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पाकिस्तान मूल की सानिया ने टिक टॉक पर सुनाई कहानी और पूर्व पति ने मार डाला
11-Aug-2022 9:47 PM
पाकिस्तान मूल की सानिया ने टिक टॉक पर सुनाई कहानी और पूर्व पति ने मार डाला

इमेज स्रोत,SANIA KAHN

-सैम कबराल

सानिया ख़ान कहती थीं कि जब वह अपनी असफल शादी से बाहर निकलीं तो उनके दक्षिण एशियाई मुस्लिम समुदाय ने उन्हें ऐसा महसूस कराया जैसे उनकी 'ज़िंदगी नाकाम' हो चुकी है.

लेकिन फिर उन्हें टिक टॉक ने सहारा दिया, जहाँ उन्हें अनजान लोगों से समर्थन और सहारा मिला.

अमेरिका में रहने वाली पाकिस्तानी मूल की सानिया इस सब के बीच अपनी ज़िंदगी संभाल ही रही थीं कि तभी उनका पूर्व पति लौटा, और उन्हें मार डाला.

इस रिपोर्ट के में ऐसे विवरण हैं जो कुछ दर्शकों को विचलित कर सकते हैं.

21 जुलाई - सानिया ख़ान ने पूरी तैयारी कर ली थी. उनके बैग पैक हो चुके थे. अमेरिका के इलिनॉय राज्य के शिकागो शहर से वो बस निकलने वाली थीं.

29 वर्षीय सानिया अपनी पुरानी ज़िंदगी को पीछे छोड़ एक नई शुरुआत की ओर क़दम बढ़ा रही थीं.

मगर हुआ कुछ और. अमेरिका के टेनेसी में वो अपने घर लौटीं - एक ताबूत में.

इसके तीन दिन पहले, पुलिस को सानिया शिकागो में एक घर के दरवाज़े के पास गिरी मिलीं, उनके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी. ये वो घर था जहाँ वो कभी अपने पति राहील अहमद के साथ रहा करती थीं, जिनसे वो अब अलग हो चुकी थीं. उनके सिर के पीछे गोली लगी थी, और उनकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी.

पुलिस के आने पर 36 साल के राहील अहमद ने खुद को भी गोली मार ली. और उनकी भी मौत हो गई.

शिकागो सन-टाइम्स के साथ साझा की गई पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक ''सानिया और राहील का तलाक़ हुआ था.''

तलाक़ के बाद राहील एक दूसरे शहर में रहने चले गए थे. लेकिन ''अपनी शादी को बचाने के लिए'' वो 700 मील का सफर तय करके अपने पुराने घर वापस आए थे.

सानिया ख़ान की ज़िंदगी का ये सबसे दुखद और अंतिम अध्याय बन गया.

सानिया एक युवा पाकिस्तानी-अमेरिकी फोटोग्राफ़र थीं जिन्हें हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर ऐसी महिला के तौर पर पहचान मिली थी जो ख़राब शादी के सदमे और तलाक़ से जुड़े कलंक के ख़िलाफ़ लड़ रही हैं.

उनकी मौत से उनके दोस्त को तगड़ा झटका लगा है. उनके ऑनलाइन प्रशंसक और कई महिलाओं के लिए भी ये हैरानी की बात है.

ये महिलाएं कहती हैं कि वो सामाजिक दबाव के चलते एक झंझावातों में फँसी शादी निभाने को मजबूर हैं.

सानिया के साथ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक दोस्त ब्रिआना विलियम्स बताती हैं, ''सानिया के लिए 29वाँ साल एक नई शुरुआत बनने वाला था. वो बहुत खुश थीं.''

सानिया के दोस्तों के लिए वो एक सच्ची, सकारात्मक और निस्वार्थ महिला थीं. 31 साल की मेहरू शेख़ सानिया को अपनी सबसे अच्छी दोस्त बताती हैं.

मेहरू कहती हैं, ''भले ही उनकी ज़िंदगी में मुश्किलें चल रही हों लेकिन आपका दिन कैसा गुज़र रहा है, ये पूछने वाली वह पहली शख़्स होती थीं.''

इंस्टाग्राम पर उन्होंने अपना पहला सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल बनाया था. फोटोग्राफ़ी को अपना जुनून बताते हुए उन्होंने लिखा है, ''मैं लोगों को कैमरा के सामने ख़ुद के और एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाने में मदद करती हूं.''

