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-गीता पांडे
नई दिल्ली, 15 नवंबर । आज दिल्ली की एक अदालत बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फ़र्नांडिस के ख़िलाफ़ दर्ज मनी लॉड्रिंग केस में फ़ैसला सुनाएगी.
37 वर्षीय अभिनेत्री के ख़िलाफ़ प्रवर्तन निदेशालय की जाँच चल रही है. ये एजेंसी वित्तीय अपराधों की तफ़्तीश करती है.
जैकलीन पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है और एजेंसी ने अदालत से उनकी कस्टडी की मांग की है.
फ़र्नांडिस के वकील प्रशांत पाटिल अपने मुव्वकिल पर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहते हैं कि उन पर केस का कोई क़ानूनी आधार नहीं है.
कौन हैं जैकलीन फ़र्नांडिस?
ये केस ख़बरों में इसलिए है क्योंकि फ़र्नांडिस एक जानी-मानी बॉलीवुड अभिनेत्री हैं.
फ़र्नांडिस श्रीलंका में एक ब्यूटी कांटेस्ट की विजेता रही हैं. उसके बाद वे एक कामयाब मॉडल बनीं और साल 2009 में उन्होंने बॉलीवुड में अपनी पारी की शुरुआत की.
हालाँकि सिनेमा के पारखी लोग अक्सर उनकी एक्टिंग की काबियलित को नकारते रहे हैं, फ़र्नांडिस ने सैफ़ अली ख़ान, अक्षय कुमार,सलमान ख़ान जैसे बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ फ़िल्में की हैं.
वे भारत और विदेशों में शाहरुख़ ख़ान और प्रियंका चोपड़ा के साथ कई स्टेज शो कर चुकी हैं. साथ ही वे एक डांस रियालिटी शो को जज भी कर चुकी हैं.
फ़र्नांडिस कई बड़े ब्रैंडों के लिए विज्ञापन भी करती हैं.
लेकिन बीते एक साल से वे दिल्ली के चक्कर लगा रही हैं. उन पर एक कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से महंगे गिफ़्ट लेने और मनी लॉड्रिंग करने के आरोप लगे हैं.
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने उन्हें कई बार तफ़्तीश के लिए बुलाया है. अब उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की जा चुकी है और एजेंसी उन्हें गिरफ़्तार करना चाहती है.
लेकिन दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि जब तक वो फ़र्नांडिस की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई नहीं कर लेती, उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता.
फ़र्नांडिस पर क्या हैं आरोप?
फ़र्नांडिस पर एजेंसी का केस कथित ठग 32 वर्षीय सुकेश चंद्रशेखर के इर्द-गिर्द घूमता है. चंद्रशेखर पर कई लोगों से जबरन वसूली करने का आरोप है.
कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज़ो के अनुसार साल 2018 से जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर पर एक व्यावसायी से दो सौ करोड़ की उगाही करने का आरोप है.
उनके वकील अशोक कुमार सिंह इन सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहते हैं कि उनके क्लाइंट को फ़र्जी केस में फंसाया गया है.
केस की तफ़्तीश करने वाली एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल फ़रवरी और अगस्त के बीच चंद्रशेखर ने फ़र्नांडिस को ढेर सारे गिफ़्ट दिए थे.
इन उपहारों की क़ीमत सात करोड़ से भी अधिक थी. इनमें डिज़ाइनर हैंडबैग, बेशक़ीमती कपड़े, गहने, एक घोड़ा, प्रॉपर्टी, केश और फ़र्नांडिस के परिवार को दी गई कारें शामिल हैं.
फ़र्नांडिस ने गिफ़्ट मिलने से इनकार नहीं किया है लेकिन उनके वकील प्रशांत पाटिल कहते हैं कि वो भी एक विस्तृत अपराध का शिकार हुई हैं.
क्या है रिश्ता
अदालत में जमा किए गए काग़ज़ात के मुताबिक चंद्रशेखर ने पहली बार दिसंबर 2020 में फ़र्नांडिस से संपर्क किया था.
ये संपर्क पिंकी ईरानी के ज़रिए हुआ था. पिंकी ईरानी को एक साल बाद सुकेश चंद्रशेखर से संबंध होने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था. उन्हें बाद में ज़मानत दे दी गई थी.
पहली बार संपर्क किए जाने पर फ़र्नांडिस ने चंद्रशेखर से बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी.
जनवरी 2021 में पहली बार फ़र्नांडिस ने चंद्रशेखर से बात की. दरअसल फ़र्नांडिस के स्टाफ़ को एक फ़ोन आया और उन्हें बताया गया कि वो चंद्रशेखर से बात करें क्योंकि वे भारत के गृह मंत्रालय के एक प्रमुख अधिकारी हैं.
जांचकर्ताओं का कहना है कि ये एक फ़र्जी कॉल थी जिसमें चंद्रशेखर के नंबर को भारत के गृह मंत्रालय का दिखाया गया था.
फ़र्नांडिस बताती हैं कि उन्हें चंद्रशेखर ने कहा कि वो दक्षिण भारत के एक बड़े सियासी परिवार के वारिस हैं और दक्षिण भारत के जाने-माने टीवी चैनल के मालिक हैं.
