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महारानी एलिज़ाबेथ II के निधन के बाद विरोध करते लोगों की गिरफ़्तारी पर 'चिंता'
14-Sep-2022 7:39 AM
महारानी एलिज़ाबेथ II के निधन के बाद विरोध करते लोगों की गिरफ़्तारी पर 'चिंता'

क्रिस्टी कूनी, जॉर्ज बाओडेन

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के निधन के बाद स्कॉटलैंड पुलिस ने दो लोगों को शाही परिवार के ख़िलाफ़ नारे लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. एक और व्यक्ति को गिरफ़्तार करने के बाद रिहा कर दिया गया है.

अभिव्यक्ति की आज़ादी का समर्थन करने वाले कार्यकर्ताओं ने इसे "बेहद चिंताजनक" बताया है.

गिरफ़्तारी की ये घटनाएं ऐसे वक्त हुई हैं जब महारानी एलिज़ाबेथ के पार्थिव शरीर को एडिनबरा के सेंट गाइल्स कथेड्रल में लोगों के अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है और उनके बेटे किंग चार्ल्स तृतीय को ब्रिटेन का नया सम्राट घोषित किया गया है.

आने वाले दिनों में महारानी के पार्थिव शरीर को एडिनबरा से लंदन लाया जाएगा, जहां वेस्टमिन्स्टर हॉल में चार दिनों के लिए लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए लंदन में लोगों की कतारें पहले ही लगनी शुरू हो गई हैं.

लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा है कि "लोगों को विरोध करने का हक़ है."

रविवार को एडिनबरा के सेंट गाइल्स कथेड्रल के सामने हो रहे कार्यक्रम के दौरान शांति भंग करने के लिए 22 साल की एक महिला को गिरफ़्तार किया गया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन वो कुछ दिनो में एडिनबरा शेरिफ़ कोर्ट में पेश होंगी.

रविवार को ही 45 साल के साइमन हिल को ऑक्सफ़ोर्ड में हो रहे एक कार्यक्रम के दौरान शांति भंग करने और चिल्लाकर "उन्हें किसने चुना?" कहने के संदेह में गिरफ़्तार किया गया. साइमन का कहना है कि उन्हें चुप रहने के लिए कहा गया.

टेम्स वैली पुलिस ने बताया कि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. पुलिस ने ये भी कहा कि हिल "स्वेच्छा से" अधिकारियों की मदद कर रहे हैं.

सोमवार को 22 साल के एक व्यक्ति को एडिनबरा में शाही कार्यक्रम के दौरान शांति भंग करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. कथित तौर पर वो प्रिंस एंड्र्यू पर चिल्ला रहे थे.

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का निधन 8 सितंबर को हुआ.

वो सबसे लंबे वक़्त तक ब्रिटेन पर राज करने वाली महारानी थीं.

10 सितंबर कोउनके बड़े बेटे चार्ल्स को देश का नया सम्राट घोषित किया गया.

उन्हें अब किंग चार्ल्स तृतीय के नाम से जाना जाएगा.

11 सितंबर को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को बालमोरल से एडिनबरा लाया गया.

12 सितंबर को महारानी के पार्थिव शरीर को सेंट गाइल्स कथेड्रल में लोगों के अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया.

13 सितंबर को उनके पार्थिव शरीर को विमान के ज़रिए लंदन के बकिंघम पैलेस लाया जाएगा.

उनके पार्थिव शरीर को 14 सितंबर को वेस्टमिन्स्टर हॉल ले जाया जाएगा जहां चार दिनों तक आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. स्थानीय समयानुसार 14 तारीख़ की शाम 17.00 बजे से लेकर 19 सितंबर के सवेरे 06.30 बजे तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे.

19 सितंबर को महारानी के पार्थिव शरीर को वेस्टमिन्स्टर ऐबे ले जाया जाएगा, जहां सेंट जॉर्ज चैपल में उन्हें दफ़नाया जाएगा.

