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-प्रभाकर मणि तिवारी
बंगालियों को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर फ़िल्म अभिनेता परेश रावल के ख़िलाफ़ कोलकाता पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज किया है. हालांकि परेश रावल ने दो दिन पहले ही अपने इस बयान के लिए माफ़ी मांग ली थी.
परेश रावल के ख़िलाफ़ सीपीएम के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने रविवार को मामला दर्ज किया है.
सीपीएम नेता ने कोलकाता के तालतला थाने में दर्ज अपनी शिकायत में कहा था कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रावल ऐसा भाषण दे रहे हैं जो बंगाली समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत की भावना को भड़का सकता है. इसकी वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले बंगाल के लोग प्रभावित हो सकते हैं.
मोहम्मद सलीम ने कहा है कि रावल ने बांग्लादेशियों, रोहिंग्या, बंगाली और मछली से गैस सिलेंडर को जोड़ते हुए बंगालियों का ज़िक्र किया था.
दरअसल, परेश रावल का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था. वीडियो में वो गुजराती भाषा में वलसाड की एक सभा को संबोधित कर रहे थे.
रावल ने कहा था, "गैस सिलेंडर महंगे हैं, इनकी कीमत में कमी आएगी. लोगों को रोज़गार भी मिलेगा. लेकिन क्या होगा अगर रोहिंग्या प्रवासी और बांग्लादेशी दिल्ली की तरह आपके आसपास रहने लगें? गैस सिलेंडर का क्या करोगे? बंगालियों के लिए मछली पकाओगे?"
इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभिन्न तबके के कई लोगों ने इसकी आलोचना की. उसके बाद रावल ने इसके लिए माफ़ी मांगी. उनकी माफ़ी के बावजूद बंगाल के लोगों में भारी नाराज़गी है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने एक ट्वीट में लिखा, "असल में केमछो कॉमेडी करने वाले व्यक्ति को माफ़ी मांगने की ज़रूरत नहीं है. बंगालियों की तरह मछली पकाने का दूसरा हिस्सा है, बंगालियों की तरह दिमाग रखना. किसी भी दूसरे भारतीय राज्य के मुक़ाबले कहीं अधिक नोबेल पुरस्कार विजेता हैं यहां."
राज्य सरकार में मंत्री डॉ शशी पांजा कहती हैं, "आपकी पार्टी वर्ष 2021 का विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी तो अब आप बंगाल को निशाना बना रहे हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है."(bbc.com/hindi)