सामान्य ज्ञान

रेडिएशन थैरेपी से कैंसर का इलाज किया जाता है। इस थैरेपी का एक ही उद्देश्य होता है शरीर में कैंसर के सेल्स व ट्यूमर को खत्म करना। रेडिएशन थैरेपी बाह्य रूप से एक्स रे बीम्स के रूप में, गामा किरणों या सब एटॉमिक पार्टिकल्स के रूप में दी जाती है। बाह्य रूप से रेडिएशन देने की प्रक्रिया में 5 से 15 मिनट लगते हैं और इसमें दर्द नहीं होता।
रेडिएशन थैरेपी का इलाज कैंसर कोशिकाएं को नष्ट कर कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है। इससे कैंसर कोशिकाएं बढऩे और फैलने से रोककर कैंसर पर नियंत्रण किया जाता है।
रेडिएशन थैरेपी दो प्रकार की होती है एक बाहरी रेडिएशन थैरेपी दूसरी आंतरिक रेडिएशन थैरेपी। बाहरी रेडिएशन थैरेपी में एक मशीन द्वारा कैंसर की कोशिकाओं पर उच्च-ऊर्जा वाली किरणें संचारित की जाती हैं। कैंसर के इलाज के लिए यह सबसे सामान्य तरीका है। त्वचा पर स्याही से निशान लगाकर उसी निशान पर बार-बार इलाज दिया जाता है। यह इलाज आमतौर से हफ्ते में पांच दिन किया जाता है। यह 6 या 7 हफ्तों तक चलता है। पहली बार में इसमें कुछ घंटे लग सकते हैं, लेकिन उसके बाद इलाज में सिर्फ कुछ मिनट लगते हैं।
आंतरिक रेडिएशन थैरेपी को ब्रैकीथैरेपी या इम्पलांट थैरेपी भी कहते हैं। इसमें रेडिएशन का स्रोत शरीर के भीतर या कैंसर कोशिकाओं के पास डाला जाता है। यह इम्पलांट नामक छोटे होल्डर में सील किया जाता है। इम्पलांट पतले तार, प्लास्टिक ट्यूब, कैप्सूल या बीज हो सकते हैं। इम्पलांट कुछ घंटों, कुछ दिनों के लिए डाला जाता है या इसे उस जगह छोड़ दिया जाता है। आपका डॉक्टर निश्चित करेगा कि इम्पलांट अपनी जगह कितने समय रहेगा।
रेडिएशन थैरेपी में कैंसर कोशिकाओं और सामान्य कोशिकाओं दोनों पर प्रभाव पड़ता है। सामान्य कोशिकाओं पर साइड इफेक्ट होने पर थकान महसूस करना, मितली आना, उल्टी और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ये साइड इफेक्ट इलाज के बाद खत्म हो जाते हैं।