'चिंता का विषय'
इंडेक्स ऑन सेन्सरशिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रुथ सुमित ने कहा है कि ये गिरफ़्तारियां "चिंता का विषय" हैं. उन्होंने कहा, "अभिव्यक्ति की आज़ादी नागरिकों का अधिकार है और ग़लती से हो या फिर जान-बूझ कर, हमें उनके अधिकारों का हनन करने के लिए इस मौक़े का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए."

बिग ब्रदर वॉच के निदेशक सिल्की कार्लो ने कहा कि पुलिस अधिकारियों का ''ये कर्तव्य तो है ही कि वो महारानी के अंतिम दर्शनों के लिए आ रहे लोगों के हक़ का सम्मान करें, साथ ही ये भी उनका कर्तव्य है कि वो लोगों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करें."

वहीं लिबर्टी में पॉलिसी एंड कैम्पेन्स ऑफ़िस की जोडी बैक कहती हैं कि "पुलिस का इस तरह लोगों पर अपनी ताक़त का इस्तेमाल करना चिंता का विषय है. विरोध करने का हक़ राष्ट्र की तरफ़ से लोगों को मिला तोहफ़ा नहीं है, ये लोगों का बुनियादी अधिकार है"

सोमवार को किंग चार्ल्स तृतीय के वेस्टमिन्स्टर हॉल पहुंचने से पहले वहां से एक व्यक्ति को पुलिस ने हटाया था. ये व्यक्ति एक प्लेकार्ड लेकर खड़े थे जिस पर लिखा था, "मैं इन्हें अपना सम्राट नहीं मानता."

मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा है कि लोगों को वेस्टमिन्स्टर के महल के सामने खड़े होने से मना किया गया है ताकि "गाड़ियों की आवाजाही बाधित न हो." हालांकि पुलिस ने ये भी बताया कि यहां किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें यहां से थोड़ी दूर जाने को कहा गया था.

सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो को लेकर भी पुलिस ने सफ़ाई दी है. इस वीडियो में एक व्यक्ति कागज़ का एक टुकड़ा हाथों में हिलाते हुए दिखता है और कहता है कि वो इस पर "मैं इन्हें अपना सम्राट नहीं मानता" लिखना चाहता है. राजधानी में की जा रही सुरक्षा व्यवस्था में मदद के लिए इन अधिकारी को किसी दूसरी फ़ोर्स से बुलाया गया था. वीडियो में अधिकारी कहते हैं कि इस संदेश से "अन्य लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है."

डिप्टी असिस्टेंट कमिश्नर स्टूअर्ट कंडी ने एक बयान जारी कर कहा, "विरोध करना जनता का हक़ है इस अभूतपूर्व स्थिति में हम अपने सभी अधिकारियों को ये बता रहे हैं."

उम्मीद की जा रही हैं कि अगले सप्ताह लाखों की संख्या में लोग महारानी के अंतिम दर्शनों के लिए लंदन आएंगे, ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सेना के 1,500 जवानों समेत सिविल डिफ़ेन्स के लोगों से भी पुलिस मदद ले रही है.

मेट्रोपॉलिटन पुलिस कमिश्रर सर मार्क रॉले ने कहा है कि पुलिस के सामने "एक अभूतवपूर्व चुनौती है. सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है. अंतिम दर्शनों के लिए आने वाले लाखों लोगों की सुरक्षा के लिए अच्छी सुरक्षा व्यवस्था चाहिए और इसके लिए हम हज़ारों लोगों को काम पर लगाएंगे."

इन गिरफ़्तारियों पर प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि उन्होंने कहा है कि "ये देश के लिए दुख की घड़ी है और अधिकांश लोग शोक मना रहे हैं."

उन्होंने कहा, "विरोध कर पाना लोगों का बुनियादी हक़ है और हमारे गणतंत्र के लिए ये बेहद अहम है." (bbc.com/hindi)

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