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मैच के हर गेंद पर लगता है सट्टा, 7 लोगों के खिलाफ लुकऑउट नोटिस
04-Oct-2022 4:18 PM
मैच के हर गेंद पर लगता है सट्टा, 7 लोगों के खिलाफ लुकऑउट नोटिस

 पत्ते और शाखाएँ तोड़ रहे हैं, तना हाथ लगते ही जड़ सहित उखाड़ फेंकेगे आनलाईन बेटिंग - एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव   
  पंद्रह दिन में ताबड़तोड़ कार्रवाई, हर दिन कर रही नया खुलासा  
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 4 अक्टूबर।
दुर्ग जिले से शुरू हुआ महादेव और रेडी अन्ना आनलाइन बेटिंग नेटवर्क  मध्यप्रदेश, कोलकाता, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और गोवा सहित दीगर राज्यों में भी संचालित होने लगा है। इस अवैध कारोबार में जल्द अमीर बनने की ख्वाहिश में देश के करोड़ोंं युवा आईडी ले मैच की हर गेंद पर बेटिंग कर रहे हैं। दुर्ग जिले में लगातार कार्रवाई के बाद ऐप के मुख्य संचालक और पार्टनर कब  दुबई में जा बैठे पुलिस के नेटवर्क को इसकी भनक नहीं लग पाई। लगभग सौ से ज्यादा युवा बाकायदा ट्रेनिंग लेने के बाद दुबई में रिक्रूट हो हब सेंटर से पूरे भारतवर्ष में आनलाईन बेटिंग करवा रहे हैं। दुर्ग जिले से ही महादेव बेटिंग ऐप के संचालक ताल्लुक़ रखते हैं और 7 मुख्य आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस  के बावजूद इन तक पहुंच पाना आज तक नामुमकीन लग रहा है। हालांकि ईडी के सक्रिय होने से काफी उम्मीद जगी है और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस अवैध कारोबार से छत्तीसगढ़ को बचाने संजीदा हैं।

 जब आईफा अवार्ड आबूधाबी में बजा महादेव ऐप का डंका
जून 2022 में दूबई आबूधाबी में हुए आईफा अवार्ड में हर तरफ महादेव ऐप का बैनर और इनके संचालक जो कि दुर्ग जिले से हैं, का रैम्प वॉक और रसूख देखने को मिला। प्रसारण बाद सोशल प्लेटफार्म पर इस अवार्ड सेरेमनी के वीडियो में महादेव ऐप की जमकर एडवरटाइजिंग और संचालकों का कैट वॉक छाया रहा। तब पुलिस महकमा की जानकारी पुख्ता हो गई कि अब इन्हें जिले या अन्य राज्यों में तलाशना निरर्थक है। चूंकि परिजन अब भी जिले में हैं इसलिए पुलिस अधिकारियों को उम्मीद जरूर है कि देर सबेर उन तक निश्चित पहुंचेंगे और उन्हें सीखचों के पीछे जरूर धकेल देंगे।

बड़ा और कडा़ नेटवर्क, जीतने का लालच बनता जा रहा बिजनस अपार्चुनिटी
कुछ रूपये देकर आईडी लेने के बाद लिमिट तय होता है। जहां युवा मोबाईल पर आसानी से आनलाईन बेटिंग कर बड़ी जीत की संभावना में हर मैच की हर गेंद पर दांव लगाने लगे हैं वहीं 20 लाख का पैनल खरीद कई लोग इसे बेहतर व्यवसाय का रूप दे चुके हैं। पैनल लेने के बाद कंट्रोल सेंटर से आईडी के लिए कन्वेंस करने एक बड़ी टीम लग जाती है। आइडेंटीफाई लेबर क्लास को महज 2 हजार देकर उनके नाम अलग अलग बैंक में मल्टीपल एकाउंट खुलवा बेटिंग के रूपये का लेन देन होता रहा है। बेरोजगारी के आलम का पूरा फायदा भी इस अवैध कारोबार में लगे लोग आसानी से उठा रहे हैं। सैकडो़ं युवाओं का काम एटीएम से विथड्राल और मल्टीपल एकाउंट में डिपाजिट होता है। इसके लिए  उन्हें कमिशन दिया जाता है।

