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय विगत दिनों ड्यूटी के दौरान भूस्खलन  की चपेट में आकर देश के लिए शहीद हो गए। उनका पार्थिव शरीर आज दोपहर 1 बजे इंफाल से आर्मी के दिल्ली हेड ऑफिस पहुंच चुका है। नई दिल्ली के बरार स्चयर मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भूस्खलन  के बाद लापता कपिल चार दिन बाद मृत पाए गए और यह खबर रविवार दोपहर भिलाई में उनके परिजनों को मिली। शहीद कपिल की मां और बहन सहित परिवार के अन्य लोग देर रात दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे।

विदित हो कि 1 दिसंबर 1979 को भिलाई में जन्मे लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव का बचपन से ही सपना था कि वो आर्मी में जाकर देश की सेवा करें। इसके लिए उन्होंने स्कूल लेवल से ही तैयारी शुरू कर दी थी। प्रारंभिक शिक्षा सेक्टर 10 सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई। आर्मी में जाना था, इसलिए उन्होंने एनसीसी ज्वाइन किया। इसके बाद सीडीएस की परीक्षा पास की। आर्मी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने हर एक कठिन से कठिन ट्रेनिंग को पास किया और सेना के बेस्ट ऑफिसर बने।

ड्यूटी के दौरान कपिल ने केदारनाथ जैसे कई जगहों पर प्राकृतिक आपदा में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए। इंफाल में भी वो रेलवे ट्रैक बिछाए जाने के लिए बनाए गए आर्मी कैंप को लीड कर रहे थे। जब उनके भूस्वखलन में फंसने की बात सामने आई तो किसी को ये विश्वास नहीं हो रहा था कि कपिल की जान जा सकती है। कल दोपहर परिजनों को आर्मी कैंप से फोन आया कि कपिल नहीं रहे।

कपिल के चाचा विनोद तिवारी ने बताया कि भूस्खलन  में लापता होने की घटना के बाद से पूरा परिवार डरा हुआ था। फोन की घंटी बजते ही कपिल की मां डर जाती थी। वो तुरंत फोन उठाती और यही पूछती कि कपिल कैसा है? कल जब कपिल के दुनिया से जाने की खबर आई तो मां और बड़ी बहन पूरी तरह टूट सी गईं। उन्हें दिलासा देने के लिए परिवार, रिश्तेदार और परिचित लोग पहुंचने लगे थे।
कपिल की बहन भावना पांडेय ने बताया कि कपिल हर शनिवार या रविवार को फोन करके मां और उनसे बात करता था। न जाने उसे ऐसा क्या महसूस हुआ कि उसने बुधवार को आर्मी बेस कैंप से दुर्घटना से कुछ सेकेंड पहले ही फोन किया। उसने मां से वीडियो कॉल पर बात भी की।

कपिल ने बुधवार रात करीब साढ़े 12.30 बजे अपनी मां को वीडियो कॉल किया था। मां ने उसे कहा कि अब वह अपना ट्रांसफर घर के नजदीक करवा ले। पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल छवि पांडेय भी यही चाहती थी। परिवार वालों का कहना है कि कपिल उनका ही नहीं पूरे देश का बेटा था। उसकी जिम्मेदारी पूरे देश के प्रति थी। उसने देश के लिए अपने प्राण देकर माता-पिता परिवार, जिला और पूरे छत्तीसगढ़ का मान बढ़ा दिया है।

शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय का अंतिम संस्कार कहां होगा, इसका परिवार के लोग निर्णय नहीं ले पा रहे थे। भावना ने कपिल की पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल छवि पांडेय से बात की। आर्मी हेडचर्टर से फोन आया तो परिवार वालों ने कहा कि कपिल भिलाई का बेटा था, इसलिए अंतिम संस्कार यहीं होना चाहिए। आर्मी के ऑफिसर्स ने उन्हें समझाया कि कपिल केवल भिलाई का ही बेटा नहीं था, वो पूरे देश का बेटा था। तीन-चार दिनों तक भूस्खलन  में फंसने से उसका पार्थिव शरीर इस लायक नहीं है कि उसे यहां लाया जाए। बाद में सभी ने यह तय किया उसका अंतिम संस्कार दिल्ली में किया जाए और आज दोपहर 1 बजे विमान से शहीद कपिल का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंच गया है। यहां उनके निवास पर अंतिम दर्शन पश्चात बरार स्चयर मुक्ति धाम में कपिल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

विदित हो कि कपिल के दो बच्चे हैं, उनका बड़ा बेटा 7 वर्ष का है जो कि दिल्ली में ही कपिल की बहन के साथ रहकर पढ़ाई करता है। कपिल की धर्मपत्नी छवि भी आर्मी में ही पदस्थ हैं। कपिल की बड़ी बहन भावना पाण्डेय भिलाई में ही पत्रकार तथा न्यू प्रेस क्लब आफ भिलाई नगर की अध्यक्ष भी हैं।
 

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