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कोविशील्ड से मौत का मामला : केंद्र, बिल गेट्स, एसआईआई को बॉम्बे हाईकोर्ट का नोटिस
03-Sep-2022 5:00 PM
कोविशील्ड से मौत का मामला : केंद्र, बिल गेट्स, एसआईआई को बॉम्बे हाईकोर्ट का नोटिस

 मुंबई, 3 सितंबर | बॉम्बे हाईकोर्ट ने औरंगाबाद के एक व्यक्ति द्वारा दायर मामले में पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई), माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और केंद्र को नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी मेडिको बेटी की मौत कोविशील्ड वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स के कारण हुई थी और मुआवजे के तौर पर एक हजार करोड़ रुपये की मांग की। याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत ने तर्क दिया है कि उनकी 33 वर्षीय बेटी स्नेहल लुनावत, जो नासिक के एसएमबीटी डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सीनियर लेक्चरर भी थीं, को अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ वैक्सीन लेने के लिए मजबूर किया गया था।


दिलीप लूनावत ने कहा कि उनकी बेटी को आश्वासन दिया गया था कि टीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इससे उसके शरीर को कोई खतरा नहीं है, फिर भी 1 मार्च, 2021 को उनकी बेटी की मौत हो गई। उसे 28 जनवरी, 2021 को टीका लगा था और उसका प्रमाणपत्र भी है।

उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद उसे गंभीर सिरदर्द और उल्टी का सामना करना पड़ा और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों को उसके मस्तिष्क में रक्तस्राव होने का पता चला। लूनावत की याचिका के अनुसार, टीके के कथित दुष्प्रभावों के कारण उनकी बेटी ने बाद में दम तोड़ दिया।

उन्होंने याचिका में ड्रग कंट्रोलर-जनरल ऑफ इंडिया, डॉ. वी.जी. सोमानी और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया जैसे विशेषज्ञों के विचारों और साक्षात्कारों का भी हवाला दिया।

फरवरी 2022 में दायर अपनी याचिका में दिलीप लुनावत ने कहा कि 2020 में एसआईआई, पुणे ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी की, ताकि अन्य तीसरी दुनिया के देशों के लिए भारत में कोविशील्ड टीकों की 10 करोड़ खुराक का निर्माण और वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।

याचिका में कहा गया है, "याचिकाकर्ता ने अपनी बड़ी बेटी को खो दिया। उसके नुकसान को न तो शब्दों में समझाया जा सकता है और न ही पैसे के रूप में मुआवजे से भरपाई की जा सकती है।"

परिवार को अंतरिम मुआवजे के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की मांग करते हुए याचिका में कहा गया है कि मुआवजा देकर केवल किसी प्रकार की सहायता की जा सकती है।

दिलीप लुनावत ने यह घोषणा करने की भी मांग की कि राज्य के अधिकारी उनकी बेटी की मौत के लिए 'झूठे बयानों' के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही कहा, अधिकारियों को नागरिकों की और मौतों को रोकने और टीकों के दुष्प्रभावों को प्रकाशित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

याचिका में आग्रह किया गया है कि राज्य के अधिकारियों को एसआईआई से मुआवजे की राशि वसूल करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए, जिसने कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण किया था। (आईएएनएस)|

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