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महारानी एलिज़ाबेथ II का अंतिम संस्कार अतुलनीय क्यों
19-Sep-2022 8:17 AM
महारानी एलिज़ाबेथ II का अंतिम संस्कार अतुलनीय क्यों

-लॉरा क्वींसबर्ग

दो हज़ार मेहमान, 500 विदेशी महानुभाव, 4000 से अधिक कर्मचारी और संभवतः दुनिया भर में देखने वाले अरबों लोग.

सोमवार को होने वाला महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का राजकीय अंतिम संस्कार 21वीं सदी का ऐसा आयोजन होगा, जिसकी तुलना नहीं की जा सकेगी.

मार्मिक औपचारिकताओं और दुखद माहौल के बीच, अगले कुछ घंटों में हालिया इतिहास में वैश्विक नेताओं और महानुभावों का सबसे बड़ा जमावड़ा होगा.

दुनिया भर से आए सम्राट, राजकुमार-राजकुमारियां, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री लंदन में इकट्ठा हुए हैं. ये सब वेस्टमिंस्टर एबे में होने वाले महारानी के अंतिम संस्कार में शमिल होंगे.

ज़ाहिर है, ये आयोजन महारानी के निधन पर होने वाले बेहद अहम यादगार आयोजन हैं. ये ऐसी महिला के लिए वैश्विक श्रद्धांजलि है जो इतने लंबे समय से दुनिया की सबसे चर्चित और पहचानने योग्य नेता थीं.

एक वरिष्ठ राजनयिक ने मुझे बताया, "हर कोई महारानी के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहता है क्योंकि वो सभी के लिए एक परिवार थीं. लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं. यह एक पारिवारिक अंतिम संस्कार है."

हालांकि बहुत से नेता जो अंतिम संस्कार में शामिल होने आ रहे हैं, उनकी एक आँख इस बात पर भी लगी है कि इसके उनके लिए क्या मायने हैं.

एक राजनयिक ने मुझे बताया, "ये सदी का सबसे बड़ा अंतिम संस्कार है. दुनिया का हर वैश्विक नेता इसे देखना चाहता है और इसमें दिखना चाहता है. जो नेता यहां नहीं होंगे या दिखाई नहीं देंगे वो हमारे दौर के सबसे बड़े फोटो-ऑप के मौक़े को छोड़ देंगे."

मैंने समय-समय पर समारोह के दौरान शाही परिवार के लिए आने वाले महानुभावों पर होने वाला असर देखा है.

हमेशा लोग उनके साथ दिखने को उत्साहित रहते हैं, कई बार तो भगदड़ की सी नौबत आ जाती है. हर कोई महारानी के साथ तस्वीर खिंचाना चाहता है. मैंने प्रधानमंत्रियों को महारानी के क़रीब जाने के लिए एक दूसरे से कुहनिया टकराते हुए देखा है.

लेकिन ये दुनिया के लिए और वैश्विक नेताओं के लिए एक दूसरे के और क़रीब आने का मौक़ा भी है. यहाँ सिर्फ़ यही नहीं देखा जाएगा कि दुनिया के किस प्रमुख नेता ने कितना मेक-अप किया है या हवाई अड्डे पर खड़ा किसका विमान सबसे आलीशान है (इसमें कोई हैरत नहीं कि एयरफोर्स वन सबसे आगे है) बल्कि ये एक दूसरे से बात करने का मौक़ा भी होगा. राजनयिक बैरोनेस एमोस बताते हैं, "वो छोटी-छोटी बातें होंगी." वो कहती हैं कि महारानी स्वंय इन छोटी-छोटी बातचीत को बड़े प्रभाव के साथ औपचारिक समारोहों में इस्तेमाल करती थीं.

सोमवार सुबह को वेस्टमिंस्टर एबे के लिए जाने वाली बस में (हां, इसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बैठे होंगे) या फिर रविवार को किंग के रिशेप्शन पर होने वाले समारोहों में ये बातचीतें हो सकती हैं.

या हो सकता है कि भावुक अंतिम संस्कार के समापन के बाद ये मौक़ा आए. ये कभी भी हो, राजनेता और राजनयिक हमेशा शांति से बात करने, नया व्यक्तिगत संबंध बनाने या अपनी चिंताएं ज़ाहिर करने के मौक़े की तलाश में रहते हैं.

अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले मेहमानों की सूची भी 2022 की राजनीति और सत्ता को ही प्रदर्शित करती है. सिर्फ़ कुछ चुनिंदा देशों को ही इससे बाहर किया गया है. यूक्रेन में युद्ध की वजह से रूस और बेलारूस को न्यौता नहीं दिया गया है.

इसके अलावा- सीरिया, म्यांमार, अफ़ग़ानिस्तान और वेनेज़ुएला मेहमानों की सूची से बाहर हैं. कुछ देशों के साथ ठंडे रिश्ते भेजे गए न्यौतों में भी नज़र आते हैं. जैसे उत्तर कोरिया के नेता के बजाए राजदूत को बुलाया गया है.

अब पिछले सप्ताह की ना-नुकुर के बाद हमें ये भी पता है कि चीन के नेताओं को भी अंतिम संस्कार में आमंत्रित किया गया है. हालांकि कुछ सांसदों ने ये भी बताया था कि उनसे कहा गया है कि चीन के प्रतिनिधिमंडल का वेस्टमिंस्टर एबे में स्वागत नहीं किया जाएगा.

निमंत्रण की पसंद, कार्यक्रम की कोरियोग्राफ़ी और यहाँ तक की बैठने की व्यवस्था अपने आप में अहम निर्णयों की प्रतीक होगी.

एक राजदूत ने मुझे बताया, "आयोजन आमतौर पर राजनयिक गतिविधियों के लिए बहुत मौक़े नहीं देते हैं."

दुनियाभर के नेता जो यहाँ आए हैं, उनका मुख्य मक़सद महारानी के प्रति सम्मान प्रकट करना ही है.

महारानी एलिज़ाबेथ के राजकाज का कार्यकाल और एक राजनयिक के रूप में उनके व्यक्तित्व का स्तर अतुलनीय था और ऐसे में आज होने वाला उनका अंतिम संस्कार भी इतना ही भव्य और अतुलनीय होगा. (bbc.com/hindi)

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