सामान्य ज्ञान
अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 में बाबरी मस्जिद को उग्र हिंदू कारसेवकों ने गिरा दिया था। इसके बाद भारत दंगों की आग में घिर गया। आजाद भारत में इससे पहले इतनी बड़ी सांप्रदायिक घटना कभी नहीं हुई।
उग्र हिंदुओं की इस हरकत के बाद से ही अयोध्या भारत में हिंदू मुसलमान के बीच की सबसे बड़े विवाद की वजह बन गया। विवादित जगह पर अस्थायी मंदिर बना कर राम की मूर्ति स्थापित कर दी गई और उनकी पूजा भी शुरू हो गई। राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को कोर्ट के जरिए सुलझाने की बात कही और फिर अदालती कार्रवाई शुरू हुई।
लंबी सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 2010 में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया। इसमें एक हिस्सा रामलला को, जिसका प्रतिनिधित्व हिंदू महासभा कर रही है, दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपने की बात कही गई। तीनों पक्ष पूरी जमीन पर अपना हक जता रहे हैं और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है।