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अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के औरेया ज़िले में एक 15 साल के दलित लड़के सोमवार को मौत हो गई. दो सप्ताह पहले शिक्षक ने इस लड़के की पिटाई की थी.
शिक्षक के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या की कोशिश) और 504 (भड़काने के इरादे से जानबूझकर किया गया अपमान) और एससी-एसटी एक्ट के तहत ममाला दर्ज किया गया है. शिक्षक अब तक लापता है.
लड़के की मौत के कारण औरैया में सोमवार शाम से हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. पुलिस के मुताबिक़ जब लड़के का शव परिवार को पोस्टमार्टम के बाद सौंपा गया तो स्कूल के सामने प्रदर्शनकारी जमा हो गए और जमकर नारेबाज़ी की. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके.
इसके बाद मौका-ए-वारदात पर पुलिस बल तैनात किया गया.
कानपुर ज़ोन के अतिरिक्त महानिदेशक भानु भास्कर ने अख़बार से कहा है कि वरिष्ठ पुलिस और ज़िला अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और हालात काबू में हैं.
पुलिस का कहना है कि "परिवार वाले लड़के के शव को लेकर अपने गांव जा चुके हैं जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा."
औरेया के सर्कल ऑफ़िसर महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि प्राथमिक जांच में पाया गया है कि पिटाई की घटना से पहले लड़का किडनी की बिमारी से जूझ रहा था औऱ लखनऊ के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था.
उन्होंने कहा कि बीमारी और इलाज की जानकारी अस्पताल और परिवार से जरिए सत्यापित की जाएगी.
पुलिस के मुताबिक़, सात सितंबर को सामाजिक शिक्षा के एक टेस्ट में ग़लत जवाब लिखने के कारण लड़के की शिक्षक ने पिटाई की थी. 24 सितंबर को लड़के के पिता की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज की जा रही है.
पिता ने अपनी शिकायत में लिखा कि " लड़के ने एक सवाल का जवाब ग़लत लिखा और शिक्षक ने उसकी डंडे से पिटाई की. जिसके बाद लड़का बेहोश हो गया. "
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अख़बार से कहा है कि लड़के के मेडिकल रिकॉर्ड परिवार से लेना बाकी है.
औरेया के एसपी चारु निगम का कहना है कि शव का पोस्टमॉर्टम इटावा के डॉक्टरों के एक पैनल ने किया है और रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है.
इस मामले के दर्ज होने के बाद जब पुलिस स्कूल शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो पता चला कि वह फ़रार है. शिक्षक की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की एक टीम गठित की गई है.(bbc.com/hindi)