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(कुमार राकेश)
राजकोट, 24 नवंबर। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत उपस्थिति कायम रहने के बीच बेरोजगारी, महंगाई और पेपर-लीक जैसे मुद्दों को लेकर सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों की पार्टी से शिकायतें भी हैं।
कई विद्यार्थियों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी ने सड़कों का निर्माण कर और बिजली एवं पानी की आपूर्ति में सुधार के साथ 'विकास' किया है। लेकिन कुछ विद्यार्थी शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भाजपा के कदमों पर सवाल उठाते हैं।
कांग्रेस पारंपरिक रूप से भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी रही है। लेकिन पहली बार मतदाता बने कई युवाओं का ध्यान कांग्रेस की अपेक्षा आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी ओर खींचा है।
मोरबी के रहने वाले और एमए प्रथम वर्ष के छात्र रणवा दलीप का कहना है, 'शिक्षा के संबंध में आप का विचार अच्छा है।' हालांकि दलीप के अनुसार पार्टी को अपनी जमीन तैयार करने में अभी समय लगेगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी आप ने अपने चुनाव प्रचार में शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर विशेष जोर दिया है। क्षेत्र के मुख्य विश्वविद्यालय के कई छात्रों को भ्रष्टाचार के मुद्दे ने भी आकर्षित किया है जिसे आप अपनी सभाओं में जोर-शोर से उठाती रही है। इस विश्वविद्यालय में आसपास के जिलों के छात्र पढ़ाई करते हैं।
कई चुनावी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अब भी राज्य में भाजपा की सबसे प्रबंल प्रतिद्वंद्वी बनी हुई है, लेकिन कई युवा मतदाताओं को विकल्प के रूप में यह आकर्षित नहीं करती जिससे आप को अपनी जमीन तैयार करने का अवसर मिल सकता है।
अमरेली के रहने वाले और यहां एमसीए के छात्र दर्शन जेठवा के अनुसार कांग्रेस एक "मृतप्राय" पार्टी है और उसके नेताओं के बयान केवल चुनाव के दौरान सुने जाते हैं। जेठवा ने आसपास मौजूदा छात्रों की हंसी के बीच कहा, "इस बार तो चुनाव के दौरान भी उनके बहुत बयान नहीं आ रहे हैं।’’
जेठवा ने पार्टी के फीके चुनाव अभियान का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की।
बीस साल की उम्र के आसपास वाले नए मतदाता वास्तव में ऐसे राज्य में पले-बढ़े हैं जहां पिछले दो दशकों से अधिक समय से मोदी प्रमुख नेता रहे हैं और इस दौरान उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता रहा है।
एमसीए के छात्र पीयूष राठौड़ का कहना है कि वह कई चीजों को लेकर प्रधानमंत्री के प्रशंसक हैं। इस क्रम में वह प्रधानमंत्री मोदी की "जीवनशैली", उनके भाषणों और शासन आदि का जिक्र करते हैं वहीं एक अन्य छात्र धर्मेश गरनाया के अनुसार मोदी एकमात्र नेता हैं जो हिंदुत्व को जीवित रखने में सक्षम हैं।
भाजपा से जुड़ा कोई भी सवाल मोदी के आसपास ही होता है, जबकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित अन्य नेताओं के नाम तभी लिए जाते हैं, जब उनका जिक्र किया जाता है।
बीसीए के छात्र मेहुल मकवाना का मानना है कि राज्य के लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के कारण "मोदी ही आएंगे।"
हालांकि, कुछ अलग और भिन्न स्वर भी हैं। एक छात्र का कहना था कि राज्य सरकार ने मोरबी पुल हादसे में देरी से कार्रवाई की क्योंकि "नियंत्रण" दिल्ली से है वहीं एक अन्य छात्र का कहना था कि मोदी ने देश और राज्य के लिए बहुत कुछ अच्छा किया है लेकिन वह महंगाई को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं।
एमए के छात्र कछोत कौशिक के अनुसार उच्च शिक्षा महंगी हो गई है और वह केजरीवाल के मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली के वादे से आकर्षित हैं। उनका कहना है कि उन्होंने दिल्ली और पंजाब में आप के शासन के बारे में अच्छी बातें सुनी हैं।
राज्य में भाजपा की मजबूत उपस्थिति बनी हुई है लेकिन आप ने उन युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है जो किसी न किसी कारण से भाजपा से नाखुश हैं। (भाषा)