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FACEBOOK/SHARJEEL IMAM
-सुचित्र मोहंती
नई दिल्ली, 30 सितंबर। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को 2019 के देशद्रोह के एक मामले में ज़मानत दी है.
इस केस में उन पर ‘भड़काऊं भाषण’ देने का आरोप है जिसकी वजह से जामिया नगर में हिंसा हुई.
एडिशनल सेशन जज अनुज अग्रवाल ने शरजील इमाम को एफ़आईआर संख्या 242/2019 में ज़मानत दी है. हालांकि इमाम इस ज़मानत के बावजूद जेल से बाहर नहीं आएंगे.
वह दिल्ली दंगों से जुड़ी एक केस में जेल में ही रहेंगे. साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों से जुड़ी एफ़आईआर संख्या 59/2020 में यूएपीए की धाराएं लगाई गई हैं शरजील उस एफ़आईआर के तहत जेल में हैं उन पर ‘दंगों के पीछे हुई साजिश’ में शामिल होने का आरोप है.
ये हालिया ज़मानत शरजील को दिसंबर 2019 के एक केस में मिली है. दिल्ली के न्यूफ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफ़आईआर के मुताबिक़ 13 दिसंबर , 2019 को शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन बिल केखिलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों में एक भाषण दिया जिसके बाद 15 दिसंबर को जामिया नगर में भीड़ ने रास्ते रोके और निजी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया. (bbc.com/hindi)