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डॉ. सीवी रामन यूनिवर्सिटी की राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए केंद्रीय राज्य मंत्री
बिलासपुर, 30 सितंबर। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर डॉ सी वी रमन विश्वविद्यालय में- स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति के नायकों का योगदान, विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग क सलाहकार एवं सभ्यता अध्ययन केंद्र नई दिल्ली के संस्थापक रविशंकर, क्षेत्रीय उप संचालक वेदराम मरकाम व क्षेत्रीय संयोजक बृजेंद्र शुक्ला ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायक के योगदान पर विस्तार से अपनी बातें रखी।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि देश की आजादी में जनजाति के कई महान लोगों ने अपनी आहुति दी है, लेकिन इतिहास में ऐसे महान पुरुषों को पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाया है। लोगों को उनके बलिदान की जानकारी नहीं है, लेकिन लोग गाथाओं में यह उल्लेखित है। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों से आह्वान किया कि ऐसे आजादी के नायकों पर शोध किया जाए और उसके आधार पर नया इतिहास लिखा जाए, ताकि भावी पीढ़ी को सच्ची जानकारी मिले। इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि आदिवासी वह होते हैं जो परमात्मा के समीप वास करते हैं। विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों में इस बात को भी शामिल करता है, कि किसी भी वर्ग के विद्यार्थी को आर्थिक संघर्ष के कारण शिक्षा से वंचित न होना पड़े। कोई भी विद्यार्थी हमारे पास आकर अपनी जानकारी देकर यहां शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
वक्ता जनजातीय आयोग सलाहकार रविशंकर ने कहा कि जनजाति आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना संविधान के प्रावधानों के तहत की गई है। इसमें हम विभिन्न प्रकार के अधिकारों की जानकारी देते हैं। साथ ही सरकार को विकास की योजनाओं पर सुझाव देते हैं। जिन विद्यार्थियों को या व्यक्तियों को अपने अधिकारों और सुविधाओं की जानकारी चाहिए तो वे हमसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। वक्ता मरकाम ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड सहित पूरे देश के जनजाति नायकों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अनेक नायक भगवान की तरह मान रखते थे। आज पूरे देश में अभियान चलाकर उनके जीवन के संघर्ष की जानकारी देने की आवश्यकता है।
विश्वविद्यालय के कुल सचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में आदिवासी सहित सभी वर्गों के उत्थान के लिए यह विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। उन्होंने विश्वविद्यालय में अध्ययनरत जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित ब्रजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि यह आयोजन भावी पीढ़ी के सामने आजादी के नायकों का वास्तविक रूप सामने लाएगा।
अकादमिक अधिष्ठाता डॉ. अरविंद तिवारी ने आभार प्रगट किया। इस अवसर अतिथियों ने आजादी के नायकों पर केंद्रित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
विश्वविद्यालय में ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मंत्री कुलस्ते ने ग्रामीण महिलाओं से मुलाकात की और उनके प्रशिक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ी संजोही एवं छत्तीसगढ़ी लोक कला संस्कृति केंद्र का भ्रमण किया। प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनुपम तिवारी ने उन्हें प्रशिक्षण एवं ग्रामीण महिलाओं को रोजगार की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया।