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ग्रामीण फैक्ट्री बंद करने की मांग कर रहे, उधर संयंत्र का हो रहा विस्तार
बिलासपुर, 4 अक्टूबर। मस्तूरी तहसील के बेलपान ग्राम में 12 गांवों के ग्रामीण यहां की कालिंदी स्पंज आयरन फैक्ट्री को बंद करने की मांग पर धरना आंदोलन पर बैठे हैं। फैक्ट्री के प्रदूषण से उनके गांव का हवा पानी प्रदूषित हो चुका है और हालत लगातार बदतर होती जा रही है। इससे फसल भी खराब हो रही है। स्थानीय लोगों को रोजगार भी नहीं के बराबर दिया गया है। रोजगार मांगने पर युवाओं से दुर्व्यवहार किया जाता है। कोकड़ी, हरदी, जैतपुरी, भटचौरा, ठाकुरदेवा, बहतरा, मोहतरा, रहटाटोर एवम अन्य कई गांवों के लोग कालिंदी इस्पात प्राईवेट लिमिटेड को बन्द कराने की अपनी मांग को लेकर लामबंद हो गए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि फैक्ट्री को लगाते समय आश्वासन दिया गया था कि यहां नदी के पानी का इस्तेमाल किया जाएगा लेकिन भू जल का दोहन किया जा रहा है। इसके चलते गांव के हैंडपंप, तालाब, बोर, नाले सब गर्मियों के दिन में सूख जाते हैं। प्रदूषण के कारण तालाब का पानी काला पड़ गया है और फसलें खराब हो रही हैं। पर्यावरण संतुलन के नाम पेड़ लगाने की बात थी। ग्रामीणों के विरोध के बाद कुछ पौधे लगाए गए हैं। इनमें से कई पेड़ कंपनी ने ऐसे लगाए हैं, जो फसलों और वाटर लेवल को नुकसान ही पहुंचा रहे हैं। ये मनुष्य ही नहीं मवेशियों, जीव-जंतुओ और पक्षियों के स्वास्थ्य पर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 27 अप्रैल को कंपनी के विस्तार के लिए रखी गई जन सुनवाई में ग्रामीणों ने विरोध प्रकट किया था। इसके बावजूद विस्तार की अनुमति कंपनी को दे दी गई है।
ग्रामीण अपनी शिकायत राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सहित अनेक मंत्रियों, विधायकों को भेज चुके हैं, पर कोई कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है। भाजपा या कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का भी उनको सहयोग नहीं मिल रहा है।