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फिर सुलगा महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद
07-Dec-2022 1:06 PM
फिर सुलगा महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पिछले कुछ दिनों से फिर गरमाया हुआ है. दोनों राज्यों के नेताओं के बीच जुबानी जंग के बीच कर्नाटक में कुछ हिंसक घटनाएं भी हुईं हैं.

  डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी

कर्नाटक के सीमावर्ती इलाके बेलगावी के करीब महाराष्ट्र के कुछ वाहनों पर पथराव के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों के नेताओं ने कर्नाटक को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है. मंगलवार को उस वक्त कन्नड़ कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जब गुस्साई भीड़ ने महाराष्ट्र के नंबर प्लेट वाले ट्रकों पर हमला कर दिया. पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिंसा के बाद हिरासत में ले लिया.

दरअसल, कर्नाटक के बेलगावी के मराठीभाषी इलाकों पर महाराष्ट्र दावा करता रहा है. यह हिंसा उसी के विरोध में हुई है. दूसरी ओर शिवसेना ने महाराष्ट्र आने वाली कर्नाटक की बसों पर 'जय महाराष्ट्र' लिखकर विरोध जताया.

इस बीच मंगलवार को महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने फोन पर बातचीत की और अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर सहमत हुए, लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि इस मुद्दे पर कर्नाटक के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.

सीमा विवाद पर बोम्मई के कड़े तेवर

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ट्वीट कर कहा, "महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फोन पर मुझसे बात की. हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि दोनों राज्यों में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहनी चाहिए."

उन्होंने आगे कहा, "चूंकि दोनों राज्यों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, लेकिन जहां तक कर्नाटक सीमा का संबंध है, हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चलेगी."

क्या है सीमा विवाद

बेलगावी क्षेत्रीय विवाद के केंद्र में है क्योंकि महाराष्ट्र दावा करता रहा है कि 1960 के दशक में राज्यों के भाषा-आधारित पुनर्गठन में यह मराठी बहुल क्षेत्र कन्नड़ बहुल कर्नाटक को गलत तरीके से दिया गया था. कर्नाटक ने हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ गांवों पर अपना दावा फिर से शुरू कर दिया है, जिससे उग्रता का एक नया दौर शुरू हो गया है, जबकि दोनों राज्यों में एक ही पार्टी बीजेपी सत्ता में है.

कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट के प्रावधानों के तहत किए गए सीमांकन अंतिम है. रिपोर्ट में महाराष्ट्र के कुछ हिस्से जैसे सोलापुर और मिराज को कर्नाटक में शामिल किया गया है. वहीं कर्नाटक के खानापुर और उत्तर कन्नड़ के तालुकों के कुछ गांव महाराष्ट्र में जाएंगे.

यह दावा करने के लिए कि बेलगावी राज्य का एक अभिन्न अंग है, कर्नाटक ने बेलगावी में सुवर्ण विधान सौधा का भी निर्माण किया, विधान सौधा बेंगलुरु में राज्य सचिवालय की विधान सौधा पर आधारित है और वहां सालाना एक सत्र आयोजित किया जाता है. महाराष्ट्र इस आधार पर बेलगावी के विलय की मांग कर रहा है कि जिले में मराठी भाषी आबादी काफी है, जिसका कर्नाटक विरोध करता रहा है.

इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि सीमावर्ती गांवों में 'भय का माहौल' पैदा किया गया है. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र ने एक धैर्यपूर्ण रुख अपनाया है, लेकिन अगर अगले 24 घंटों में ये हमले नहीं रुके तो लोग दूसरा तरीका अपनाएंगे और इसके लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे. मैं राज्य के सांसदों से संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्री से बात करने का अनुरोध करूंगा."

उन्होंने कहा, "अगर मराठी भाषी लोगों के खिलाफ अन्याय अगले 48 घंटे में नहीं रुका तो मुझे बेलगावी जाकर उनका समर्थन करना होगा."

कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच इस विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है और कर्नाटक बीजेपी आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कोई भी नरम रुख अपनाना नहीं चाहती जिससे कि वहां की कन्नड़ जनता के बीच कोई गलत संदेश जाए. (dw.com)

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