खेल
-विधांशु कुमार
इंग्लैंड ने भारत को एजबैस्टन टेस्ट में सात विकेटों से हरा दिया.
सिरीज़ में भारतीय टीम 2-1 से आगे चल रही थी, लेकिन इस हार ने सिरीज़ को बराबरी पर ख़त्म किया.
इंग्लैंड के लिए जीत के हीरो रहे जॉनी बेयरस्टो जिन्होंने दोनों पारियों में शतक लगाया.
इस टेस्ट मैच में तीसरे दिन तक भारतीय टीम टॉप पर थी, लेकिन चौथे दिन टीम इंडिया ने कुछ ऐसी ग़लतियां की जिसकी वजह से उन्हें हार मिली.
नज़र डालते हैं सात ऐसे मुख्य कारणों की जिनकी वजह से बुमराह की टीम को हार मिली.
1. सेट बैट्समैन का बड़ा स्कोर न बनाना
हार की सबसे बड़ी वजह शायद यही थी की सेट बैट्समैन बड़ा स्केर नहीं कर पाए. हालांकि चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंच ने दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया लेकिन वो उसे बड़ी सेंचुरी में बदल नहीं सके.
शायद पहली पारी की बढ़त से इंडियन बैट्समैन का आत्मविश्वास बहुत बढ़ गया था कि मैच अब उनके हाथ में है.
हां. तीसरे दिन के बाद भारतीय टीम जीत के पोज़ीशन में थी लेकिन चौथे दिन की साधारण बल्लेबाज़ी नें इंग्लैंड को वापसी का मौक़ा दे दिया.
इंग्लैंड ने हाल ही में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ बड़े स्कोर का सफल पीछा किया था.इंग्लैंड के कप्तान ने भी कहा था कि उन्हें चेज़ करना पसंद है.
भारतीय टीम को लंबी बैटिंग करनी चाहिए थी जिससे इंग्लैंड मैच में वापसी करने की हालत में ही न रहे. लेकिन लगातार गिरते विकेट ने ऐसा होने नहीं दिया और इंग्लैडं के सामने ऐसा लक्ष्य रखा गया जिसे वो चेज़ करने की हिम्मत कर सकते थे.
2) शॉर्ट बॉल को ठीक से न खेलना
इंग्लैंड ने दूसरी पारी में भी शॉर्ट बोलिंग की और इस बार कई लो-आर्डर के भारतीय बल्लेबाज़ इस जाल में फंस गए.
बुमराह, शमी और शार्दुल ठाकुर सभी शॉर्ट बॉल का शिकार बने.
यहां तक की श्रेयस अय्यर भी शॉर्ट बॉल का शिकार बने.
भारत के बैटिंग कोच विक्रम राठौर ने कहा कि हमारे बल्लेबाज़ों ने शॉर्ट्स खेलने की कोशिश की लेकिन वो उसे ठीक तरह से खेल नहीं पाए और विकेट खोते रहे.
बल्लेबाज़ों को पता था कि शॉर्ट बॉल के लिए फ़ील्ड सेट की गई है इसलिए उन्हें बेहतर स्ट्रेटेजी की ज़रूरत थी.
3) बेयरस्टो का कैच ड्रॉप करना
इंग्लैंड के बल्लेबाज़ जॉनी बेयरस्टो शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. पिछली 5 पारियों में उन्होंने 4 शतक लगाए हैं, और तीन पारी मे लगातार तीन शतक लगा चुके हैं.
ऐसे इन-फॉर्म बैट्समैन को आउट करना विपक्षी टीम का सबसे बड़ा लक्ष्य होता है.
टीम इंडिया को भी दूसरी पारी में मौका मिला जब सिराज कि बोलिंग पर गेंद तेज़ी से हनुमा विहारी की तरफ़ आई.
लेकिन विहारी कैच लपक नहीं सके और बेयरस्टो को जीनवदान मिल गया. उसी वक्त ट्विटर पर फ़ैंस ने लिखा कि विहारी ने कैच नहीं, सिरिज गंवा दी है.
