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एसडीएम के स्टे के बाद गांव के दर्जन से ज्यादा दबंगों ने ग्रामीण के पक्के को मकान तोड़ा, महिलाओं को मारा,11 बंदी
06-Dec-2022 2:34 PM
एसडीएम के स्टे के बाद गांव के दर्जन से ज्यादा दबंगों ने ग्रामीण के पक्के को मकान तोड़ा, महिलाओं को मारा,11 बंदी

 स्थगन की जानकारी नहीं मिली-ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुण्ठपुर (कोरिया),
6 दिसंबर। एसडीएम के स्टे के बाद भी गांव के एक दर्जन से ज्यादा दबंगों ने एक ग्रामीण के पक्के को मकान तो तोड़ डाला, साथ ही घर की महिलाओं को उठा कर सडक़ पर पटक कर बेरहमी से मारा, एक महिला गंभीर रूप से घायल हुई। पुलिस ने मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

इस संबंध में खडग़वां थाने के टीआई विजय सिंह का कहना है कि तोडऩे की सूचना तो हमें मिली, पर स्थगित होने की सूचना भी पुलिस को नहीं मिली, मामले में ग्रामीणों को भी इसकी सूचना दी जानी थी, घर तोडऩे की सूचना मिलते ही सभी आरोपियों पर गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।  

कोरिया जिले के बचरपोड़ी तहसील के ग्राम जिल्दा के संगवारीपारा निवासी नवल सिंह ने सरकारी भूमि पर घर बना कर रह रहा था, नवल सिंह के साथ 4-5 लोगों ने और घर बनाये थे।

 गांव के लोगों ने एकजुट होकर सरकारी भूमि को खाली करने को कहा, कुछ लोगो ने अपने घर तोड़ कर हटा लिए, जिसके बाद ग्रामीणों ने नवल सिंह के खिलाफ तहसीलदार कार्यालय में शिकायत की, मामला तहसीलदार न्यायालय में चला, तहसीलदार ने मकान तोडऩे का आदेश दिया, जबकि एसडीएम ने मकान के तोडऩे पर रोक लगा दी,, जिसकी सूचना ग्रामीणों को नहीं मिली, जबकि तहसीलदार का आदेश ग्रामीणों को मिल गया,  ग्रामीणों में इस बात की गलतफहमी हो गई कि तहसीलदार ने घर तोडऩे के लिए उन्हें कहा है, फिर क्या था पूरा गांव एकजुट हुआ ।

सोमवार शाम 4 बजे सभी आरोपी नवल सिंह के घर पहुंच गए, घर में नवल सिंह की पत्नी, बहू और बेटी मौजूद थी, काफी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने महिलाओं को घर से निकलने को कहा, जिस पर महिलाओं ने विरोध किया। 
जिस पर नवल सिंह की पत्नी को एक व्यक्ति के द्वारा सडक़ पर पटक दिया जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आई, इसके बाद सभी घर को तोडऩे में जुट गए, घर की ईंट की दीवारों को अपने साथ लाये फावड़ा गैती से आरोपियों ने तोड़ डाला। 
इस तरह पूरा घर को तहस नहस कर के चलते बने, जिसके बाद पीडि़ता के साथ परिजन खडग़वां थाने पहुंचे, जिसके बाद पुलिस ने फौरन कार्यवाही करते हुए सभी 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 
वहीं पीडि़त नवल सिंह के कहना है कि घर को तोड़े जाने से उसका 5 लाख का नुकसान हुआ है। घर मे रखे बर्तन के साथ कपड़े और तमाम तरह के समान तोड़ डाले। 

स्थगन की जानकारी नहीं मिली

ग्रामीण का घर तोडऩे के मामले में यदि एसडीएम कोर्ट के न्यायालय से मिले स्थगन आदेश की जानकारी ग्रामीणों को समय रहते मिल जाती तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। ग्रामीणों को तहसीलदार के घर को तोडऩे के आदेश की जानकारी दी गई थी, बस इसी गलतफहमी में ग्रामीणों ने तैश में आकर न सिर्फ मकान तोड़ा बल्कि महिलाओं से मारपीट भी की।

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