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@narendramodi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की अंतिम विदाई के लिए टोक्यो पहुँचे हैं.
पीएम मोदी के अलावा दुनिया के कई नेता जापान में हैं.
आबे के अंतिम संस्कार के लिए सौ देशों के प्रतिनिधि टोक्यो में हैं. इनमें 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हैं. लेकिन जापान के भीतर अंतिम विदाई पर हो रहे ख़र्च के कारण इसका विरोध हो रहा है.
कल भी हज़ारों लोगों ने टोक्यो की सड़कों पर इसका विरोध किया था.
शिंजो आबे को भारत के दोस्त के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान की विदेश नीति की दिशा बदलने में मुख्य किरदार निभाया था.
टोक्यो पहुँचने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया और कहा - मैं टोक्यो में लैंड कर चुका हूँ.
उन्होंने जापानी भाषा में भी ऐसा ही ट्वीट किया है.
अंतिम विदाई से पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा से मुलाक़ात की है.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो शिंजो आबे के असयम निधन से दुखी हैं.
उन्होंने कहा कि शिंजो आबे ने भारत-जापान के रिश्तों को ऊंचाई दी और कई स्तर पर बढ़ावा दिया.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान के संबध और गहरे होंगे और नई बुलंदियां छुएंगे.’’
आबे की मौत
जापान के लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री को एक व्यक्ति ने आठ जुलाई को एक चुनाव अभियान के दौरान गोली मार दी थी.
भारत ने उनकी मौत पर नौ जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया था.
क्यों हो रहा है विरोध ?
शिंजो आबे की तमाम लोकप्रियता के बावजूद जापान में कुछ लोग उनके अंतिम संस्कार में किए जाने वाले ख़र्च की वजह से इसका विरोध कर रहे हैं.
एक अनुमान के मुताबिक इस पूरे संस्कार पर करीब 93 करोड़ रुपये ($ 11.4 मिलियन) ख़र्च होंगे.
बीते कुछ हफ़्तों में देश के भीतर इसके प्रति ग़ुस्सा बढ़ा है. पिछले हफ़्ते अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री के कार्यालय के सामने ख़ुद को आग लगा ली थी.
सोमवार को करीब दस हज़ार प्रदर्शनकारी टोक्यो की सड़कों पर विरोध करने उतरे थे. (bbc.com/hindi)