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WOMEN DEVELOPMENT CORPORATION BIHAR
-विष्णु नारायण
बिहार कैडर की एक महिला आईएएस अधिकारी हरजोत कौर का बयान सुर्खियों में है. सुर्खियों में इसलिए क्योंकि सैनिटरी पैड और शौचालय को लेकर राजधानी पटना की छात्राओं के सवाल पर उनके जवाब अटपटे थे. बात मतदान से लेकर पाकिस्तान तक की होने लगी.
ऐसे में लोगों की दिलचस्पी इस बात में है कि आखिर महिला एवं बाल विकास निगम की मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत आईएएस हरजोत कौर बम्हरा कौन हैं?
क्या है पूरा मामला?
बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को महिला एवं बाल विकास निगम और यूनिसेफ के साथ ही 'सेव द चिल्ड्रेन' और 'प्लैन इंटरनेशनल' नामक संस्था के सहयोग से "सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टुवर्ड्स इन्हैन्सिंग द वैल्यू ऑफ़ गर्ल चाइल्ड" विषय पर राज्य स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया था.
इस वर्कशॉप में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली छात्राओं को भी आमंत्रित किया गया था.
मकसद लैंगिक असमानता मिटाने वाली सरकारी योजनाओं से उन्हें रूबरू कराना था.
लेकिन महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा से जब लड़कियों ने इन्हीं योजनाओं से जुड़े सवाल पूछे तो आईएएस महोदया ने बेहद अटपटे जवाब दिए.
इन लड़कियों के सवाल पर हरजोत कौर के जवाब ने कई लोगों को असहज कर दिया.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने तो हरजोत कौर पर उनके बयान को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से कार्रवाई करने का आग्रह भी किया है.
वर्कशॉप के दौरान एक सेशन 'झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली सरकारी स्कूलों की छात्राओं और संबंधित विभाग के अधिकारियों के बीच संवाद' का था.
पहले से तय इस सेशन के दौरान छात्राओं ने संबंधित विभाग की अधिकारी हरजोत कौर से सैनिटरी पैड को लेकर सवाल किए.
छात्राओं का सवाल था कि 'जैसे सरकार पोशाक से लेकर छात्रवृत्ति तक देती है, तो क्या 20 और 30 रुपये का व्हिस्पर (सैनिटरी पैड) नहीं दे सकती?'
इसी सवाल के जवाब में हरजोत कौर ने कहा, "20 और 30 रुपये का व्हिस्पर नहीं दे सकते हैं, कल को जीन्स पैंट भी दे सकते हैं. परसों जूते क्यों नहीं दे सकते हैं? अंत में जब परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में देना पड़ेगा, है ना?''
इसके अलावा उन्होंने छात्राओं की ओर से स्कूलों के भीतर टॉयलेट के टूटे दरवाजों और ताकझांक के सवाल पर कहा कि ''क्या तुम्हारे घर में अलग से शौचालय है? हर जगह अलग से बहुत कुछ मांगोगी तो कैसे चलेगा."
हालांकि ऐसा नहीं है कि हरजोत कौर ने ख़ुद को यहीं रोक लिया हो.
इस पर उनका जवाब था, "मत दो तुम वोट. सरकार तुम्हारी है. बन जाओ पाकिस्तान."
सेशन की समाप्ति के बाद छात्राओं ने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से बातचीत में निराशा ज़ाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम से उम्मीद थी कि उनकी बातें सुनी जाएंगी. बात को बहस के रूप में नहीं लिया जाएगा.
सोशल मीडिया पर हरजोत कौर का ये बयान काफी तेज़ी से वायरल हो गया.
बयान वायरल होने के बाद हरजोत कौर ने दोबारा मीडिया से बात की.
वायरल बयान पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा, "मीडिया में चल रही बातें आउट ऑफ़ कॉन्टेक्सट हैं. गलत और भ्रामक तरीके से खबरें चलाई जा रही हैं. हम कार्यक्रम के पूरे वीडियो को महिला विकास निगम के हैंडल पर जारी कर देंगे. आप लोग खुद ही देख लीजिएगा."
कौन हैं हरजोत कौर?
बिहार सरकार से सम्बद्ध व महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के तौर पर कार्यरत हरजोत कौर बम्हरा बिहार कैडर के 1992 बैच की आईएएस हैं.
