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रूस की सेना को ख़ारकीएव में लगातार पीछे धकेल रहा है यूक्रेन
12-Sep-2022 10:29 AM
रूस की सेना को ख़ारकीएव में लगातार पीछे धकेल रहा है यूक्रेन

यूक्रेन की सेना का दावा है कि उसने रूस के क़ब्ज़े से क़रीब तीन हज़ार वर्ग किलोमीटर इलाक़ा मुक्त करा लिया है.

यूक्रेन देश के पूर्वी हिस्से में तेज़ी से जवाबी आक्रमण कर रहा है.

अगर यूक्रेन के दावों की पुष्टि हो जाती है तो इसका मतलब ये होगा कि यूक्रेन ने बीते 48 घंटों में अपनी बढ़त को तीन गुणा कर लिया है.

गुरुवार शाम को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन की सेना ने क़रीब एक हज़ार वर्ग किलोमीटर इलाक़ा मुक्त कराया है. शनिवार शाम को यूक्रेन ने दो हज़ार वर्ग किलोमीटर इलाक़ा मुक्त कराने की घोषणा की थी.

यूक्रेन के इन दावों की पुष्टि करना मुश्किल है क्योंकि लड़ाई के मोर्चों तक पत्रकारों को पहुंचने की अनुमति नहीं हैं.

शनिवार को पूर्वी यूक्रेन में जवाबी हमलों के दौरान यूक्रेन की सेना सप्लाई रूट के लिए बेहद अहम इज़ियम और कूपियांस्क शहरों में दाख़िल हो गई.

लेकिन ब्रिटेन के रक्षा अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अभी इन शहरों के बाहर लड़ाई चल ही रही है. वहीं यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन के सैन्य बल इज़ियम के कई बाहरी इलाक़ों पर नियंत्रण के लिए लड़ रहे हैं.

रूस की सेना ने अपने सैनिकों के इज़ियम और कूपियांस्क से पीछे हटने की पुष्टि करते हुए कहा है कि इससे उसके सैन्यबलों को फिर से रूस समर्थक लड़ाकों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में संगठित होने का मौक़ा मिलेगा.

रूस की सेना ने एक और प्रमुख शहर बालाक्लिया से अपने सैन्यबलों के पीछे हटने की पुष्टि करते हुए कहा है कि ऐसा दोनेत्स्क के मोर्चे को मज़बूत करने के लिए किया गया है. यूक्रेन के सैन्यबल शुक्रवार को इस शहर में दाख़िल हुए थे.

यूक्रेन की सेना ने इस रफ़्तार से जवाबी हमला किया है कि रूस के सैनिक भौचक्के रह गए हैं. यहां तक कि पुतिन के समर्थक चेचन नेता रमज़ान कादिरोव ने भी पुतिन की सैन्य रणनीति पर सवाल उठा दिए हैं.

टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक संदेश में कादिरोव ने कहा है कि अगर रूस की स्थिति में बदलाव नहीं आता है तो वो स्थिति को लेकर रूस के नेतृत्व पर सवाल उठाने के लिए मजबूर होंगे.

शनिवार को खारकीएव क्षेत्र में रूस के तैनात किए गए प्रशासक ने कहा था कि यहां के लोग अपनी जान बचाने के लिए रूस चले जाएं.

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में रूस-यूक्रेन सीमा पार करने की कोशिश कर रहे वाहनों की लंबी कतारें दिख रही हैं. हालांकि इन वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है.

रूस के सीमावर्ती क्षेत्र बेलगोरोड के गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लादकोव ने कहा है कि हज़ारों लोग सीमा पार करके उनके इलाक़े में आए हैं.

इसी बीच यूक्रेन की सेना के कमांडर जनरल वालेरी ज़ालूजन्यी ने कहा है कि उनकी सेनाएं रूस की सीमा से सिर्फ़ 50 किलोमीटर दूर हैं.

हालांकि अभी भी यूक्रेन के पांचवें हिस्से पर रूस का क़ब्ज़ा है और बहुत कम लोगों को युद्ध के जल्द ही समाप्त होने की उम्मीद है.

