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भारत के विश्वगुरु बनने की राह में विश्वरंग महत्वपूर्ण-उइके
26-Nov-2022 2:58 PM
भारत के विश्वगुरु बनने की राह में विश्वरंग महत्वपूर्ण-उइके

रविंद्र नाथ टैगोर विवि एवं सीवीआरयू के साहित्य महोत्सव के समापन में पहुंची राज्यपाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 26 नवंबर।
रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं डॉक्टर सी वी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर ने भोपाल में सात दिनों का साहित्य, कला और संस्कृति के संगम विश्व रंग का आयोजन किया था। इसका
रंगारंग व आतिशी समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके थीं। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर एवं लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग मंत्री  प्रभूराम चौधरी, विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे एवं विश्वरंग परिवार के सदस्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि उइके ने कहा कि विश्वरंग आयोजन के माध्यम से देश-दुनिया की कला, संस्कृति और साहित्य का संगम हुआ है। साहित्य एवं संस्कृति के इस वैश्विक आदान प्रदान से भारतीय युवाओं को भी भारत के साथ दुनिया की संस्कृति का ज्ञान होगा। भारतीय संस्कृति की विशेषताओं को यह आयोजन दर्शाता है। सही मायने में सामाजिकता, कला, संस्कृति के मूल्यों को युवा स्वीकार कर सकें, यह दायित्व साहित्यकारों का है।

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत के विश्वगुरु बनने की राह में विश्वरंग महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि मैंने अपने जीवन में अब तक कला, संस्कृति एवं साहित्य पर केंद्रित ऐसा कार्यक्रम न कभी देखा, न कभी सुना है। राज्यपाल ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं पहली बार इसी सदन (मिंटो हॉल) में विधायक बनकर आई थी और आज राज्यपाल के लिए शामिल हो रही हूं। यह सदन मेरे लिए मंदिर है।

संस्कृति मंत्री, मप्र उषा ठाकुर ने कहा कि कई सदियों में संतोष चौबे जैसी विभूतियों का जन्म होता है। टैगोर के नाम पर इतना कार्य करना सराहनीय है। कला, संस्कृति साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में काम करने के लिए टैगोर स्वयं भी आशीर्वाद दे रहे हैं, जिसके माध्यम संतोष चौबे हैं।

लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग मंत्री, प्रभुराम चौधरी ने कहा कि विश्वरंग जैसे आयोजन से वैश्विक स्तर पर भाषाओं के साथ संवाद स्थापित होता है। विश्वरंग खुशियां का रंग भरने वाला आयोजन है। यह भारतीय कला संस्कृति एवं साहित्य को विश्व पटल पर ले जाएगा।
विश्वरंग की सह-निदेशक डॉ. अदिती चतुर्वेदी वत्स ने पुस्तक यात्रा से लेकर विश्वरंग के समस्त कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी  दी। गेट सेट पेरेंट के चिल्ड्रंस लिटरेचर आर्ट एंड म्यूजिक फेस्टिवल की निदेशक डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने बाल महोत्सव की पूरी जानकारी दी और बच्चों के उत्साह को रेखांकित किया। विश्वरंग के सह-निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने आभार प्रकट किया।

एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजन -गौरव
इस अवसर पर डॉक्टर सी वी रमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि कला साहित्य और संस्कृति को लेकर यह एशिया का सबसे बड़ा और भव्य आयोजन है, जिसमें इस वर्ष 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।
उन्होंने अपनी कला साहित्य संस्कृति और भाषाओं का आदान-प्रदान किया। ऐसे आयोजन वैश्विक स्तर पर भारत को एक विशिष्ट पहचान देते हैं।
इस अवसर पर डॉक्टर सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि कला, संस्कृति, साहित्य पर वैश्विक स्तर पर आयोजन करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय है। अपने शैक्षणिक कार्य के साथ- साथ भारतीय भाषाओं पर केंद्रित वैश्विक विमर्श के लिए या खुला मंच है।

अगले साल नए रंग और नई ऊर्जा के साथ होगा-चौबे
विश्वरंग विश्व के निदेशक संतोष चौबे ने कहा कि अगले साल नए रंगों, नई ऊर्जा व नई उपलब्धियों के साथ और नए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर हम आपके बीच होंगे। उन्होंने विश्व रंग में हुए कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विचारक पवन वर्मा डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे शिक्षाविद डॉ. मुकुल कानिटकर पूर्व आईएएस मनोज श्रीवास्तव लेखक प्रतिभा राय पंकज सुबीर , प्रज्ञा रोहणी,  मुशायरे में नुसरत मेहंदी सहित देश के बड़े कलाकारों ने  शिरकत की।

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