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नयी दिल्ली, 25 सितंबर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जेएवाई) के तहत रोजाना 10 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित करना सरकार का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि अबतक योजना के तहत 3.95 करोड़ मरीजों के इलाज पर करीब 45,294 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू करने के चार साल पूरे होने और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू होने के एक साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित ‘आरोग्य मंथन-2022’’ का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने बताया कि अबतक 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 करोड़ आयुष्मान लाभार्थियों को कार्ड आवंटित किया गया है।
मांडविया ने कहा, ‘‘पहले रोजाना एक से डेढ़ लाख आयुष्मान कार्ड बनते थे, अब चार से पांच लाख कार्ड रोजाना बनते हैं। मेरा लक्ष्य रोजाना 10 लाख कार्ड बनाने का है।’’
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत प्रत्येक जिले में 100 करोड़ रुपये का निवेश देश के स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।
मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ मंच से संबोधित करते हुए स्वास्थ्य को अधिक किफायती और सुलभ बनाने पर जोर दिया और एबीपीएम-जन आरोग्य योजना एवं आयुष्मान भारत डिजिटल योजना को राज्यों और निजी साझेदारों के साथ मिलकर नयी ऊंचाई पर ले जाने का आह्वान किया।’’
मांडविया ने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत 24 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) नंबर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश में स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत देश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हर जिले में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं को प्रौद्योगिकी के जरिये अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने पर है।
मांडविया ने कहा कि पीएम-जेएवाई देश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच के मामले में अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटने में सफल रहा है।
मंत्री ने ट्वीट करके कहा, ‘‘(मैंने) सभा को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य सेवा को और अधिक किफायती और सुगम बनाने पर जोर दिया। साथ ही, एबी पीएम जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजनाओं को राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करके अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने पर जोर दिया।’’
इस योजना के तहत अब तक 28,300 से अधिक अस्पताल को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से 46 प्रतिशत निजी अस्पताल हैं। इस योजना के तहत कुल 3.8 करोड़ लोग अस्पताल में भर्ती हुए, जिनमें से 46 प्रतिशत सरकारी अस्पतालों में थे।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अस्पतालों में भर्ती होने वाले कुल मरीजों में से 27 फीसदी की उम्र 45 से 59 साल के बीच थी, जबकि 24 फीसदी की उम्र तीन से 44 साल थी।
सभा को संबोधित करते हुए रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा के बीच परस्पर तालमेल देश में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में देश के हर गांव को हाई-स्पीड ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा, जिससे सभी तक कनेक्टिविटी और निरंतर स्वास्थ्य पहुंच सुनिश्चित होगी।
वैष्णव ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सरकार स्वास्थ्य लाभार्थियों के डेटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कानूनी ढांचा बना रही है। (भाषा)