राष्ट्रीय

पीएम ने उपराष्ट्रपति नायडू को विदाई दी, कहा : उनके फैसले मार्गदर्शन करते रहेंगे
08-Aug-2022 4:39 PM
पीएम ने उपराष्ट्रपति नायडू को विदाई दी, कहा : उनके फैसले मार्गदर्शन करते रहेंगे

(Photo: Rajya Sabha/IANS)

 नई दिल्ली, 8 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को निवर्तमान उपराष्ट्रपति नायडू को विदाई देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा लिए गए कई फैसलों को सदन की आगे की यात्रा के लिए याद किया जाएगा। मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति, जो उच्च सदन के पदेन सभापति हैं, द्वारा स्थापित प्रणालियों ने सदन में कामकाज के र्ढे को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व के वर्षो के दौरान सदन की उत्पादकता में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 177 बिल पारित किए गए या उन पर चर्चा की गई, जो एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा, "आपने इतने सारे फैसले लिए हैं जो उच्च सदन की आगे की यात्रा के लिए याद किए जाएंगे।"


प्रधानमंत्री ने ऐसे कई पलों को याद किया जो नायडू की बुद्धिमत्ता और सूझबूझ से चिह्न्ति थे। प्रधानमंत्री ने कहा : "इस साल का 15 अगस्त ऐसा स्वतंत्रता दिवस होगा, जब ऐसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री रहेंगे, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ होगा। उनमें से प्रत्येक बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं। इसका एक बड़ा प्रतीकात्मक मूल्य है और यह एक नए युग की झलक है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक जीवन में अपने द्वारा निभाई गई सभी भूमिकाओं में देश के युवाओं को उपराष्ट्रपति के निरंतर प्रोत्साहन को याद किया और सदन में भी हमेशा युवा सदस्यों को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, "हमारे उपाध्यक्ष के रूप में आपने युवा कल्याण के लिए बहुत समय दिया। आपके बहुत सारे कार्यक्रम युवा शक्ति पर केंद्रित थे।"

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने कहा कि उपराष्ट्रपति के भाषणों में से 25 प्रतिशत सदन के बाहर और देश के युवाओं के बीच हुए थे।

पीएम ने नायडू के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को रेखांकित करते हुए पार्टी कार्यकर्ता के रूप में उपराष्ट्रपति की वैचारिक प्रतिबद्धता, विधायक के रूप में काम, एक सांसद के रूप में गतिविधि, भाजपा अध्यक्ष के रूप में संगठनात्मक कौशल, मंत्री के रूप में उनकी कड़ी मेहनत, कूटनीति और सभापति के रूप में गरिमा बनाए रखने के लिए सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में लोग नायडू से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

उपराष्ट्रपति की बुद्धि और शब्दशक्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, "आपका प्रत्येक शब्द सुना, पसंद किया जाता है और कभी भी काउंटर नहीं किया जाता। भाषाओं पर नायडू जी की अच्छा पकड़ रही है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "उपराष्ट्रपति के रूप में उनके कौशल ने सदन में और बाहर बहुत प्रभाव डाला है। नायडू जी जो कहते हैं, उसमें गहराई और सार दोनों रहते हैं, जो अतुलनीय है।"

उन्होंने मातृभाषा के प्रति नायडू के प्रेम का जिक्र करते हुए कहा, "वेंकैया जी के बारे में एक सराहनीय बात भारतीय भाषाओं के प्रति उनका जुनून है। यह इस बात से परिलक्षित होता है कि उन्होंने सदन की अध्यक्षता कैसे की। उन्होंने राज्यसभा की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान दिया।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं आपके मानकों में लोकतंत्र की परिपक्वता देखता हूं।"

उन्होंने नायडू के उस समायोजन, संचार और समन्वय की सराहना की, जिसकी बदौलत उन्होंने कठिन क्षणों में भी सदन को चालू रखा और प्रधानमंत्री ने नायडू के इस विचार की प्रशंसा की कि "सरकार को प्रस्ताव दें, विपक्ष को विरोध करने दें और सदन को निपटाने दें।"

उन्होंने कहा, "इस सदन को दूसरे सदन के प्रस्तावों को स्वीकार करने, अस्वीकार करने या संशोधित करने का अधिकार है, लेकिन हमारा लोकतंत्र दूसरे सदन से प्राप्त प्रस्तावों को रोकने की परिकल्पना नहीं करता।" (आईएएनएस)|

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news