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पन्ना (मध्य प्रदेश), 7 दिसंबर। पन्ना टाइगर रिजर्व के पास एक बाघ संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिला। उसका शव पेड़ पर लटका हुआ पाया गया था। वन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि शिकारियों द्वारा आमतौर पर जानवरों को फंसाने के लिए वाहनों के क्लच वायर का इस्तेमाल किया जाता है। संदेह है कि किसी अन्य जानवर के लिए जाल बिछाया गया था और बाघ उसमें फंस गया।
वन अधिकारियों को मंगलवार रात को सूचना मिली कि तिलगुआ बीट में एक बाघ का शव पेड़ से लटका हुआ है। सूचना पाकर वन कर्मियों का दल मौके पर पहुंचा।
अधिकारी ने कहा कि यह गुत्थी है कि दो साल की आयु का भारी भरकम बाघ तार में कैसे फंसा और पेड़ से कैसे लटक गया।
छतरपुर रेंज के वन संरक्षक संजीव झा ने कहा, ‘‘ हम जांच कर रहे हैं कि बाघ कैसे और किन परिस्थितियों में मरा है। हमने नमूने भी लिए हैं और पशु चिकित्सकों ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम किया है।’’
अधिकारी ने कहा कि बाघ की मौत की जांच के लिए श्वान दल को भी लगाया गया है। उन्होंने स्थानीय लोगों से बाघ की मौत के संबंधित कोई भी जानकारी साझा करने की अपील की है।
इस बीच, मामले को गंभीरता से लेते हुए भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष व खजुराहो से लोकसभा के सदस्य विष्णु दत्त शर्मा ने वन अधिकारियों के साथ-साथ पन्ना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से इस मुद्दे पर बात की।
शर्मा ने एक बयान में कहा कि वन विभाग के प्रमुख सचिव भी उस स्थान पर पहुंचे जहां बाघ का शव मिला है।
उन्होंने कहा, "मैंने अधिकारियों को मामले की सख्त तरीके से जांच करने का निर्देश दिया है और जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उसके साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि वन अधिकारियों के साथ-साथ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को भी इस मुद्दे पर सतर्क रहना चाहिए।
मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना और संजय दुबरी नाम के छह टाइगर रिजर्व हैं। (भाषा)