विचार / लेख

नववर्ष : धर्म कोई भी हो चांद-सूरज तो सबके हैं
03-Jan-2023 4:16 PM
नववर्ष : धर्म कोई भी हो चांद-सूरज तो सबके हैं

-शरद कोकास
कुछ लोग शुभकामनाएं भेजते हुए लिख रहे हैं कि ‘अंग्रेजी नया साल मुबारक हो’। भाई यह हिंदी अंग्रेजी तेलुगू तमिल नया साल नहीं होता साल तो सिर्फ दो तरह का होता है एक वह जो सूर्य पर आधारित होता है और एक वह जो चंद्र पर होता है। कैलेंडर भी उसी आधार पर बनते हैं

हम लोग अपने दैनंदिन के कार्यों में सूर्य पर आधारित ग्रेगोरियन कैलेण्डर का उपयोग करते हैं वहीं धार्मिक कार्यों में चन्द्रमा की कलाओं पर आधारित शक और विक्रम और हिजरी संवत के कैलेंडर का उपयोग करते है। 

ग्रेगोरियन कैलेण्डर से शक और विक्रम संवत् के वर्ष की गणना कैसे की जाती है और दोनों में कितने वर्षों का अंतर है यह मैं आपको बताना चाहता हूँ । यह गणना हम वर्ष 2022  के अनुसार करते हैं। ईसवीं सन् 2022  में अन्य संवत की स्थिति निम्नानुसार है- शक संवत 1944 तथा विक्रम संवत 2079।    
अब देखिये शक संवत 1944 कैसे हुआ? (2022-78=1944)
और देखिये विक्रम संवत् 2079 कैसे हुआ? (2022+57= 2079)

शक संवत् की गणना करने के लिए हमने 2022 में से 78 घटाया और विक्रम संवत की गणना करने के लिए  2022 में 57 जोड़ दिया ।

 स्पष्ट है कि  शक संवत शक राजाओं द्वारा 78 ईसवी में प्रारंभ किया गया अर्थात जब 78 ईसवी था तब शक संवत 1 था सो वह हमेशा 2022  से 78 वर्ष पीछे चलेगा।  उसी तरह ईसवी सन 1 में विक्रम संवत् को  57 वर्ष हो चुके थे इसलिए  कि  विक्रम संवत् ईसा से 57 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया सो वह 2022 से 57 वर्ष आगे चलेगा। इसी तरीके से  आप वीर निर्वाण और बंगला संवत की गणना कर सकते हैं। 

चंद्रमा के कैलेंडर के अनुसार हर 3 साल में एक महीना बढ़ जाता है क्योंकि चंद्रमा का साल 354 दिन का और सूरज का साल 365 दिन का होता है तो हर 3 साल में एक महीना अधिक मास या खरमास जोडक़र इसे एडजेस्ट कर लेते हैं ।

लेकिन ऐसा हिजरी संवत में नहीं किया जाता इसलिए हर 33 साल में वहां 1 साल बढ़ जाता है जैसे इस समय हिजरी संवत 1444 चल रहा है उसी तरह वर्तमान में हिजरी संवत चल रहा है 1444। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग 580 साल पीछे है। 

अच्छा ध्यान रखिएगा  मार्च-अप्रैल में चैत्र मास की प्रतिपदा से शक और विक्रम संवत् अगला साल 2080 आ जाएगा इसलिए कि चंद्रमा का नववर्ष वहीं से शुरू किया जाता है और सूरज का 1 जनवरी से। धर्म कोई भी हो चांद और सूरज तो सबके हैं जो सबके लिए बराबर रोशनी देते हैं। 

बेहतर हो कि अंग्रेजी साल, हिंदू साल ,हिंदी साल ,गुजराती तेलुगू तमिल बांग्ला साल, हिजरी साल इन सब के आधार पर लडऩा छोडि़ए । समय सबके लिए बराबर है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news