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ऋषभ पंत या संजू सैमसन – टीम इंडिया में किसे जगह मिलनी चाहिए?
25-Nov-2022 7:56 PM
ऋषभ पंत या संजू सैमसन – टीम इंडिया में किसे जगह मिलनी चाहिए?

CHANDAN KHANNA

 

-विधांशु कुमार

वनडे क्रिकेट का वर्ल्ड कप बमुश्किल एक साल दूर है और हाल में टी20 वर्ल्ड कप में सेमीफ़ाइनल में हारने वाली भारतीय टीम के सामने एक बड़ा सिरदर्द है.

न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे सिरीज़ का पहला मैच भारत हार गया, लेकिन इस सिरीज़ को एक तरह से अगले साल भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप की तैयारी की शुरुआत की तरह देखा जा रहा है.

साल 2011 के बाद से आईसीसी की बड़ी ट्रॉफ़ी को तरसती भारतीय टीम भी खिलाड़ियों में बदलाव के मूड में भी आ गई है. इसी बहस में एक बड़ा मुद्दा है विकेटकीपर बैट्समैन का.

इस रेस में सबसे आगे फ़िलहाल ऋषभ पंत दिख रहे हैं, लेकिन उनके लगातार छोटे स्कोर ने एक बार फिर इस बहस को जन्म दे दिया है.

टीम में किसे जगह मिलनी चाहिए - ऋषभ पंत को या फिर पिछले कई साल से टीम से अंदर-बाहर हो रहे संजू सैमसन को?

टेस्ट क्रिकेट में मैच-विनर रहे हैं पंत
इसमें कोई शक़ नहीं है कि टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पंत ने कई यादगार पारियां खेलीं हैं. टेस्ट में उनका अंदाज़ आक्रामक रहता है, लेकिन टीम में उनकी वैल्यू इस बात से है कि चार में से एक पारी वो ऐसी ज़रूर खेलते हैं जो मैच जिताऊ पारी होती है.

31 टेस्ट मैचों में उन्होंने 43.32 की औसत से 2123 रन बनाए हैं जिसमें 5 शतक और 10 अर्धशतक शामिल है. उनकी बैटिंग की ख़ासियत है स्ट्राइक रेट जो कि 72.65 का है.

इसका मतलब है कि वो जब भी बड़े रन बनाते हैं, तो वो इतनी तेज़ी से बनते हैं कि मैच के रिज़ल्ट पर उसका असर दिखता है. इस तथ्य को पुख़्ता करने के लिए ज़रा पूर्व के कुछ टेस्ट मैचों पर नज़र डालते हैं.

उन्होंने पहला टेस्ट शतक 2018 में इंग्लैंड में लगाया. भारतीय टीम 464 रन चेज़ कर रही थी और कम स्कोर पर टॉप ऑर्डर खो बैठी थी. लेकिन सातवें नंबर पर खेलते हुए पंत ने 114 रन बनाए और जब तक क्रीज़ पर रहे, 464 का स्कोर भी लग रहा था कि हासिल हो जाएगा.

अगले साल उन्होंने सिडनी में 159 रनों की पारी खेली जिसकी मदद से भारत ने टेस्ट सिरीज़ में जीत हासिल की. फिर 2021 की ऑस्ट्रेलियाई सिरीज़ में उन्होंने दो मैच विनिंग इनिंग्स खेली. पहले सिडनी में 97 रन बनाए जिसकी मदद से भारत टेस्ट ड्रॉ कर पाया और फिर ब्रिसबेन में 89 रनों की पारी खेली जिसकी मदद से टीम इंडिया को जीत मिली.

इसके बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में भी दो शतक लगाए वो भी ऐसे समय में जब बाकी बैटिंग फिसड्डी रही थी. पंत की बैटिंग की अहमियत टीम में इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि वो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं.

बाएं हाथ का बल्लेबाज़ ऑफ़ स्पिनर्स पर अक्सर भारी पड़ता है और पेस बोलर्स को भी बार-बार लाइन बदलने पर मजबूर करता है जिससे वो एक लय में बोलिंग नहीं कर पाते. भारतीय टीम में पिछले कुछ साल से बाएं हाथ के बल्लेबाज़ का अकाल-सा पड़ा हुआ है, ऐसे में पंत के टीम में होने की वैल्यू सोने के बराबर हो जाती है.

व्हाइट-बॉल क्रिकेट में ठंडे आंकड़े?
टेस्ट क्रिकेट के स्टार ऋषभ पंत का बल्ला वनडे और टी20आई में मानो ख़ामोश-सा हो जाता है. कम से कम जितना टैलेंट पंत के पास है, वनडे और टी20आई के आंकड़े उससे इंसाफ़ नहीं कर पाते हैं.