पूर्व में वह खान और भू-विज्ञान विज्ञान विभाग के अलावा विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग में प्रमुख के तौर पर कार्यरत रही हैं.
उन्होंने पशुपालन विभाग में सचिव के तौर पर भी काम किया है. हरजोत कौर के पति दीपक कुमार भी आईएएस अधिकारी हैं.
वे शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के तौर पर कार्यरत हैं. उनके ट्विटर प्रोफ़ाइल के मुताबिक वे जेएनयू की पूर्व छात्रा हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आईएएस अधिकारी से पूरे मामले पर सात दिन के अंदर लिखित जवाब माँगा है.
इस कार्यक्रम में हरजोत कौर के बयान पर हो रहे बवाल के संदर्भ में बिहार सरकार में समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने मीडियाकर्मियों के सवाल पर कहा, "उनके बयान पर हम ये तो नहीं कह सकते कि हरजोत कौर अपने जवाब में इतना आगे क्यों चली गईं. इसके बारे में वो ही बेहतर बता सकती हैं. मुझे लगता है कि वो भावनाओं में बह गईं. खुद को संयमित नहीं रख पाईं."
जब आईएएस अधिकारी के बयान और सरकार की ओर से महिला सशक्तीकरण को लेकर किए जा रहे दावे के विरोधाभास को लेकर मीडियाकर्मियों ने मंत्री से सवाल किए तो उनका कहना था कि ''मुख्यमंत्री तो महिलाओं के आवाज़ पर ही नशामुक्त बिहार करने की मुहिम में लगे हैं. महिलाओं को सरकारी नौकरियों के साथ ही पंचायत स्तर पर आरक्षण दिया गया है. सैनेटरी नैपकिन से लेकर पोशाक की राशि दी जाती है.''
बात जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुँची तो उन्होंने इस मामले पर तत्काल बैठक बुलाने का आदेश दिया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले में ऐक्शन लेने की बात भी कही है.
आईएएस अधिकारी हरजोत कौर जो अब तक अपने बयान को आउट ऑफ़ कॉन्टेक्स्ट और भ्रामक रिपोर्टिंग बता रही थीं, उन पर जब हर तरफ़ से दबाव बढ़ने लगा और फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से भी प्रतिक्रिया आ गई तो उन्होंने नया बयान जारी करते हुए खेद जताया.
इसमें उन्होंने कहा, "आयोजित कार्यशाला के क्रम में कहे गए कुछ शब्दों के कारण अगर किसी बालिका या प्रतिभागी की भावनाओं को ठेस पहुँची है तो इसके लिए 'मैं हरजोत कौर बम्हरा अध्यक्ष-सह-प्रबंधक निदेशक' खेद व्यक्त करती हूँ. इसका उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना या किसी की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं था बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना था."
सैनेटरी पैड पर बिहार सरकार की योजना
बिहार के समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने बताया कि राज्य सरकार सैनिटरी पैड को लेकर पहले से ही योजना चला रही है. साथ ही स्कूल के बच्चों को पोशाक तक के लिए पैसे दिए जाते हैं.
मंत्री मदन सहनी के दावे को लेकर बीबीसी ने पटना ज़िले के खुसरूपुर इलाके में स्थित सरकारी स्कूल महादेव उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्या मधुरिमा से सवाल पूछा.
जवाब में उन्होंने कहा, "देखिए माहवारी और हाइजिन को लेकर सरकार जागरूकता मुहिम तो चलाती ही है. रही बात हमारे स्कूल की तो यहां क्लास 9 से 12 के बीच की छात्राओं के खाते में सैनेटरी पैड के लिए सरकार 300 रुपये डालती है. योजना का नाम मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना है."
इस स्कूल को लेकर एक अहम बात यह भी है कि इस स्कूल से सम्बद्ध शिक्षिका निशि कुमारी को हाल में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है. इस सम्मान के पीछे शिक्षिका की ओर से स्कूल के छात्र और छात्राओं को माहवारी और उससे जुड़े मसले पर जागरूक करना एक बड़ी वजह रही है. इसके अलावा इस स्कूल में सैनेटरी पैड वेंडिंग मशीन भी लगे हैं. (bbc.com/hindi)