अंतरराष्ट्रीय
स्टॉकहोम में तुर्की के दूतावास के बाहर कुरान जलाए जाने की घटना की कुवैत के विदेश मंत्री अहमद नासिर अल सबा ने निंदा की है.
उन्होंने कहा कि यह घटना दुनिया भर में मुसलमानों की भावनाओं को आहत करती है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस तरह के अस्वीकार्य कृत्यों को रोकने के लिए आगे आने के लिए कहा है.
अहमद नासिर ने कहा कि घृणा और उग्रवाद किसी भी तरह से हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए और ऐसा करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.
कुवैत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने भी इस घटना की निंदा की है.
बहरीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की घटना से लोगों को उकसाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कुरान को जलाने की घटना, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों और सिद्धांतों का उल्लंघन करती है.
इस घटना पर मिस्र के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में ऐसा करने वाले व्यक्ति को ‘आतंकवादी’ करार दिया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की घटना दुनियाभर के लाखों मुसलमानों को भड़काने का काम करती है.
इसके अलावा मुस्लिम दुनिया में सबसे बड़ी मिस्र की सुन्नी अथॉरिटी ने भी इस घटना की निंदा की है.
उन्होंने इसे मुस्लिम पवित्र मूल्यों पर हमला बताया है.
क्या है मामला ?
स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर दक्षिणपंथी नेता रासमुस पैलुदान ने शनिवार को क़ुरान जलाई.
रासमुस अति दक्षिणपंथी स्ट्राम कुर्स पार्टी के नेता हैं.
दरअसल, नेटो में शामिल होने की स्वीडन की कोशिशों के ख़िलाफ़ तुर्की की सक्रियता के चलते स्टॉकहोम में दक्षिणपंथी उसका विरोध कर रहे हैं.
रासमुस पैलुदान इस्लाम विरोधी नीतियों के लिए चर्चित रहे हैं. उन्होंने स्ट्राम कुर्स (हार्ड लाइन) नाम का एक संगठन बना रखा है, जो कथित तौर पर इस्लाम विरोधी है.
2020 में पैलुदान को नस्लवाद और कई दूसरे आरोपों में एक महीने की जेल हुई थी.
इससे पहले 2019 में डेनमार्क में हुए चुनावों में स्ट्राम कुर्स को 1.8 प्रतिशत मत मिले थे लेकिन कोई सीट नहीं मिल पाई थी.