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छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : मैरेज वैन्यू में तय हुआ क्रिकेट मैच...
08-Dec-2022 5:53 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : मैरेज वैन्यू में तय हुआ क्रिकेट मैच...

मैरेज वैन्यू में तय हुआ क्रिकेट मैच...

गुजरात, और हिमाचल के चुनाव के नतीजे से पहले जयपुर में दो दिन पहले रायपुर के एक कारोबारी की बेटी की शादी थी। शादी समारोह में राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला, और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह साथ-साथ नजर आए। कारोबारी छत्तीसगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े  हैं, और राजीव शुक्ला व जय शाह से इसी वजह से संबंध हैं।

राजीव शुक्ला छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य बने हैं। उनके प्रयासों से ही रायपुर में  भारत, और न्यूजीलैंड के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच तय हो पाया है। नवा रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में 21 जनवरी को यह मैच खेला जाएगा। सुनते हंै कि शादी समारोह के बीच ही क्रिकेट मैच के आयोजन की रूप रेखा तैयार हुई। बीसीसीआई के कर्ताधर्ता राजीव शुक्ला, और जय शाह साथ-साथ थे, तो सब कुछ  आम सहमति से तय हो गया।

हिमाचल से भी खो...

हिमाचल प्रदेश में जीत से राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला, और सीएम भूपेश बघेल का कद बढ़ा है। क्योंकि राजीव चुनाव प्रभारी थे, और भूपेश सह प्रभारी थे। दोनों ही चुनाव के प्रमुख रणनीतिकार रहे। अब चुनाव नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आए हैं, तो दोनों को श्रेय मिलेगा ही। इससे परे भाजपा के चुनाव संचालक की कमान सौदान सिंह संभाल रहे थे।

सौदान सिंह लंबे समय तक छत्तीसगढ़ भाजपा की संगठन की धुरी माने जाते रहे हैं। यही नहीं, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की प्रतिष्ठा भी दांव पर थी। पूर्व मंत्री राजेश मूणत सहित कई नेता प्रचार के लिए हिमाचल प्रदेश भी गए थे, लेकिन पार्टी को यहां झटका लगा है। ऐसे में यहां के नतीजे छत्तीसगढ़ के नेताओं के लिए भी अहम रहा है।

छत्तीसगढ़ में अब ‘आप’ की भूमिका

वैसे तो गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों पर पूरे देश का ध्यान लगा था, पर छत्तीसगढ़ में लोगों को आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर जिज्ञासा थी। पार्टी नेता घोषणा कर चुके थे कि गुजरात के बाद उनका लक्ष्य छत्तीसगढ़ में सक्रिय होना है। बीते एक डेढ़ साल से इसकी तैयारी बड़े स्तर पर हो रही है। छत्तीसगढ़ में जन्म लेने वाले संदीप पाठक को पंजाब से राज्यसभा में इसलिए भी भेजा गया कि 2023 में लाभ लिया जा सके। वे गुजरात चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के कई दौरे हो चुके हैं। खैरागढ़ और भानुप्रतापपुर उप-चुनाव में प्रत्याशियों का खड़ा नहीं करने की रणनीति इसीलिए बनाई गई कि गुजरात के नतीजों का उदाहरण रखकर सीधे आम चुनाव में ताल ठोंकी जाए। पर आप को गुजरात ने निराश कर दिया। इस कमजोर प्रदर्शन ने छत्तीसगढ़ में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनाने की उम्मीद रखकर चलने वाले नेताओं को मायूसी हाथ लगी है। पंजाब और फिर दिल्ली नगर-निगम में मिली जीत का जोश गुजरात के नतीजे के आगे कमजोर पड़ गया है। इन परिस्थितियों में आप अपने आपको विकल्प की भूमिका में तैयार कर पाएगी या नहीं, यह सवाल खड़ा हो गया है। लेकिन साथ ही यह भी याद रखने की ज़रूरत है कि पंजाब के 2017 के विधानसभा चुनाव में आप को कुल 20 सीटें मिली थीं, जो 2022 में बढक़र 117 हो गई थीं, और पार्टी की सरकार बन गई थी।

कडक़ड़ाती ठंड में सडक़ पर खिलाड़ी

छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेलों को लेकर युवाओं में जितना जोश दिखाई दे रहा है, प्रशासन की उतनी ही लापरवाही जगह-जगह सामने आ रही है। समय पर चिकित्सा नहीं मिल पाने के कारण तीन खिलाडिय़ों की अब तक मौत हो चुकी है। जशपुर में जंगल में लड़कियों को रोककर आयोजन से जुड़े लोग दारू पीते मिले थे। अब जगदलपुर से भी जो खबर आई है वह भी कम शर्मनाक नहीं। भूख से बेहाल होकर खिलाडिय़ों को कडक़ड़ाती ठंड में रात को सडक़ पर निकलना पड़ा। ये वे खिलाड़ी हैं, जो स्थानीय स्तर पर जीत दर्ज करने के बाद संभागीय मुख्यालय में प्रदर्शन के लिए आए हैं। चक्का जाम होने पर अधिकारियों की नींद खुली और तब आनन-फानन में खाना तैयार किया गया। जो परोसा गया वह भी स्तरहीन था। पानी वाली दाल और कच्चा चावल। ऐसे युवा जिन्हें खेल मैदान मे दम-खम दिखाना है, उनके लिए तो भोजन पर्याप्त और पौष्टिक होना चाहिए। मगर, अफसर शायद यह समझ रहे हैं कि गांव से आए हुए इन युवाओं को जो खिला दो या न भी खिलाओ, क्या फर्क पड़ता है। जनप्रतिनिधियों को भी शायद इन खेल समारोहों में मंच और माइक की चिंता रहती है, खिलाडिय़ों की नहीं।

वंदे भारत के लिए मालगाड़ी भी रुकेगी

बीते कई महीनों से जोन से गुजरने वाली ज्यादातर ट्रेनें देर से चल रही हैं। सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्यादा किराया देकर बैठने वाले यात्री ठगा महसूस करते हैं जब उन्हें गंतव्य तक लोकल ट्रेन की स्पीड में पहुंचाया जाता है। इस देरी के बदले में अतिरिक्त लिया गया किराया लौटाने का प्रावधान भी नहीं है। पर वंदे भारत ट्रेन के लिए खास व्यवस्था की जा रही है। यात्री ट्रेन विलंब से इसलिए चलती हैं क्योंकि मालगाडिय़ों को आगे रवाना करना होता है। वंदे भारत अकेली ऐसी ट्रेन होगी, जिसे किसी मालगाड़ी को आगे करने के लिए किसी भी स्टेशन पर रोका नहीं जाएगा। रेलवे के अधिकारी बता रहे हैं कि ट्रेन को आगे करने के लिए जरूरत पडऩे पर मालगाड़ी को भी रोका जाएगा। अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन करीब 6 ट्रेनों की समय-सारिणी में भी आंशिक बदलाव इसकी वजह से किया जाएगा। इनमें सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल हैं। इस लिहाज से वंदे भारत सचमुच स्पेशल ट्रेन होगी।

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