विचार / लेख
नरेन्द्र तोमर
-प्रकाश दुबे
द्रौपदी मुर्मू का गांव विश्वगुरु भारत की राष्ट्रपति बनने से पहले बिजली से जगमगा गया। इससे ही बड़ा चमत्कार काला पानी में हुआ। छोटे-बड़े 572 द्वीप-टापुओं को मिलाकर बने अंडमान निकोबार में महिलाओं के लिए जरूरी सेनिटरी नैपकिन बनने लगे हैं। चार लाख से कम जनसंख्या वाले द्वीप समूह में एक लाख 80 हजार के आसपास महिलाएं हैं। ग्रामीण बैंक ने मेरा पैड, मेरा अधिकार योजना के अंतर्गत उपेक्षित क्षेत्र में सहकारी बैंक के सहयोग से उत्पादन शुरु किया। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक यानी नाबार्ड ने स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर पहल की। सागर की गोद का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य कुलदीप राय शर्मा ने दौड़-भाग को नरेन्द्र तोमर के कृषि मंत्रालय का सहयोग मिला। देश भर में दर्जन भर नैपकिन उत्पादक इकाइयां शुरू की गई हैं। सांसद चाहते हैं कि दूरदराज के कुछ द्वीपों में इस बहाने महिलाओं को रोजगार मिले। विश्वगुरु देश के द्वीपों में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं हैं। उन्हें सांसद निधि से बनाया जा रहा है।
इक रुपहली लकीर
जगनमोहन रेड्डी
आंध्रप्रदेश में जिले का नामकरण डॉ. भीमराव बाबा साहब अम्बेडकर करने पर कुछ दिन पहले हिंसा हुई। मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने निर्णय नहीं बदला। मुख्यमंत्री किसी भी योजना के लिए करोड़ों रुपयों का ऐलान करते हैं। विरोधी उपहास करते हैं। शौचालय के अभाव में दूरदराज इलाकों में स्कूली बालिकाएं पढ़ाई छोड़ देती हैं। बालिकाओं और महिलाओं के लिए प्रसाधन की व्यवस्था करने का ऐलान करने वाले देश-दुलारों की भरमार है। जगन ने हर विद्यार्थी के नाम पर एक हजार रुपए जमा करने की योजना लागू की है। अम्मा वोदि नाम की योजना की रकम प्रसाधन रख-रखाव कोष में जमा होगी। रकम आबंटन मात्र से काम होने की गारंटी नहीं होती। इसका ध्यान रखते हुए स्कूल और प्रसाधन सुविधाओं की रकम और काम पर निगरानी रखने की निगरानी पालक समितियों की महिलाओं को सौंपी गई है। पिछले साल महामारी के कारण अनोखा तरीका नाकामयाब रहा। इंक्यावन हजार विद्यार्थियों को अम्मा वोदि का लाभ नहीं मिल सका। सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए पाठशाला में 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं थी।
एक आवाज-ए-हक
विजय कुमार पुलिस महानिरीक्षक
बाबा अमरनाथ की यात्रा कश्मीर और केन्द्र शासन के लिए किसी भी चुनावी परीक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है। दो बरस के अंतराल के बाद शुरू हुई यात्रा के लिए सबकी जिम्मेदारियां बांटी गई हैं। गुफा की रक्षा के लिए सेना के कमांडो तैनात किए गए हैं। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, एसएसबी, एसडीआरएफ के सिवाय खास-खास जगह एनडीआरएफ तैनात है। यात्रा शुरू होने से पहले तकरीबन रोज कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार सेना और अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे थे। बाबा अमरनाथ की गुफा में प्रवेश करने वाले पहले व्यक्ति विजय कुमार थे। यात्रा आरंभ होने से पहले उन्होंने गुफा के अंदर जाकर चप्पे-चप्पे का मुआयना किया। वहां लगे ड्रोन कैमरों की जांच-पड़ताल की। छत्तीसगढ़ में माओवादियों को दुरुस्त करने के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद को ध्वस्त करने भेजे गए विजय कुमार की हालत राखीबंद भाई जैसी है। उनकी 43 दिन की परीक्षा है। 11 अगस्त यानी रक्षाबंधन तक सब ठीक रहा तो केन्द्र सरकार चुनाव का डंका बजाएगी।
नबी की तरह!
चंद्रशेखर राव
दक्खन के पठार में ऐसी लड़ाई इतिहास में पहले दर्ज नहीं हुईं। दिल्ली की सल्तनत और तेलंगाना के निजाम के दिलचस्प दांवपेंच हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभास्थल की भारतीय जनता पार्टी ने वेदमंत्रों के साथ पूजा की। विधायक राजा सिंह की मौजूदगी खास थी। नूपुरनुमा बयानों के पड़दादा राजा सिंह को गूगल तक याद कर चुका है। प्रधानमंत्री की अगवानी करने तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव एक बार फिर नहीं पहुंचे। उसी वक्त विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हैदराबाद बुलाया। गोलचक्कर, चौराहों से लेकर अखबारों तक में बेहतर और बड़ी चमक के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चंद्रशेखर राव की होड़ थी। भाजपा कई पन्नों पर पसरी थी परंतु पहले पेज पर राव डटे थे। पूर्व प्रधानमंत्री पामुलपर्ति वेंकट नरसिंह राव की बेटी को तेलंगाना राष्ट्र्र समिति ने विधान परिषद सदस्य बनाया। तेलुगुबिड्डा नरसिंहराव की 101वीं जयंती के पीवी ज्ञानभूमि में अनेक कार्यक्रम हुए। नरसिंहराव को कांग्रेस भुला चुकी है। अयोध्या विवाद के दौरान राव का गौरव करने वाली भाजपा भी इस बार नरसिंह राव को भूल गई। (लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)
(सारे शीर्षक मखदूम मोइनुद्दीन की नज़्म से साभार)