अंतरराष्ट्रीय

एक हमला जिससे दहला रूस, क्या 'पुतिन के रास्पुतिन' थे निशाने पर
23-Aug-2022 10:14 AM
एक हमला जिससे दहला रूस, क्या 'पुतिन के रास्पुतिन' थे निशाने पर

अलेक्ज़ेंडर दुगिन और बेटी दुगिना

-लियो सैंड्स

ये एक ऐसा हमला है जो कि रूस में कई सवाल खड़े कर रहा है.

दरया दुगिना रूस के दार्शनिक अलेक्ज़ेंडर की बेटी थीं जिन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 'दिमाग़' कहा जाता है.

रूसी जांच कमेटी के मुताबिक़, दरया दुगिना की मौत तब हुई जब वो अपनी कार में घर जा रही थीं तभी कथित तौर पर उनकी कार में धमाका हो गया.

रूसी अधिकारियों का कहना है कि शनिवार रात को मॉस्को के नज़दीक हुए हमले का मुख्य निशाना संभवत: उनके पिता अलेक्जे़ंडर दुगिन थे.

ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि हमले की योजना बनाई गई थी. विस्फोटक अलेक्ज़ेंडर दुगिन की कार में लगाए गए थे जिन्होंने मॉस्को के बाहर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद आख़िरी लम्हों में अपनी कार बेटी की कार से बदल ली थी.

दुगिन और उनकी बेटी दरअसल ज़ख़ारोवो एस्टेट में हुए एक जलसे में मुख्य अतिथि थे. विचारक दुगिन ने वहां एक व्याख्यान दिया था.

हालांकि जांच अभी चल रही है. इस बीच अधिकारियों ने कहा है कि जिस पार्किंग एरिया में कार खड़ी थी वहां के सुरक्षा कैमरे काम नहीं कर रहे थे.

बोल्शिए व्याज़ेमी गांव के नज़दीक दुगिना की मौत मौके पर ही हो गई.

इमरजेंसी सेवा जब घटनास्थल पर पहुंची तो दुगिना की कार जल रही थी. टेलीग्राम पर पोस्ट की गई तस्वीरों को देखकर दार्शनिक दुगिन काफ़ी सदमे में नज़र आ रहे हैं.

अभी तक रूसी अधिकारियों को धमाके के ज़िम्मेदार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.

जांचकर्ताओं ने पुष्ट किया है दुगिना ख़ुद कार चला रही थीं और बोल्शिए व्याज़ेमी गांव के नज़दीक घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई.

जांचकर्ताओं ने बताया है कि विस्फोटक कार के नीचे लगाए गए थे और धमाके के बाद कार में आग लग गई. फ़ोरेंसिस और धमाकों के विशेषज्ञ मामले की जांच कर रहे हैं.

बीबीसी की रूसी सेवा ने रिपोर्ट किया है कि दुगिना की मौत ने इन कयासों को दे दी है कि इस घटना के पीछे क्या आख़िर क्या कारण होंगे.

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ख़ारोवा ने एक टेलीग्राम पोस्ट में कहा कि अगर इस हमले के पीछे यूक्रेन का हाथ होने की बात सामने आती है तो इसे 'स्टेट टेररिज़्म' (देश प्रयोजित आतंकवाद) माना जाएगा.

दुगिन के समर्थक इसके पीछे यूक्रेनियों का हाथ होने का दावा कर रहे हैं, हालांकि इसके लिए उन्होंने कोई प्रमाण नहीं दिए हैं.

जबकि दूसरी तरफ़ उनके उदार विपक्षियों का इशारा रूसी स्पेशल सर्विसेज़ की तरफ़ है. हालांकि उन्होंने भी इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है.

रूसी विश्लेषकों ने दुगिना की कार में धमाके के बाद जो पहला सवाल उठाया है वो ये कि क्या उनके पिता अलेक्ज़ेंडर दुगिन निशाना थे.

यूक्रेन के अधिकारियों ने हमले में शामिल होने के आरोपों का खंडन किया है. उनका कहना है कि ये रूस के भीतर की सियासी दुश्मनी की वजह से हुआ है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोडोलिएक ने कहा, ''यूक्रेन के इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि हम कोई अपराधी मुल्क नहीं हैं. रूसी संघ ऐसा है.''

ऐसी घटनाएं रूस के अधिकारियों की चिंता बढ़ा रही हैं. ख़ासतौर से क्राइमियाई प्रायद्वीप और यूक्रेन के नज़दीक रूसी इलाकों में हुए हालिया धमाकों और हमलों के बाद. क्राइमिया का साल 2014 में रूस ने विलय कर लिया था.

रूस में चलाए जा रहे प्रोपेगैंडा में बार-बार ये कहा जाता है कि कैसे व्लादिमीर पुतिन ने 1990 के अशांत दशक के बाद देश में सुरक्षा और स्थिरता लाई. तब कार बम धमाके और राजनीतिक हत्याएं आम हुआ करती थीं.

हालांकि राजधानी मॉस्को के निकट दुगिना की कार पर हुआ बम हमला प्रोपेगैंडा के दावों को ग़लत साबित करता है.

रूस में अलेक्ज़ेंडर दुगिन के पास कोई सरकारी पद नहीं है, पर वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफ़ी क़रीबी माने जाते हैं और उन्हें 'पुतिन का रास्पुतिन' भी कहा जाता है.

(आपको बता दें कि ग्रिगोरी रास्पुतिन रूसी साम्राज्य के आख़िरी ज़ार निकोलस द्वितीय के विश्वासपात्र थे और ज़ार के लिए गए फ़ैसलों में उनकी अहम भूमिका मानी जाती थी. निकोलस द्वितीय की पत्नी एलेक्जेंड्रा पर भी रास्पुतिन का ख़ासा प्रभाव था.

रास्पुतिन साइबेरिया के तोबोल्स्क के रहनेवाले थे. ज़ारिना को लगता था कि रास्पुतिन अपनी जादुई शक्तियों से उनके बीमार बेटे और सिंहासन के उत्तराधिकारी एलेक्सी को ठीक कर सकते थे. )

दुगिना एक रूस की एक मशहूर पत्रकार थीं जो यूक्रेन पर रूस के हमले का खुलकर समर्थन करती थीं.

इस साल की शुरुआत में अमेरिका और ब्रितानी अधिकारियों ने उन पर प्रतिबंध लगा दिए थे. 29 साल की दुगिना पर आरोप लगा था कि रूसी हमले के बारे में वो इंटरनेट पर ग़लत ख़बरें फैला रही हैं.

मई में दिए एक इंटरव्यू में दुगिना ने इस लड़ाई को ''सभ्यताओं का संघर्ष'' कहा था और इस इस बात पर गर्व महसूस किया था कि उन पर और उनके पिता पर पश्चिम ने प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.

क्राइमिया के रूस में विलय में अलेक्ज़ेंडर दुगिन की कथित भूमिका मानते हुए अमेरिका ने साल 2015 में उन पर प्रतिबंध लगा दिया था .

व्लादिमीर पुतिन की सोच को प्रभावित करने में दुगिन के लेखों का अहम योगदान माना जाता है. साथ ही क्रेमलिन में कई लोग जिस धुर-राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं उसके पीछे भी एलेक्जे़ंडर दुगिन की प्रमुख वैचारिक भूमिका मानी जाती है. (bbc.com/hindi)

बीते कई साल से अलेक्जे़ंडर दुगिन रूस की सरकार को ज़्यादा वैश्विक मंच पर आक्रामक रवैया अख़्तियार करने की सलाह देते रहे हैं. उन्होंने यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई का भी समर्थन किया है.

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