सानिया ख़ान अक्सर बड़े क्लाइंट्स के लिए शादियों, मैटरनिटी, बेबी शावर और अन्य बडे़ मौकों की फोटोग्राफी किया करती थीं.

मेहरू शेख़ बताती हैं, ''कैमरा के पीछे वो जीवंत लगती थीं. उन्हें लोगों को कैमरा के सामने सहज करने और उनके स्वाभाविक हाव-भाव को कैमरे में कैद करने की कला हासिल थी.''

जब पति की मानसिक बीमारी का पता चला
सानिया अपनी ज़िंदगी में भी इसी तरह की खुशी चाहती थीं. राहील अहमद से पांच साल के रिश्ते के बाद दोनों ने जून 2021 में शादी कर ली और दोनों शिकागो रहने चले गए.

उनके बचपन की एक दोस्त ने बताया है कि ''उनकी शादी एक बहुत ही भव्य और पाकिस्तानी अंदाज़ में हुई थी. लेकिन, वो शादी झूठ के पुलिंदों पर खड़ी थी.''

सानिया के दोस्तों का दावा है कि राहील अहमद को लंबे समय से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थीं. दोनों शादी से पहले ज़्यादातर लॉन्ग डिस्टेंस रिश्ते में थे जिसके कारण दोनों एक-दूसरे के बारे में ठीक से नहीं जान पाए.

सानिया की दोस्त कहती हैं कि सानिया ने उन्हें बताया था कि दिसंबर में परेशानियां काफ़ी बढ़ गयीं क्योंकि राहील अहमद की मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं एक संकट में तब्दील हो गयीं जिससे उन्होंने (सानिया) खुद को असुरक्षित महसूस किया.

बीबीसी ने इस संबंध में राहील अहमद के परिवार से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.

सानिया ख़ान के परिवार ने भी इस संबंध में बात करने से इनकार कर दिया है.

क्या कहते हैं आँकड़े

वॉयलेंस पॉलिसी सेंटर के मुताबिक, अमेरिका में हर हफ़्ते एक दर्जन हत्या-आत्महत्या के मामले आते हैं. इनमें से दो तिहाई मामले दंपतियों के बीच होते हैं.

अपने पार्टनर के साथ ख़राब रिश्तों में रह रही महिलाओं के लिए मानसिक बीमारी और रिश्तों की समस्याएं सबसे बड़े ख़तरे माने जाते हैं.

घरेलू हिंसा विशेषज्ञ कहते हैं कि महिलाओं को रिश्ते से अलग होने पर अपने ही पार्टनर से मारे जाने का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है.

लेकिन दिसंबर में जो हुआ उसके बाद सानिया ख़ान ने अपनी असफल होती शादी के बारे में दोस्तों से बात करने का फ़ैसला किया.

दोस्त बताते हैं कि सानिया ने अपने वैवाहिक जीवन से जुड़ी मुश्किलों के बारे में बताया. इन दोस्तों के मुताबिक़, सानिया ने बताया था कि उनके पति रात को सोते नहीं हैं और अज़ीब सा व्यवहार करते हैं. वो किसी से मदद या थेरेपी भी नहीं लेना चाहते और उनकी मानसिक बीमारी सानिया के लिए बोझ बनती जा रही है.

दोस्तों का आरोप है कि जब वो सानिया को शादी से निकलने के लिए बोल रहे थे तो दूसरे शख़्स उन्हें शादी में बने रहने की सलाह दे रहे थे.

26 साल की ब्रिआना विलियम्स ने कहा कि जब वो आख़िरी बार मई में शिकागो में मिले थे तो सानिया रो पड़ी थीं.

उन्होंने बीबीसी को बताया, ''सानिया ने कहा था कि तलाक़ को शर्मनाक माना जाता है और वो बिल्कुल अकेली पड़ गई हैं. वो कहा करती थीं कि लोग क्या कहेंगे.''

सानिया ख़ान के माता-पिता का भी तलाक़ हो गया था.

ऐसे में उन्हें अनुभव था कि समाज में शादी से अलग होने पर लोगों की कैसी प्रतिक्रिया होती है.

समाज के दबाव से जूझते लोग
शिकागो की एक संस्था 'अपना घर' की एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर नेहा गिल कहती हैं, ''परिवारों पर बहुत सांस्कृतिक दबाव होता है, उन्हें चिंता होती है कि दुनिया इसे कैसे देखेगी.''

