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रांची, 7 दिसंबर। झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य के मंत्री आलमगीर आलम और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व सहयोगी पंकज मिश्रा से जुड़े मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पक्षकार बनाने का आदेश दिया।
मामला पाकुड़ जिले के बरहरवा रोड स्थित एक टोल प्लाजा की निविदा में कथित अनियमितता से जुड़ा हुआ है। न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी ने विषय पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि ईडी को मामले में एक पक्ष बनाया जाए।
पाकुड़ के एक व्यवसायी शंभू नंदन कुमार ने 2020 में आलम और मिश्रा के खिलाफ याचिका दायर की थी। मिश्रा मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि हुआ करते थे। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि आलम ने ‘‘पाकुड़ में बरहरवा रोड पर टोल टैक्स केंद्र की नीलामी को प्रभावित करने में अपने रसूख का इस्तेमाल करने की कोशिश की।’’
याचिकाकर्ता ने मंत्री पर धमकी देने का भी आरोप लगाया। झारखंड पुलिस ने पिछले महीने कहा था कि बरहरवा टोल प्लाजा निविदा मामले में कथित धमकी के संबंध में जांच में मिश्रा और आलम को ‘निर्दोष’ पाया गया है। (भाषा)