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अमेरिका के नए जर्नलिज़्म क़ानून पर मेटा की आपत्ति, FB से न्यूज़ कंटेट हटाने की धमकी दी
06-Dec-2022 4:17 PM
अमेरिका के नए जर्नलिज़्म क़ानून पर मेटा की आपत्ति, FB से न्यूज़ कंटेट हटाने की धमकी दी

-बेन डेरिको और जेम्स क्लेटन
नई दिल्ली, 6 दिसंबर ।
  मेटा ने अमेरिका में फ़ेसबुक से न्यूज़ कंटेंट को हटाने की धमकी दी है.

कंपनी ने एक नए क़ानून पर आपत्ति जताते हुए ये धमकी दी है. इस क़ानून से न्यूज़ कंटेंट देने वाली कंपनियों को फ़ेसबुक पर अपनी सामग्री शेयर करने के एवज में भुगतान को लेकर मोलभाव करने के लिए अधिक शक्तियां मिल जाएंगी.

इसी तरह क़ानून ऑस्ट्रेलिया में भी पास किया गया था. इसके बाद फ़ेसबुक पर कुछ समय के लिए ख़बरें प्रतिबंधित हो गई थीं.

मेटा का दावा है कि उसका प्लेटफ़ॉर्म न्यूज़ कंपनियों को ट्रैफ़िक बढ़ाने में मदद करता है, फिर चाहे वो छोटी कंपनी ही क्यों न हो.

मेटा का कहना है कि फ़ेसबुक पर कंपनियां ख़बरें इसलिए शेयर करती हैं क्योंकि इससे उनकी मदद होती है.

इस क़ानून का नाम जर्नलिज़्म कॉम्पिटिशन एंड प्रिज़रवेशन एक्ट (जेसीपीए) है. इसे मिनेसोटा के सीनेटर एमी लॉब्यूचर ने संसद में पेश किया था.

इससे प्रकाशकों और ब्रॉडकास्टरों के पास अपने कंटेंट के बदले में सोशल मीडिया कंपनियों से भुगतान पर मोलभाव करने की अधिक शक्तियां मिलेंगी.

मेटा के प्रवक्ता ऐंडी स्टोन ने कहा, "अगर कांग्रेस इस जर्नलिज़्म बिल को पास करती है तो हमें अपने प्लेटफ़ॉर्म से न्यूज़ कंटेंट हटाने को मजबूर होना पड़ेगा."

मीडिया कंपनियों का तर्क है कि मेटा को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर हो रही ख़बरों से बहुत आमदनी होती है.

वहीं मेटा इस तर्क को ख़ारिज करता है और कहता है कि उसका प्लेटफ़ॉर्म संघर्ष कर रही छोटी-छोटी मीडिया कंपनियों को भी अधिक से अधिक पाठक-दर्शकों तक पहुंचने में मदद करता है. साथ ही ये उसकी कमाई का एक छोटा सा हिस्सा है. (bbc.com/hindi)

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