चंद्रशेखर ने कहा कि वे एक ज्वेलरी फ़र्म के भी मालिक हैं. उसने फ़र्नांडिस को बताया कि वो उनके साथ एक स्ट्रीमिंग सर्विस का प्रोजेक्ट करना चाहते हैं.
गिफ़्ट में घोड़ा, हीरे और प्रॉपर्टी
दोनों की मुलाक़ात चेन्नई में हुई. चंद्रशेखर उस समय अपने चाचा की अंत्येष्टि के लिए जेल से परोल पर बाहर आए थे.
प्रशांत पाटिल दावा करते हैं कि फ़र्नांडिस को इस बात का कोई इल्म नहीं है था कि चंद्रशेखर जेल में है क्योंकि वो अक्सर वीडियो कॉल करता था और जेल में तो ये करना संभव नहीं हो सकता.
चंद्रशेखर उन्हें प्राइवेट जेट की यात्राओं के वीडियो भी भेजता रहता था.
पाटिल इस बात से भी इनकार करते हैं कि फ़र्नांडिस चंद्रशेखर को डेट कर रही थीं.
वो कहते हैं, “ये डेट से पहले का स्टेज था. वो फ़र्नांडिस और उसके परिवार को गिफ़्ट दे रहा था. वो उन्हें रिझाने की कोशिश कर रहा था.”
अदालत में जमा दस्तावेज़ के मुताबिक चंद्रशेखर ने फ़र्नांडिस को मशहूर ब्रैंड टिफ़ेनी की हीरे की एक अंगूठी दी थी जिसपर उन दोनों के नाम उकेरे गए थे.
जनवरी में इन दोनों की कई निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. तब फ़र्नांडिस ने अपने फ़ैन्स और मीडिया से उनकी निजी ज़िंदगी में हस्तक्षेप न करने की गुज़ारिश की थी.
जाँचकर्ता क्या कह रहे हैं?
तफ़्तीश करने वाले अधिकारी दावा करते हैं कि फ़र्नांडिस को चंद्रशेखर के बारे में सारी जानकारी थी.
अभिनेत्री के स्टाफ़ ने पिछले साल 12 फ़रबरी को चंद्रशेखर के बारे में कई आर्टिकल उन्हें मुहैया करवाए थे.
लेकिन अभिनेत्री का कहना है कि उन्होंने पिंकी ईरानी की उस बात का यक़ीन किया कि वो चंद्रशेखर को जानती हैं.
ईरानी ने कहाा था कि चंद्रशेखर एक अच्छे परिवार से आता है और उनके बारे में फ़ेक न्यूज़ उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने फैलाई है.
फ़र्नांडिस कहती हैं कि अगस्त 2021 में उन्होंने चंद्रशेखर से संबंध तोड़ दिए थे क्योंकि उन्होंनें जेल में ही चंद्रशेखर के दोबारा गिरफ़्तार होने की ख़बरें पढ़ी थीं.
लेकिन अधिकारियों का कहना है कि फ़र्नांडिस ने ‘सुविधाजनक तरीक़े से चंद्रशेखर के आपराधिक अतीत को नज़रअंदाज़ किया और उससे गिफ्ट लेती रहीं.’ और एक कथित ठग से गिफ़्ट लेना अपराध से जुटाए गए धन को स्वीकारने जैसा है. इसलिए ये अपराध है.
जाँच एजेंसियाँ फ़र्नांडिस पर जानकारी छिपाने, गुमराह करने और अपने फ़ोन से मैसेज डिलीट करने के आरोप लगाती हैं.
क्या हैं फ़र्नांडिस का डिफ़ेंस
फ़र्नांडिस के वकील प्रशांत पाटिल कहते हैं कि चंद्रशेखर की ओर से आए मैसेज इसलिए डिलीट किए गए क्योंकि जब उन्हें उसकी हरकतों के बारे में पता चला, तो वे ट्रामा से गुज़र रही थीं.
प्रशांत पाटिल कहते हैं, "ये एक सेलेब्रेटी के निजी मैसेज थे. कुछ ऐसी तस्वीरें भी थीं जिन्हें वो नहीं चाहती थीं कि लोग देखें. आप उनकी निजी तस्वीरों के पीछे नहीं पड़ सकते. आपको एक महिला के सम्मान का रक्षा करनी चाहिए."
पाटिल कहते हैं बाक़ी लोगों की तरह फ़र्नांडिस भी चंद्रशेखर की झूठों की पीड़िता हैं.
उन्हें यक़ीन है कि फ़र्नांडिस पर लगे मनी लॉड्रिंग और अपराध के धन को स्वीकार करने के आरोप अदालत में नहीं टिक पाएँगे.
उनकी दलील है, “सुप्रीम कोर्ट कहता है कि अपराध का ज्ञान प्रमुख बात है. लेकिन फ़र्नांडिस को चंद्रशेखर के किसी अपराध में शामिल होने का कोई इल्म नहीं था. शायद आप कह सकते हैं कि फ़र्नांडिस नैतिक तौर पर सही नहीं थीं पर क्या ये क़ानूनी तौर पर ग़लत था?”
आख़िर में प्रशांत पाटिल कहते हैं, “इस केस में कोई दम नहीं है. मेरे ख़्याल से उन्हें अदालत से न्याय मिलना चाहिए.” (bbc.com/hindi)