कारोबार
रायपुर, 14 सितंबर। महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज समता कॉलोनी रायपुर में टीचिंग लर्निंग मेथड एण्ड रिसर्च एथिक्स विषय पर 09 सितंबर व 10 सितंबर को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरूवात में प्राचार्य डॉ. एम एस मिश्रा जी ने सभी वक्ताओं का परिचय देते हुए कहा कि एफडीपी यह निश्चित ही सभी शिक्षकों के सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी रहेगा तथा आने वाले समय में एनईपी के अनुसार शिक्षण को और बेहतर बनाने में उपयोगी साबित होगा।
प्रथम दिवस के सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. आर. श्रीधर कुलपति कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर ने इमोशनल इंटेलिजेंस के बारे में समस्त शिक्षकों को अवगत कराया तथा शिक्षण गतिविधियों के माध्यम से स्व मूल्यांकन भी कराया।
द्वितीय सत्र में डॉ. आनंद महावर कुलपति विश्वविद्यालय गरियाबंद ने अपने वक्तव्य में इनोवेटिवव टीचिंग विधि के बारे में बताते हुए, शिक्षा के क्षेत्र में आए नए प्रयोग एवं शिक्षण पद्धति को और कैसे बेहतर बना सकते है जिससे फैकल्टी, मैनेजमेंट और छात्रों के मध्य बेहतर सामंजस्य बन पाए।
वक्ता ने इस विषय पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया। द्वितीय दिवस के मुख्य वक्ता डॉ. भगवंत सिंह पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने रिसर्च इथिक्स और शोध गुणवत्ता पर शिक्षकों के साथ सार्थक परिचर्चा की तथा द्वितीय सत्र में डॉ. संजीव पराशर प्राध्यापक व डीन आई.आई.एम. रायपुर ने वर्तमान समय में शिक्षा पद्धति के विकास और उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला।