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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बांग्लादेशी रोहिंग्या शरणार्थियों को घर दिए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली में बसाने की केंद्र सरकार की साज़िश सामने आई है."
मनीष सिसोदिया ने अपने संबोधन में कहा, "दिल्ली सरकार बार-बार इस पर अपना रुख़ साफ़ कर चुकी है कि किसी भी तरह के अवैध प्रवास को, रोहिंग्याओं के किसी भी तरह के प्रवास को दिल्ली सरकार, दिल्ली की सुरक्षाा के लिए, देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा मानती है. ऐसे में उन्हें फ़्लैट देने की किसी योजना का तो सवाल ही नहीं उठता है."
मनीष सिसोसिया ने आगे कहा, "केंद्र सरकार का गृह-मंत्रालय कह रहा है कि हम नहीं कर रहे थे तो सवाल है कि ये कर कौन रहा था. अगर ये स्टैंड केंद्र सरकार के कुछ लोगों ने, और जिसकी पुष्टि इस बात से होती है कि हरदीप सिंह पुरी ने बक़ायदा इसे लेकर ट्वीट किया था. वह केंद्रीय आवास मंत्री हैं और ऐसे में अगर वो दिल्ली में आवास दिए जा रहे हैं और केंद्रीय आवास मंत्री उसकी प्रशंसा करते हुए केंद्र की शानदार योजना बता रहे हैं, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के अधिकारी मीटिंग कर रहे हैं, दिल्ली पुलिस के लोग मीटिंग कर रहे हैं और फिर उसे चुनी हुई सरकार को बिना दिखाए अप्रूवल के लिए एलजी को भेज रहे हैं तो ये करा कौन रहा है."
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार इसके ख़िलाफ़ है तो यह करा कौन रहा है?
उन्होंने कहा, "दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर ये किया जा रहा है. इसलिए मैंने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखा है और उसमें मैंने उनसे निवेदन किया है कि वह इस मामले पर केंद्र सरकार का स्पष्ट रुख़ देश के सामने रखें. साथ ही ये जो साज़िश हो रही है या हो रही थी कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर और या फिर अगर केंद्र सरकार भी मानती है कि रोहिंग्या को फ़्लैट नहीं देना चाहिए तो, केंद्र सरकार के रुख़ के ख़िलाफ़ जाकर ये फ़ैसले किसके कहने पर लिए जा रहे थे."
क्या है विवाद
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार की सुबह एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने बताया कि एक ऐतिहासिक फ़ैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाक़े में आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए बनाए गए फ़्लैट दिए जाएंगे.
हरदीप पुरी ने अपने ट्वीट में बताया, "रोहिंग्या शरणार्थियों को सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी. उन्हें संयुक्त राष्ट्र की तरफ़ से जारी पहचान पत्र और चौबीस घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा दी जाएगी."
लेकिन बाद में उन्होंने एक नया ट्वीट भी किया.
इसमें उन्होंने गृह मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज़ शेयर करते हुए कहा कि ये रोहिंग्या लोगों के मुद्दे पर सही स्थिति बताती है.
गृह मंत्रालय ने जारी किया बयान
रोहिंग्या लोगों के मुद्दे पर जारी प्रेस रिलीज में गृह मंत्रालय ने कहा है कि रोहिंग्या लोगों को लेकर मीडिया में कई जगह ख़बरें चल रही हैं जिसे देखते हुए स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या को ईडब्ल्यूएस फ़्लैट देने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्या लोगों को एक नई जगह शिफ़्ट करने का प्रस्ताव रखा. गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि अवैध रोहिंग्या प्रवासी अपनी जगह पर बने रहेंगे क्योंकि गृह मंत्रालय पहले ही विदेश मंत्रालय के ज़रिए संबंधित देश के साथ उन्हें वापस भेजने का मामला उठा चुका है.
इसके अलावा गृह मंत्रालय ने ये भी कहा कि अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा, वहीं दिल्ली सरकार ने उस जगह को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है जहां रोहिंग्या रह रहे हैं. जबकि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को ऐसा करने के निर्देश दिए हैं.