फ़ाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने अपने सैनिकों की तारीफ़ करते हुए रूस की तरफ़ से जवाबी हमलों की चेतावनी भी दी है.

उन्होंने कहा, "जवाबी हमले से हम क्षेत्र को मुक्त करा लेते हैं लेकिन इसके बाद आपको उसे नियंत्रण में करना होता है और उसकी सुरक्षा के लिए तैयार रहना होता है. ज़ाहिर तौर पर हमें चिंता है, ये युद्ध हमें सालों से चिंतित किए हुए है."

अगर यूक्रेन अपनी इस बढ़त को बरक़रार रख पाता है तो अप्रैल में रूस के राजधानी कीएव के पास से पीछे हटने के बाद ये यूक्रेन की सबसे अहम कामयाबी होगी.

कूपियांस्क रूस की सेना के लिए अहम सप्लाई रूट पर पड़ता है. इज़ियम पर क़ब्ज़ा करने के लिए रूस की सेना ने महीनेभर लड़ाई की थी. अगर यह यूक्रेन के नियंत्रण में रहता है तो इसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शर्मनाक माना जा सकता है.

एक सैन्य विश्लेषक के मुताबिक यूक्रेन की इस बढ़त का मतलब है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ये पहली बार है जब रूस की पूरी सैन्य टुकड़ी बर्बाद हो गई है.

यूक्रेन की सेना की इस बढ़त को इस रूप में भी देखा जा सकता है कि उसके पास अपने गंवाए हुए इलाक़ों को फिर से वापिस हासिल करने की क्षमता है. ये इसलिए भी अहम है क्योंकि यूक्रेन लगातार पश्चिमी देशों से हथियारों की मदद मांग रहा है और ये दावा कर रहा है कि अगर उसे मदद मिलती रही तो वह रूस को हरा देगा.

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा का कहना है कि ताज़ा घटनाक्रम ये साबित करता है कि यदि यूक्रेन की सेना को पश्चिमी मदद मिली तो वह तेज़ी से इस युद्ध को समाप्त कर सकती है.

यूक्रेन ने इसी सप्ताह देश के पूर्वी इलाक़ों में अपना जवाबी आक्रमण शुरू किया है. हालांकि इस दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की नज़र यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र पर टिकी थी. ये माना जा रहा था कि यहां यूक्रेन खेरसोन को मुक्त करने के लिए आगे बढ़ सकता है.

विश्लेषकों का मानना है कि रूस ने अपने सबसे मज़बूत सैन्यबलों को इस शहर की सुरक्षा में तैनात कर दिया है.

यूक्रेन के एक अधिकारी के मुताबिक पूर्वी क्षेत्र में बढ़त बनाने के साथ-साथ यूक्रेन दक्षिण में भी आगे बढ़ रहा है.

यूक्रेन की सेना की दक्षिणी कमान की प्रवक्ता नतालिया गुमेनयुक का कहना है कि यूक्रेन की सेना दक्षिणी मोर्चे पर दो किलोमीटर से लेकर कई किलोमीटर तक आगे बढ़ी है.

लेकिन यह भी माना जा रहा है कि दक्षिणी मोर्चे पर रूस की सेनाओं ने सुरक्षात्मक घेराबंदी कर ली है और अपनी रक्षा पंक्तियों को मज़बूत किया है. यहां यूक्रेन की सेना को कड़ी टक्कर मिल रही है.

वहीं स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक खारकीएव में रूस के रॉकेट हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई घायल हो गए.

वहीं यूक्रेन के ऊर्जा नियामक इनर्जोएटम का कहना है कि रूस के नियंत्रण वाले ज़ेपोरीज़िया परमाणु संयंत्र का अंतिम रिएक्टर भी बंद हो गया है और अब ये प्लांट बिजली नहीं बना रहा है.

ये रिएक्टर प्लांट की अपनी ज़रूरतों के लिए बिजली बना रहा था. बाहर से बिजली आपूर्ति शुरू होने के बाद इसे बंद कर दिया गया है.

यूक्रेन के ऑपरेटर का कहना है कि आपात स्थिति से बचने के लिए ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्लांट को आने वाली बिजली लाइनों पर बमबारी बंद की जाए. (bbc.com/hindi)

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