हुआ भी कुछ ऐसा ही जब बेयरस्टो ने एक बार फिर मैच जिताउ पारी खेली.
4) डिफ़ेंसिव फील्ड प्लेसमेंट
इंडिया ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में 'इन एंड आउट' फ़ील्ड प्लेसमेंट की, यानी फ़ील्डर्स कैच लेने की पोज़ीशन के अलावा बाउंड्री पर भी तैनात थे.
रन रोकने के लिए फ़ील्ड सजाने का मतलब था स्लिप कॉर्डन से भी कम से कम एक खिलाड़ी को बाहर निकालना.
पहली और दूसरी स्लिप के बीच इतनी दूरी बनी गई थी जिसकी आलोचना कमेंटेटर्स भी कर रहे थे.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने कहा कि टीम इंडिया की ऐसी टैक्टिस उनके समझ से बाहर थी.
उन्होंने कहा कि आख़िरी सत्र में गेंद रिवर्स स्विंग कर रही थी, ऐसे में बैट्समैन के लिए रन लेकर दूसरे छोर पर जाना आसान हो गया था क्योंकि फ़ील्ड ही ऐसी सेट की गई थी.
5) बुमराह के अलावा बाकी गेंदबाज़ फ़ेल
हालांकि दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह ने दो विकेट लेकर इंडियन टीम को एक मौका ज़रूर दिया था लेकिन उन्हें दूसरी छोर से मदद नहीं मिल सकी.
मोहम्मद शमी ने एक बार पिर अच्छी बोलिंग की लेकिन विकेट लेने में नाकामयाब रहे. वहीं सिराज़ को भी चौथे दिन कोई सफलता नहीं मिली.
आखिरी दो दिनों में स्पिनर्स से विकेट मिलने की उम्मीद थी लेकिन रवींद्र जाडेजा इस चुनौती में असफल रहे.
एक बार फिर ट्विटर पर लोगों ने रविचंद्रन अश्विन को याद किया कि शायद वो होते तो विकेट काते में ज़रूर होते.
चौथे सीमर के रूप में शार्दुल ठाकुर भी गैर-असरदार रहे और अगर वो अपनी पेस में इज़ाफ़ा नहीं कर पाते तो टीम में रहना मुश्किल हो सकता है.
6) बेयरस्टो-रूट की शानदार बल्लेबाज़ी
उन दोनों ने ऐसे वक्तमें टीम की कमान संभाली जब इंग्लैंड ने तुरंत 3 विकेट खोए थे.
लेकिन दोनों ने संभल कर खेला और ख़राब गेंदों पर जमकर प्रहार भी किया.
दोनों ने चौथे विकेट के लिए नाबाद 269 रन जोडे और इंग्लैंड को सिरिज़ बराबर करने का मौक़ा दिया.
जो रूट 142 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि बेयरस्टो ने मैच का दूसरा शतक लगाया और 114 नॉट आउट रन बनाए.
7) कोच मैक्कलम का योगदान
इंग्लैंड के नए कोच ब्रेंडन मैक्कलम ने टीम में नया जोश भर दिया है.
आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर मैक्कलम ने इंग्लैंड को भी आक्रामक क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया है.
उन्होंने टीम में नया जोश भर दिया है कि कितना भी बड़ा लक्ष्य क्यों ना हो, उसका पीछा किया जा सकता है.
इस मैच में भी इंग्लैंड ने अटैकिंग बैटिंग की और रनरेट लगभग 5 के करीब रखा.
मैक्कलम ने टीम से कहा है कि रिकॉर्ड्स तोड़ने के लिए होते हैं इसलिए किसी भी स्थिति से वो ना डरें. यही पॉज़िटिव क्रिकेट इंग्लैंड के काम आ रहा है और भारत पर भारी पड़ गया. (bbc.com)