अंतरराष्ट्रीय
-जॉनथन बेल
ब्रिटेन, 9 दिसंबर । ब्रिटेन, जापान और इटली ने शुक्रवार को कहा है कि अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने के लिए वे हाथ मिला रहे हैं और इसमें आने वाले वक्त में अमेरिका जैसे सहयोगियों के भी शामिल होने की संभावना है.
ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जल्द ही इसकी घोषणा कर सकते हैं.
ये नया लड़ाकू विमान 2030 के दशक के मध्य तक तैयार होगा और इसमें हवा में युद्ध कर सकने की काबिलियत शामिल की जाएगी. साथ ही ये विमान दुश्मन की नज़र से बच सकने में भी सक्षम होगा.
इसमें अत्याधुनिक सेंसर के साथ-साथ आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा जो ज़रूरत पड़ने पर पायलट की मदद करेगा. ये विमान धीरे-धीरे टाइफ़ून जेट की जगह ले लेगा.
ज़रूरत पड़ने पर ये फाइटर जेट बिना पायलट के उड़ान भर सकेगा और हाइपरसोनिक मिसाइलें दागने में भी सक्षम होगा.
इस तरह के विमान बनाने का काम काफी महंगा साबित हो सकता है और एफ़-35 विमान बनाने का अमेरिकी पेंटागन का प्रोजेक्ट अब तक का उसका सबसे महंगा प्रेजेक्ट है. इस कारण ब्रिटेन इस विमान के लिए सहयोगियों की तलाश में है.
इटली के साथ इस पर पहले ही सहमति बनी हुई थी. अब इस मामले में जापान के साथ आने को बड़ा कदम माना जा रहा है क्योंकि इंडो-पेसिफ़िक में चीन के बढ़ती महत्वाकांक्षा के मद्देनज़र पश्चिमी देशों के लिए जापान अहम सहयोगी बन गया है.
अमेरिका इस तरह का फ़ाइटर जेट बनाने में जुटा हुआ है. जर्मनी, स्पेन और फ्रांस भी इस तरह के एक अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.
ब्रिटेन के लिए ये समझौता केवल सुरक्षा का मामला नहीं बल्कि आर्थिक नज़र से भी अहम है. उसे उम्मीद है कि इसके ज़रिए देश में हज़ारों नई नौकरियां पैदा होंगी और हथियारों के निर्यात के भी रास्ते खुलेंगे. (bbc.com/hindi)