 मिनटों में होता है काम, सायबर टीम पकड़े भी तो साक्ष्य का आधार नदारद
महादेव और रेडी अन्ना ऑनलाइन बेटिंग के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम एप्लीकेशन और वेबसाइट के माध्यम से इंटरनेट प्लेटफार्म पर लिंक प्रोवाइड कर ग्रुप एडमिन पैनल बेटिंग सुविधा उपलब्ध करा रहा है। पुलिस से बचने के लिए तमाम हाईटेक तरीके अपना रहे हैं, इस धंधे में वर्क लोड और टीम पावर डिसेंट्रलाईज होने से बीच की कड़ी तक पुलिस पहुंची भी तो सबूत का आधार कमजोर हो जाता है। पुलिस की नजर से बचने के लिए टेलीग्राम पर सट्टा खिलाने वाली ऐप की लिंक भेजी जाती और लिंक सोर्स सर्चिंग के दौरान मैच खत्म होते ही ग्रुप डिलिट कर दिया जाता है।
 
जीएसटी रजिस्ट्रेशन के प्रयास में लगे हैं बेटिंग ऐप संचालक, रोकना जरूरी
खबर यह भी है कि आनलाईन पेड गेमिंग की आड़ में महादेव और रेड्डी अन्ना सहित कई बेंटिंग ऐप इस व्यवसाय को रजिस्टर्ड करने और जीएसटी नंबर लेने का प्रयास कर रहे हैं। अगर किसी अन्य रास्ते से भ्रमित कर जीएसटी नंबर मिलता है तो यह गोरख अवैध कारोबार पूर्णत: कानूनी मान्यता ले लेगा और उसके बाद अब तक हुई तमाम सैकडो़ं कार्रवाईयों पर पानी फिर जाएगा। शासन स्तर पर इसे रोकने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। दरअसल आनलाईन गेम ऐप की आड़ में स्पोर्ट्स से संबंधित ऐप तैयार कर इसे आनलाईन व्यवसाय का रूप दिया जा रहा है फिर इस तरह के गेमिंग ऐप ग्रुप तैयार कर उनमें काम्पीटिशन करवाते हैं, कुछ समय में गोल्डन बैच या मेम्बरशिप का ईनाम रख लोगों का इन्वाल्वमेंट बढा़ते हैं।

 नेचर आफ क्राईम मूवेबल होने से एक्शन मुश्किल जरूर है, असंभव नहीं
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि इस कारोबार में ऐप बनाने वाला, ऐप का संचालक, डिपॉजिट ले रहे लोग, पैसा लेकर बाद में वापस करने वाली एजेंसी, पैनल खरीददार, आईडी देने वाले, आईडी लेने लोगों को तैयार करने वाली कन्वेसिंग टीम, आईडी ले बेटिंग करने वाले, आनलाईन रूपये लेने और पेमेंट देने मल्टीपल एकाउंट के लिए अलग कन्वेंसिग टीम, खाताधारक अलग और अलग अलग आपरेटिंग टीम, दीगर राज्यों में कंट्रोल सेंटर पर विभागीय साइबर टीम की वेब मॉनिटरिंग और नेचर आफ क्राईम मूवेबल होने से फिजिकल टीम को पहुंच कर कार्रवाई करना काफी मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं। सीमित संसाधनों और फोर्स के बीच सामंजस्य बनाते हुए हम लगातार अभियान चला रहे हैं। मक़सद इस नेटवर्क को सामाजिक तौर पर सामने लाना और ब्रांचेज तोड़ कर रूट खत्म करना है।

 छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में महादेव और रेड्डी अन्ना ने बना लिया है कंट्रोल सेंटर
डॉ पल्लव ने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी 15 से 20 कंट्रोल सेंटर होने की जानकारी हमें मिली है। आईडी लेकर ऑनलाइन बेटिंग करने वालों से आह्वान किया जा रहा है कि आईडी लेकर पूर्व कभी बेटिंग किए हैं तो तत्काल आईडी डिलीट कर दें। जो लोग पैनल खरीद रखें हैं उन तक पहुंचना हमारा मकसद है। कुछ लोगों ने डेढ़ से दो वर्ष के भीतर इस व्यवसाय से जमीन, आलिशान मकान और संपत्ति खरीदी है, उनकी भी जानकारी मिली है, जब हम ठोस एविडेंस दिखाएंगे तो ईडी का इंवाल्व हो बड़ी कार्रवाई संभव हो सकेगी। मनी लांड्रिंग के रास्ते तलाश कर कानूनी रूप से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। चूंकि गैंबलिंग एक्ट में यह प्रावधान है कि इनकी प्रोसीड से अगर कुछ लिया गया है तो उसे जब्त करने की कार्यवाही की जा सकती है इसलिए आईडी आबंटित करने वाले, डिपॉजिट लेने वाले, जिनके अकाउंट में पैसा आ रहा है उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। राज्य शासन द्वारा कोई स्पेशल एक्ट लाया जाता है तो बड़ी कार्रवाई हो सकेगी।

अभियान चला टीम के साथ खुद फिल्ड में उतर कर रहे हैं कार्रवाई-एसपी
एसपी ने कहा कि इस कारोबार से जुड़े लोगों पर लगातार कार्रवाई होगी तो पैनल लेने वालों का प्रॉफिट कम होगा, आईडी लेने वालों में भी कार्रवाई का डर होगा। प्रॉफिट कम होने से नए लोग पैनल नही खरीदेंगे और पैनल चला रहे इन लीगल गेम वाले लोग लीगल गेम में कन्वर्ट हो जाएंगे। कई इंजीनियरिंग, मेडिकल छात्र, हाई एजुकेटेड युवाओं का इंवाल्वमेंट सामने आया है, इस पर भी काम कर रहे हैं। चूंकि मेन आपरेटर दुर्ग के हैं तो यहां के युवाओं का इंवाल्वमेंट अधिक है और वो लोग अन्य राज्यों में छिप कर मानिटरिंग कर रहे हैं। पूर्व में आनलाईन बेटिंग की कोई बात थी नहीं इसलिए आईटी ऐक्ट अबेडमेंट में आनलाईन बेटिंग को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। हाई कोर्ट का निर्देश है कि गेम आफ स्किल एलाउड है, गेम आफ चांस गैर कानूनी है। भिलाई दुर्ग से कई नाम मिले हैं जो अन्य राज्यों में नेटवर्क बढा़ रहे हैं, उन तक पहुंचने का प्रयास हो रहा है। जुआ, सट्टा, कबाड़, अवैध शराब ऐसे कारोबार सदियों से होते रहे हैं, इन्हें पूर्णत: खत्म करना संभव न भी हो तो लगातार कार्रवाई से इनको कम किया जा सकता है। इन्हें दबा कर रखने से कई अपराध पर अंकुश संभव होता है इसलिए पारदर्शिता से वे स्वयं टीम के साथ फिल्ड में जा रहे हैं और अभियान चला एविडेंस के साथ हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

एक खाते से 84 लाख फ्रीज
महादेव एप में इस्तेमाल होने वाले एक बैंक खाते से 84 लाख से ज्यादा राशि फ्रीज की जा चुकी है। बैंक खातों से पहले ही एक करोड़ से अधिक फ्रीज किए गए हैं। एप के इस्तेमाल किए गए अन्य बैंक खातों का ब्यौरा मिलने के बाद और राशि फ्रीज होने की संभावना है।
 

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