अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश के गृह मंत्री असदज़्ज़्मां ख़ान ने कहा है कि उनका देश युद्ध नहीं बल्कि रोहिंग्या समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है.
ढाका में पत्रकारों से बात करते हुए शनिवार को उन्होंने कहा कि यदि इस मसले को शांतिपूर्ण ढंग से नहीं सुलझाया गया, तो ज़रूरत पड़ने पर इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया जाएगा.
उन्होंने कहा, "हम युद्ध नहीं चाहते. हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं. इसके लिए हमारी कोशिश जारी रहेगी. यदि हमारा प्रयास असफल हुआ, तो हम इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाएंगे."
इससे पहले, बांग्लादेश के बंदरबन ज़िले के नाइक्श्योंगचारी के घुमधुम यूनियन की टुम्ब्रु सीमा पर शुक्रवार की रात म्यांमार की ओर से मोर्टार के गोले दागे गए.
समाचार एजेंसी राॅयटर्स के अनुसार, इस गोलाबारी से 15 साल के एक किशोर की मौत हो गई, जबकि कम से कम 6 अन्य लोग घायल हो गए.
वहीं, घुमधूम सीमा पर ज़ीरो लाइन पर मौजूद रोहिंग्या शिविर में एक धमाका हुआ. 28 अगस्त को भी इस इलाके़ में म्यांमार से मोर्टार के दो गोले आ गिरे थे.
बांग्लादेश के गृह मंत्री ने बताया कि विदेश मंत्रालय इस मामले पर काम कर रहा है और उम्मीद है कि म्यांमार संयम बरतेगा.
मंगलवार को तो म्यांमार के दो लड़ाकू जहाज और दो लड़ाकू हेलीकाॅप्टर बांगलादेश की सीमा के भीतर दाखि़ल हो गए थे.
म्यांमार की इन कार्रवाइयों को लेकर बांग्लादेश ने ढाका में म्यांमार के राजदूत को बुलाकर अपना विरोध जताया है.
दक्षिणी बांग्लादेश में म्यांमार से विस्थापित होकर लगभग 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं. (bbc.com/hindi)