'अपना घर' शादी में दुर्व्यवहार का सामना करने वाली दक्षिण एशियाई महिलाओं को सांस्कृतिक तौर पर अहम सेवाएं प्रदान करता है.

नेहा गिल कहती हैं, ''कई दक्षिण एशियाई समुदाय महिलाओं को कमतर मानते हैं और उन्हें लगता है कि महिलाओं पर किसी का नियंत्रण होना ज़रूरी है. संस्कृतियां बहुत सामुदायिक है यानी वो निजी सुरक्षा और भलाई से ऊपर परिवार या समुदाय को रखते हैं.''

लेकिन, अपने दोस्तों की मदद से सानिया ख़ान ने तलाक़ फाइल किया और अगस्त में इसकी सुनवाई होनी थी.

दोस्तों ने बताया कि उन्होंने अपने दरवाज़ों के ताले भी बदल लिए थे.

उन्होंने टिकटॉक पर अपनी कहानी बतानी शुरू की और वहां अपना नाम ''द ब्लैक शीप'' रखा था.

उनकी एक पोस्ट में लिखा था, ''दक्षिण एशियाई महिला होने के नाते तलाक़ से गुजरना ज़िंदगी में असफल होने जैसा लगता है.''

एक और पोस्ट कहती है, ''मेरे परिवार के लोगों ने मुझसे कहा कि अगर मैं अपने पति को छोड़ दूंगी तो मैं शैतान को जीतने दूंगी. अगर मैं प्रॉस्टिच्यूट की तरह कपड़े पहनती हूं तो अपने घर वापस आने पर वो मुझे मार देंगे.''

जब टिकटॉक पर मिली पहचान
यूनिवर्सिटी की एक और दोस्त 28 साल की नैटी उस समय को याद करती हैं जब सानिया ख़ान टिकटॉक पर वायरल हुई थीं. नैटी ने उनका उपनाम जाहिर ना करने का अनुरोध किया है.

नैटी कहती हैं, ''वो फ़ोन पर मुझसे बात करते हुए बहुत खुश थी. उन्होंने कहा कि मुझे यही करना है: मेरे रिश्ते के बारे में बताना और ख़राब शादियों से निकलने वाली महिलाओं का नेतृत्व करना.''

नैटी के मुताबिक हर पोस्ट के साथ सानिया ख़ान को शांति और मजबूती मिलती थी, चाहें उनका अपनी शादी की मुश्किलें सार्वजनिक करने के लिए विरोध ही क्यों ना होता हो.

सानिया ख़ान की मौत तक टिकटॉक पर उनके 20 हज़ार प्रशंसक थे. 35 साल की पाकिस्तानी-अमेरिकी मुसलमान महिला बिस्मा परवेज़ भी उनमें से एक थीं.

उन्होंने कहा, ''मुझे याद है जब मैंने उनका पहला वीडियो देखा था. मैंने उनके लिए प्रार्थना की. महिलाओं को ऐसे मामलों में सब्र रखने के लिए बोला जाता है और ख़राब रिश्ते का जवाब सब्र रखना नहीं है.''

बिस्मा परवेज़ ने अपने एक टिकटॉक वीडियो में सानिया की मौत पर ख़ेद जताया है जिसे कई लोगों ने शेयर किया. तब से इस मामले पर बहुत चर्चा होने लगी.

'अपना घर' संस्था ने कहा है कि वो सानिया ख़ान की मौत के एक महीने होने पर उनकी याद में एक वर्चुअल पैनल चर्चा रखने वाला है.

दोस्तों और सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों से मिल रहे प्यार के बीच हाई स्कूल में सानिया की पूर्व सहपाठी ने शिकागो में चट्टानूगा स्कूल फ़ॉर आर्ट्स एंड साइंसेज में उनके नाम पर एक स्कॉलरशिप शुरू की है.

बिस्मा परवेज़ कहती हैं, ''हर कोई चुप है, लेकिन सोशल मीडिया आपको यह समझने में मदद करता है कि यह एक वैश्विक समस्या है.''

वह कहती हैं, ''हम महिलाओं को हमेशा अपनी सुरक्षा करने के लिए कहते हैं लेकिन लड़कों की ऐसी परवरिश भी ज़रूरी है कि वो महिलाओं का सम्मान करें. इसकी शुरुआत घर से होती है और हर घर को ये बदलाव करने की ज़रूरत है.'' (bbc.com)

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