अंतरराष्ट्रीय
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हॉन्ग कॉन्ग के एक 43 वर्षीय शख्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. ये शख्स महारानी को श्रद्धांजलि देने सोमवार रात ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास पहुंचा था.
पुलिस ने बीबीसी की चीनी सेवा को बताया कि इस व्यक्ति को औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून के तहत हिरासत में लिया गया था.
स्थानीय रिपोर्टों में कहा गया है कि ये ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास के बाहर अपने हारमोनिका पर कई गाने बजा रहा था. इनमें 2019 के विरोध प्रदर्शनों से जुड़े गानों के साथ ब्रिटिश राष्ट्रगान भी शामिल था.
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए फुटेज में वाणिज्य दूतावास के बाहर खड़े इस शख्स को हारमोनिका पर "ग्लोरी टू हॉन्ग कॉन्ग" बजाते हुए दिखाया गया है. ये हॉन्ग कॉन्ग में 2019 के लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों का अनौपचारिक गाना था.
पुलिस ने बीबीसी को बताया कि शख्स को "देशद्रोह के इरादे से काम" करने के संदेह में हिरासत में लिया गया था.
हॉन्ग कॉन्ग ब्रितानी शासन के अधीन था, लेकिन साल 1997 में इसे 'एक देश दो विधान' सिद्धांत के तहत चीन को सौंप दिया गया था.
चीन एक देश दो व्यवस्था के सिद्धांत के तहत हॉन्ग कॉन्ग पर शासन करने के लिए सहमत हुआ, जहां अगले 50 साल तक उसे विदेश और रक्षा मामलों को छोड़कर राजनीतिक और आर्थिक आज़ादी हासिल होती.
इस समझौते के बाद हॉन्ग कॉन्ग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र बन गया लेकिन यहां के लोगों का मानना है कि विरोधियों पर कार्रवाई, चीन द्वारा अपने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लागू करना और केवल राष्ट्रवादियों को ही शासन करने की अनुमति देने जैसे कानून साल 1997 के हैंडओवर सिद्धांतों का उल्लंघन है. (bbc.com/hindi)