राष्ट्रीय
बिहार, 15 सितंबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत कुमार के बीच मंगलवार को हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारे में उनके एक बार फिर से साथ आने के बारे में चर्चाएं हो रही हैं.
नीतीश कुमार ने इस मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया है. वहीं, प्रशांत किशोर ने प्रत्यक्ष तौर पर इस पर टिप्पणी नहीं की लेकिन एक ट्वीट किया जिसके राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं.
उन्होंने एक ट्वीट में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की किताब ‘रश्मिरथी’ की दो पंक्तियां लिखी.
‘तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा,
आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा?
प्रशांत किशोर दो अक्टूबर से बिहार में पदयात्रा करने वाले हैं.
प्रशांत किशोर ने 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार के जद(यू) के बीच गठबंधन कराने में अहम भूमिका निभाई थी.
बाद में किशोर जद(यू) में शामिल हो गए और वहां उनका कद तेजी से बढ़ने लगा. उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया. लेकिन बाद में नीतीश कुमार की लगातार आलोचना करने के बाद किशोर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
नीतीश कुमार के फिर से महागठबंधन में लौटने के बाद प्रशांत किशोर उन पर निशाना साधते रहते हैं. (bbc.com/hindi)