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कांकेर, 15 सितंबर। निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के सूल। अर्थात मातृभाषा की उन्नति बिना किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है तथा अपनी भाषा के ज्ञान के बिना मन की पीड़ा को दूर करना भी मुश्किल है।
उक्त श्लोक के अर्थ को चरित्रार्थ करने के संकल्प के साथ बुधवार को जे पी इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी दिवस मनाया गया। भारत में 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया। तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ विद्यालय संचालक श्री प्रताप राय गिदवानी, संस्था प्राचार्य श्री रितेश चौबे एवं उप प्राचार्य श्री विजयन बी की उपस्थिति में मां शारदे के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कक्षा चौथी की छात्रा शिवांगी पारीक द्वारा संगीत विभाग के मार्गदर्शन में हम को मन की शक्ति देना प्रार्थना संगीत के माध्यम से समस्त अतिथियों एवं शिक्षकगणों का अभिनंदन एवं आभार प्रकट किया।
इस अवसर कई शैक्षणिक एवं साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। कक्षा नौ वीं की छात्रा उन्नति यादव द्वारा अपने शब्दों में भाषण के माध्यम से हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
हिंदी शिक्षक लिकेश्वर गुप्ता के मार्गदर्शन में कक्षा आठ वीं की छात्रा अवनी राठी , अंजली साहू द्वारा मधुर स्वर में काव्य पाठ किया गया।
हिंदी शिक्षिका प्रिया शर्मा के मार्गदर्शन में कक्षा दस वीं के छात्र अनुज राठी द्वारा स्वरचित कविता संघर्ष से सफ़लता की ओर का सस्वर वाचन किया गया। तत्पश्चात हिंदी शिक्षिका सोनिया दास के मार्गदर्शन में भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा रचित हास्य नाटक अंधेर नगरी चौपट राजा का मंचन विद्यार्थियों द्वारा किया गया।