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सीएम बघेल ने नंदनवन जंगल सफारी में 10 नये बाड़े का किया लोकार्पण
रंग-बिरंगे तितलियों पर पुस्तक का विमोचन
रायपुर, 7 अक्टूबर। सीएम भूपेश बघेल ने शुक्रवार को नंदनवन जंगल सफारी नवा रायपुर की शेरनी कृति द्वारा 18 माह पहले मई -21 में जन्में तीन शावकों का नामकरण अरपा, पैरी तथा शबरी के नाम से किया। साथ ही उन्होंने नंदनवन जंगल सफारी में लोगों को वन्य प्राणियों को करीब से जानने का मौका देने और उन्हें जागरूक करने के लिए 10 नये बाड़े का लोकार्पण किया। इन्हें मिलाकर जंगल सफारी में अब कुल 28 बाड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बारनवापारा अभ्यारण्य में पाए जाने वाली रंग-बिरंगी तितलियों की जानकारी पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
बघेल ने कहा हमें गर्व है कि छत्तीसगढ़ वन एवं वन्यप्राणियों से समृद्ध राज्य है। प्रदेश में 44 प्रतिशत से अधिक हिस्से वनों से आच्छादित हैं, यहां वन्य प्राणी विचरण करते हैं। ये हम सब के लिए महत्वपूर्ण धरोहर है।
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि प्रदेश में वन तथा वनों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा हर संभव पहल की जा रही है। इसके तहत राज्य में वर्तमान में संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत 3 राष्ट्रीय उद्यान, 11 अभ्यारण्य, 3 टायगर रिजर्व, एक हाथी रिजर्व और एक बायोस्फियर रिजर्व के माध्यम से वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं संवर्धन के विविध कार्य किए जा रहे हैं।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि नंदनवन जंगल सफारी नवा रायपुर, एशिया का मानव निर्मित सबसे बड़ा जंगल सफारी है। नंदनवन में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पीसीसीएफ (वन्यप्राणी) पी.व्ही. नरसिंग राव ने बताया कि इन बाड़ों में जंगली कुत्ते, भेड़िये, बायसन, चीतल, सांभर, चिंकारा, साही, नेवला, मसक बिलाव तथा सर्पों का बाड़ा शामिल है।