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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भारत के नए सीडीएस बने
29-Sep-2022 12:38 PM
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भारत के नए सीडीएस बने

भारतीय सेना के (रिटायर्ड) लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को बुधवार को देश का दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है.

  डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट- 

जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन के नौ महीने बाद बुधवार को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया. सेना में 40 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले अनिल चौहान पिछले साल ही सेवानिवृत हुए थे. वह सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे.

जनरल चौहान अपने 40 वर्षों से अधिक के करियर में अनेक कमांड, स्टाफ और सहायक पदों पर रहे हैं और जम्मू-कश्मीर व उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी उन्हें व्यापक अनुभव रहा है.

जनरल चौहान भारत के पहले सीडीएस, पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे. जनरल रावत की पिछले साल 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी.

दूसरे सीडीएस भी गोरखा राइफल्स से
18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया था. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं. मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी. बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली. जनरल चौहान सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला.

जनरल चौहान की चुनौतियां
जनरल चौहान के सामने कई अहम चुनौतियां हैं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती थलसेना, वायुसेना और नौसेना के एकीकरण को पूरा करना होगा. उन्हें पांच थिएटर कमान बनाने के काम को भी आगे ले जाना होगा. तीसरी बड़ी चुनौती सेना में निजी भागीदारी और स्वदेशी रक्षा खरीद बढ़ाना है. चौथी और सबसे महत्वपूर्ण चुनौती हाल ही में लॉन्च हुई अग्निपथ योजना को सफल बनाना है जिसका खासा विरोध देश में देखने को मिला था. उन्हें सीमा पर चीनी और पाकिस्तानी गतिरोध से भी निपटना होगा.

देश के नए सीडीएस चौहान पहले लेफ्टिनेंट जनरल हैं जो अब तीनों सेनाओं के प्रमुख के ऊपर होंगे. अनुभव और वरिष्ठता के हिसाब से वे मौजूदा तीनों सेना प्रमुखों से सीनियर हैं.

रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक जनरल चौहान महानिदेशक, मिलिट्री ऑपरेशन्स के प्रभार समेत महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर भी रहे हैं. इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया है. सेना से रिटायर होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा. सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है. (dw.com)
 

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