27 वनडे मैचों में पंत ने सिर्फ 840 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक शामिल है. वहीं अंतरराष्ट्रीय टी20 के 66 मैचों में उन्होंने 987 रन बनाए है और यहां उनका स्ट्राइक रेट महज़ 126 का रह जाता है जो मॉडर्न टी20 क्रिकेट में कम ही माना जाएगा.

टी20 वर्ल्ड कप में पंत की जगह दिनेश कार्तिक को तरजीह दी गई. जब कार्तिक से भी रन नहीं बने तो आख़िरी के मैचों में पंत को टीम में जगह मिली. वर्ल्ड कप में उन्हें दो पारियां खेलने का मौका मिला, लेकिन वो जिम्बाब्वे के ख़िलाफ़ 3 और इंग्लैंड के विरुद्ध 6 रन ही बना सके.

वहीं न्यूज़ीलैंड में चल रही मौजूदा सिरीज़ के 2 टी20 पारियों में उन्होंने 6 और 11 का स्कोर बनाया, जबकि शुक्रवार को पहले वनडे में 15 रन बनाकर वो फ़र्ग्युसन की गेंद पर बोल्ड हो गए. यानी पिछली पांच पारियों में पंत का स्कोर रहा है - 15, 6, 11, 3, 6. क्या ऐसे स्कोर किसी टीम के मनोबल को बढ़ा सकते हैं?

संजू सैमसन की दस्तक
ऋषभ पंत की दिक़्क़त और भी बढ़ जाती है जब संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी टीम से बाहर रहते हैं. पंत की ही तरह सैमसन भी विकेटकीपर बैट्समैन हैं और तेज़ी से रन बना सकते हैं. उन्होंने अब तक एक भी टेस्ट नहीं खेला है, और जैसा कि पहले ही बताया गया है, टेस्ट क्रिकेट में पंत की बैटिंग ज़बर्दस्त रही है और वहां सैमसन या किसी दूसरे खिलाड़ी की जगह नहीं बनती है.

लेकिन वनडे में अगर तुलना करें तो पाएंगे कि सैमसन ने 9 पारियों में 76.50 की औसत से 294 रन बनाए हैं. उन्होंने हाल ही में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 86 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली. वहीं टी20 इंटरनेशनल के 16 मैचों में उन्होंने 21 की औसत से 294 रन बनाए हैं. उन्होंने ये रन 135 के स्ट्राइक रेट से बनाए हैं जो पंत से कहीं ज़्यादा है.

शुक्रवार के वनडे मैच में भी उन्होंने 38 गेंदों पर 36 रन बनाए और श्रेयस अय्यर के साथ बढ़िया साझेदारी निभाई. सैमसन की बैटिंग में उनका क्लास साफ़ झलकता है और आईपीएल की पारियों में पूर्व के कई महान खिलाड़ियों को भी उन्होंने तारीफ़ करने के लिए मजबूर किया है.

हालांकि जो बात उनके ख़िलाफ़ कही जाती है वो ये कि उन्हें कई बार पारी में अच्छी शुरुआत तो मिलती है, लेकिन वो उसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाते हैं.

तो क्या वनडे और टी20 की टीमों में पंत की संजू सैमसन को खिलाना चाहिए?

न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पहले वनडे से पहले जब पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर वसीम जाफ़र ने अपनी इलेवन की घोषणा ट्विटर पर की तो उसमें सैमसन की जगह पंत को टीम में दिखाया.

इससे पंत और सैमसन के फ़ैंस ट्विटर पर ही भिड़ गए. कुछ ने कहा कि संजू को ना खिलाना उनके ख़िलाफ़ हो रही नाइंसाफ़ी को जताता है तो कुछ का मानना था कि पंत बाएं हाथ के मैच विनर खिलाड़ी हैं और टीम में उनकी जगह बनती है.

वहीं कुछ पूर्व क्रिकेटर भी पंत को लंबा समय देने के विरुद्ध हैं. एक टीवी चैनल पर रितिंदर सोढ़ी ने बताया कि 'जब आप बहत ज्यादा मौके देते हैं तो उसके साथ और भी समस्याएं खड़ी हो जाती है. पंत जिस तरह की बल्लेबाज़ी कर रहे हैं वो टीम पर बोझ बन गए हैं और उनकी जगह सैमसन को मौका मिलना चाहिए.

वैसे पहले वनडे में पंत और सैमसन दोनों को मौका मिला. जहां पंत 15 पर आउट हुए, वहीं सैमसन ने 36 रन बनाए. दोनों खिलाड़ियों की टीम में जगह तब शायद ना बने जब रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली की टीम में वापसी होगी. ऐसे में सेलेक्टर्स को पंत और सैमसन में एक चुनना ही होगा.

माना जा रहा कि कम से कम टी20आई में सैमसन का नंबर पंत से पहले लगेगा. वनडे में भी पंत पर ख़तरा मंडरा रहा है और जल्द ही उनके बल्ले से उन्हें और उनके फ़ैंस को बड़े रनों की दरकार है. (bbc.com/hindi)

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