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नई दिल्ली, 26 नवंबर । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि 2002 दंगों में असामाजिक तत्वों को 'सबक़' सीखा कर बीजेपी ने राज्य में 'स्थायी शांति' क़ायम की है. अब अमित शाह के इस बयान पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उन्होंने (अमित शाह) अपराधियों को आज़ाद करने का सबक़ सिखाया है.
गुजरात की एक मुस्लिम बस्ती जुहापुरा में शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, "अमित शाह ने एक सार्वजनिक रैली के दौरान एक बयान दिया कि उन्होंने 2002 में हमने जो सबक़ सिखाया था उसकी वजह से राज्य में अमन क़ायम हो गया. मैं इस इलाक़े के सांसद और देश के गृह मंत्री से कहना चाहूंगा कि जो सबक़ आपने सिखाया वो ये था कि बिलकिस का रेप करने वालों को आप छोड़ेंगे. आपने ये सबक़ सिखाया कि बिलकिस के सामने उसकी बच्ची को मारने वालों को आप छोड़ेंगे. जो सबक़ अमित शाह ने सिखाया वह ये था कि एहसान जाफ़री का क़त्ल किया जाएगा.”
“याद रखिएगा सबक़ सिखाने से कुछ नहीं होता, अमन उसी वक़्त मज़बूत होता है जब मज़लूमों से इंसाफ़ होता है.”
अमित शाह ने क्या बोला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक चुनावी रैली में कहा था कि गुजरात में पहले असामाजिक तत्व हिंसा में शामिल रहते थे क्योंकि कांग्रेस उनका समर्थन करती थी. लेकिन जब 2002 में उन्हें 'सबक़' सिखाया गया तो उन्होंने इस तरह की गतिविधियां बंद कर दी. इस तरह बीजेपी ने राज्य में ' स्थायी शांति' क़ायम की.
गुजरात के खेड़ा ज़िले के महुदा में बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित रैली में शाह ने कहा, ''गुजरात में 1995 से पहले कांग्रेस के शासन में काफ़ी सांप्रदायिक दंगे हुआ करते थे.
''कांग्रेस अलग-अलग समुदायों और जातियों को एक दूसरे के ख़िलाफ़ भड़काती रही है. ऐसे दंगों से कांग्रेस ने अपना वोट मज़बूत किया और समाज के एक बड़े वर्ग के साथ अन्याय किया है. ''
गुजरात में फ़रवरी 2002 में गोधरा स्टेशन पर आगज़नी की घटना के बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. (bbc.com/hindi)